कभी जीएसटी पर विरोध के सुर ऊँचे करने वाली भाजपा अब खुद जीएसटी को लागू करने जा रही है। मनमोहन सरकार का जीएसटी पर अरुण जेटली और सुषमा स्वराज ने खासा विरोध जताया था, जबकि उस जीएसटी में जो दरें तय की गयी थीं वो इस बार के जीएसटी बिल से कम थी फिर भी भाजपा ने उस वक़्त जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया और जीएसटी को लागू नहीं होने दिया और अब जब खुद भाजपा सरकार में है तब उनको जीएसटी के सारे फायदे नज़र आ रहे हैं और जीएसटी को लागू करने जा रहे हैं।
पूरे देश के लिए एक समान टैक्स ढ़ांचे पर जीएसटी काउंसिल फैसला करने जा रही है। इस फैसले के बाद 1 जुलाई से पूरे देश में सेंट्रल एक्साइज और सर्विस टैक्स चुकाने वाले सभी कारोबारियों को इन नई दरों पर जीएसटी का भुगतान करना होगा. आज होने वाले इस फैसले से आम आदमी के लिए एक बार फिर तय होने जा रहा है कि उसे बाजार से उपभोग के लिए ली जाने वाली सुविधाएं, गुड्स और सर्विसेज की कीमत 1 जुलाई 2017 के बाद कम होगी या अधिक।
श्रीनगर में चल रही दो दिन की इस बैठक में जीएसटी काउंसिल ने पहले दिन सभी नियमों को मंजूरी दे दी थी. सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी की बैठक में 0 से 5% की स्लैब पर भी फैसला किया गया है. बैठक में जीएसटी के सभी 9 नियमों को मंजूरी दी गई है. गौरतलब है कि 0 से 5 फीसदी टैक्स स्लैब में आने वाले प्रोडक्ट्स पर नाम मात्र का टैक्स लगेगा अथवा जीरो टैक्स लगेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली साफ संकेत दे चुके हैं कि 1 जुलाई से पूरे देश में GST लागू करने की पूरी तैयारी की जा चुकी है. आज देशभर के लिए जीएसटी की नई दरों पर फैसले के बाद यह और साफ है कि 1 जुलाई से नई दरें लगेंगी. इस बदलाव का सबसे बड़ा असर आम उपभोक्ता पर पड़ेगा. हालांकि अरुण जेटली यह भी दावा कर चुके हैं कि देश में जीएसटी लागू हो जाने के बाद कोई भी कारोबारी टैक्स की चोरी नहीं कर पाएगा. लिहाजा, जब कारोबार साफ हो जाएगा तो स्वाभाविक है कि इसका फायदा और नुकसान सीधे आम आदमी को होगा।
नई टैक्स व्यवस्था को लागू करने के क्रम में जीएसटी परिषद की गुरुवार को हुई बैठक में टैक्स स्लैब तय कर दिया गया है। संभवत: 1 जुलाई से लागू किए जाने वाले गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स को लेकर फिलहाल 1,211 आइटम्स की दरें तय कर ली हैं। इसमें दूध और अनाज जैसी वस्तुओं को इसके दायरे में नहीं लाने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही तेल और साबुन की कर दरों में कटौती को मंजूरी दी गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली परिषद ने बैठक के परले सत्र में ज्यादातर आइटम्स को 18 पर्सेंट स्लैब के दायरे में रखा गया है। जानें, किन आइटम्स पर लगेगा कितना टैक्स-
इन आइटम्स पर शून्य टैक्स
फ्रेश मीट, फिश चिकन, अंडा, दूध, बटर मिल्क, दही, शहद, फल एवं सब्जियां, आटा, बेसन, ब्रेड, प्रसाद, नमक, बिंदी, सिंदूर, स्टांप. न्यायिक दस्तावेज, प्रिंटेड बुक्स, अखबार, चूडिय़ां और हैंडलूम जैसे तमाम रोजमर्रा की जरूरतों के आइटम्स को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
इन पर लगेगा 5 फीसदी टैक्स
फिश फिलेट, क्रीम, स्किम्ड मिल्ड पाउडर, ब्रैंडेड पनीर, फ्रोजन सब्जियां, कॉफी, चाय, मसाले, पिज्जा ब्रेड, रस, साबूदाना, केरोसिन, कोयला, दवाएं, स्टेंट और लाइफबोट्स जैसे आइटम्स को टैक्स की सबसे निचली 5 फीसदी की स्लैब में रखा गया है।
ऐसी जरूरी चीजों पर 12 पर्सेंट टैक्स
फ्रोजन मीट प्रॉडक्ट्स, बटर, पनीर, पैकेज्ड ड्राई फ्रूट्स, एनिमल फैट, सॉस, फ्रूट जूस, भुजिया, नमकीन, आयुर्वेदिक दवाएं, टूथ पाउडर, अगरबत्ती, कलर बुक्स, पिक्चर बुक्स, छाता, सिलाई मशीन और सेल फोन जैसी जरूरी आइटम्स को 12 पर्सेंट के स्लैब में रखा गया है।
मध्यम वर्ग की इन चीजों पर 18 पर्सेंट टैक्स
फ्लेवर्ड रिफाइंड शुगर, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, पेस्ट्रीज और केक, प्रिजर्व्ड वेजिटेबल्स, जैम, सॉस, सूप, आइसक्रीम, इंस्टैंट फूड मिक्सेज, मिनरल वॉटर, टिशू, लिफाफे, नोट बुक्स, स्टील प्रॉडक्ट्स, प्रिंटेड सर्किट्स, कैमरा, स्पीकर और मॉनिटर्स पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया है।
