राष्ट्रपति चुनावों के बाद आज उपराष्ट्रपति चुऩावों के लिए वोटिंग होगी। ज्ञातव्य है कि उपराष्ट्रपति चुनावों में एनडीए की ओर से वैंकया नायडू उम्मीवार हैं और विपक्ष की ओर से महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी। हांलांकि राष्ट्रपति चुनावों की तरह उपराष्ट्रपति चुनावों में भी एनडीए के उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है। ज्ञातव्य है कि उपराष्ट्रपति संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा का सभापति भी होता है। ज्ञातव्य है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव सीक्रेट बैलेट के माध्यम से होता है। बैलेट पेपर में चुनाव लड रहे उम्मीदवार का नाम लिखा होत है। इसमें चुनाव चिह्न नहीं होता। इसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोट करते हैं। उपराष्ट्रपति चुनावों में सांसद अपनी पसंद को मार्क करने के लिए एक खान पेन का इस्तेमाल करते हैं। वहीं किसी दूसरे पेन से मार्क किये गए वोट को खारिज कर दिया जाता है। ज्ञातव्य है कि उपराष्ट्रपति चुनावों के परिणाम आज ही आ जाएंगे।
अगर वोटों की गणित पर नजर डालें तो एनडीए के उम्मीदवार वैंकया नायडू की जीत तय मानी जा रही है। ज्ञातव्य है कि उपराष्ट्रपति चुनावों में राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य वोटिंग करते हैं। ऐसे में बीजेपी लोकसभा में तो सबसे बडी पार्टी थी ही लेकिन अब राज्यसभा में भी बीजेपी सबसे बडी पार्टी बन गई है। राज्यसभा में बीजेपी के सबसे ज्यादा 58 सांसद हैं। वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस के 57 सांसद हैं। बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए के पास लोकसभा में 340 और राज्यसभा में कुल 85 सांसद हैं। ऐसे में एनडीए के उम्मीदवार वैंकया नायडू का उपराष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि बिहार में अब नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने बीजेपी से हाथ मिला लिया है। इसके बावजूद नीतीश कुमार विपक्ष का साथ देंगे। ज्ञातव्य है कि बीजेपी के साथ सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि वे उपराष्ट्रपति चुनावों में गोपालकृष्ण गांधी को ही समर्थन करेंगे। हांलांकि नीतीश जब विपक्ष के साथ थे तो उन्होंने राष्ट्रपति चुनावों में एनडीए के उम्मीदवार को समर्थन किया था। ऐसे मेें अब देखना है कि नीतीश कुमार की पार्टी उपराष्ट्रपति चुनावों में एनडीए का साथ देती है या विपक्ष का।