गायों के वध को लेकर केंद्र सरकार ने पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। यहाँ तक की गायों की खरीद परोख्त को भी नियम कानून कस तहत ला दिया है।
यही नहीं गोवंश के अलावा भैंस और ऊंट के मामले में भी यह पाबंदी लागू होगी। सरकार ने जीवों से जुड़ी क्रूर परंपराओं पर भी प्रतिबंध लगाया है, जिसमें उनके सींग रंगना तथा उन पर आभूषण या सजावट के सामान लगाना शामिल है।
पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत सख्त ‘पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार नियमन) नियम-2017 को अधिसूचित कर दिया है। अधिसूचना के मुताबिक पशु बाजार समिति के सदस्य सचिव को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी शख्स बाजार में अवयस्क गोवंश को बिक्री के लिए न लेकर आए।
‘किसी भी शख्स को पशु बाजार में गोवंश को लाने की इजाजत नहीं होगी जब तक कि वहां पहुंचने पर वह पशु के मालिक द्वारा हस्तलिखित घोषणा-पत्र न दे दे, जिसमें गोवंश के मालिक का नाम और पता हो और फोटो पहचान-पत्र की एक प्रति भी लगी हो।’
अधिसूचना के मुताबिक, ‘गोवंश की पहचान के विवरण के साथ यह भी स्पष्ट करना होगा कि उसे बाजार में बिक्री के लिए लाने का उद्देश्य उसको मारना नहीं है।’ पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अधिसूचना पशु कल्याण के निर्देश के अनुरूप है।
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की कानूनी उप समिति के पूर्व सदस्य एनजी जयसिम्हा ने कहा कि मौजूदा समय में पशु बाजार के व्यवस्था ऐसी है कि वहां दुधारू और मारने के लिए लाए गए दोनों तरह के गोवंश की खरीद-फरोख्त होती है।
ऐसे में मारने के लिए लाए गए गोवंश की पहचान करना असंभव है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार नियमन) नियम-2017 को अधिसूचित किया गया है।
इसके तहत पशु बाजार से मारने के लिए गोवंश की खरीद-फरोख्त पर रोक लग जाएगी। अब मारने के लिए गोवंश की खरीद सीधे पशु पालकों से उनके फार्म से हो सकेगी।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने सरकार से तत्काल राष्ट्रीय कानून बनाकर गो और गोवंश की हत्या पर पूरे देश में प्रतिबंध लगाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने गो हत्या में लिप्त लोगों के लिए उम्रकैद की सजा के प्रावधान की मांग की है। मारने के लिए पशु बाजारों में गोवंश की खरीद-बिक्री पर रोक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा है कि इससे समस्या का आंशिक समाधान होगा।
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने केंद्र सरकार द्वारा पशु बाजारों से मारने के लिए गोवंश की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विजयन ने कहा है कि सरकार ने आज गोवंश को मारने पर प्रतिबंध लगाया है और कल वह मछली खाने पर रोक लगा देगी।
मलयालम में लिखे अपने फेसबुक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा है कि वे भाजपा नीत केंद्र सरकार के इस ‘असभ्य फैसले’ के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार करें। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस फैसले देश के ‘धर्मनिरपेक्ष बनावट’ को नष्ट करने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के इस फैसले से लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि मारने के लिए पशु बाजारों में गोवंश की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने का मकसद पशु बाजार और गोवंश की बिक्री को नियंत्रित करना है। उन्होंने कहा कि नया कानून पूरी तरह से स्पष्ट है। इसके तहत खरीद-बिक्री करने वालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि गोवंश को मारने के लिए तो नहीं ले जाया जा रहा है।
‘गोवंश की बिक्री पर प्रतिबंध से प्रभावित होंगे किसान’
मांस एवं पशु निर्यातकों ने शुक्रवार को दावा किया कि पशु बाजार से जुड़े सरकार के नए कानून का किसानों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पशु बाजारों में काफी संख्या में किसान अपने अनुत्पादक गोवंश को बेचने के लिए आते हैं।
ऐसा कम ही होता है कि कोई किसान अधिक दूध देने वाली गाय या भैंस को बेचने के लिए बाजार लाए। अखिल भारतीय मांस एवं पशुधन निर्यातक संघ के प्रवक्ता फैजान अल्वी ने कहा कि एक भैंस पर प्रतिदिन का खर्च 125 ले 150 रुपये है, जबकि दूध 40 रुपये किलो बिक रहा है। ऐसे में पशु के दूध नहीं देने पर किसानों के लिए उन्हें पालना मुश्किल हो जाता है।