इन पर लगेगा सबसे ज्यादा 28 फीसदी कर
चुइंग गम, गुड़, कोकोआ रहित चॉकलेट, पान मसाला, वातित जल, पेंट, डीओडरन्ट, शेविंग क्रीम, हेयर शैम्पू, डाइ, सनस्क्रीन, वॉलपेपर, सेरेमिक टाइल्स, वॉटर हीटर, डिशवॉशर, वॉशिंग मशीन, एटीएम, वेंडिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, शेवर्स, हेयर क्लिपर्स, ऑटोमोबाइल्स, मोटरसाइकल, निजी इस्तेमाल के लिए एयरक्राफ्ट और नौका विहार को लग्जरी मानते हुए जीएसटी काउंसिल ने 28 फीसदी का टैक्स लगाने का फैसला लिया है।
इन पर घटी टैक्स दर
तेल-साबुन: जीएसटी के तहत बालों के तेल, साबुन, टूथपेस्ट पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा, जबकि अभी इस पर कर की दर 22 से 24 फीसदी है। अनाज भी जीएसटी नहीं लगेगा जिस पर अभी पांच फीसदी कर लगता है। इसके अलावा चीनी, चाय, कॉफी, खाद्य तेल पर भी पांच प्रतिशत की दर से कर लगेगा, जो मौजूदा कर की दर के करीब है, जबकि मिठाई पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। नई कर व्यवस्था के तहत कोयला भी सस्ता हो जाएगा। कोयले के परर जीएसटी दर पांच फीसदी होगी, जबकि इस पर अभी 11.69 प्रतिशत कर लगता है।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने गुरुवार को शुरू हुई अपनी दो दिन की बैठक के तहत पहले दिन 80 से 90 फीसदी वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दरों का निर्धारण कर लिया है। प्रस्तावित जीएसटी व्यवस्था में चार स्तर की दरें रखी गई हैं, जिसमें रोजमर्रा की वस्तुओं पर पांच प्रतिशत की न्यूनतम दर रखी गई है। परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री या उनके प्रतिनिधि शामिल हैं। जेटली ने कहा कि आज की बैठक में 1,211 में से छह को छोडक़र बाकी सभी वस्तुओं के लिए जीएसटी दर तय कर ली गई है। नई कर व्यवस्था में फिटमेंट इस तरीके से किया गया है कि लोगों पर इसके कारण कर का बोझ नहीं बढ़े इसलिए वस्तुओं और सेवाओं को उनके ऊपर इस समय लागू उत्पाद शुल्क, वैट या सेवा कर को ध्यान में रखकर जीएसटी की विभिन्न दरों के साथ जोड़ा जा रहा है। विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों ने रेशमी धागे, पूजा की सामग्री और हस्तशिल्प उत्पादों को जीएसटी दरों में छूट की मांग की है।
जीएसटी नेटवर्क की आरटीआई में जानकारी नहीं: गृह मंत्रालय ने जीएसटी नेटवर्क को सुरक्षा संबंधी मंजूरी का ब्योरा सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत देने से इनकार दिया है। मंत्रालय ने हाल ही में जीएसटी लागू करने के लिए जीएसटीएन को सुरक्षा मंजूरी प्रदान की है।
सस्ता– गेहूं, चावल, दूसरे अनाज, आटा, मैदा, बेसन, चूड़ा, रस्क, पिज्जा ब्रैड, नमकीन भुजिया, मिक्सचर, पास्ता, नूडल्स, पेस्ट्री और केक के दाम घटेंगे। इसी प्रकार फल-सब्जियों में प्रोसेस्ड फल-सब्जियां, फ्रूट-वेजिटेबल जूस और जूस मिक्स ड्रिंक्स सस्ते होंगे। खंडसारी में चीनी, गुड़ और फ्लेवर्ड चीनी सस्ती होगी। स्टील और कोयला में भी टैक्स कुछ कम होने से कोयला बनने वाली बिजली और लोहाग सस्ता हो सकता है। इसके अलावा दूध, दही, लस्सी, पनीर और मिल्क फूडे के दाम नहीं बढ़ेंगे।
महंगा– मेकअप के सामान, सनस्क्रीन लोशन, शैंपू, हेयर क्रीम, हेयर डाइ, शेविंग क्रीम, डिओड्रेंट। इसके अलावा तेल, घी, रिफाइंड ऑयल, जैम, जेली, चुइंगम, हेयर ऑयल, साबुन और टूथपेस्ट महंगा होगा। फ्लोर कवरिंग, बाथरूम के सामान और कारें महंगी होंगी।
जीएसटी परिषद की शुक्रवार को होने जा रही बैठक में सेवाओं पर कर की दर भी तय किए जाएंगे। साथ ही परिषद सोना, फुटवियर, ब्रांडेड आइटम व बीड़ी के लिए कर की दर तय करेगी। इस तरह डिब्बाबंद खाद्य वस्तुओं के लिए जीएसटी अभी तय की जानी है।
कुछ राज्यों की अलग मांगे
दिल्ली– 500 रुपये से कम के जूत-चप्पल को 5 फीसदी की श्रेणी में लाया जाए।
उत्तर प्रदेश– सूती, रेशमी धागा और पूजा की सामग्री पर छूट मिले
तटीय राज्य- मछली पकडऩे वाले जाल पर जीएसटी से राहत मिले
जम्मू-कश्मीर– हैंडलूम और हस्तशिल्प को शून्य प्रतिशत के दायरे में लाया जाए।