यूपी हरियाणा में दलितों से भेदभाव की ख़बरें आम हैं। दलितों पर हमले उनकी महिलाओं से छेड़छाड़ यूपी में भगवास्तान और दलितास्तान की लकीरें खींच रही है।हमारे देश में ऊँची जातियों वाले लोग दलितों को नीचा समझते हैं और उनको नीचा दिखाने के लिए उनके रास्ते अलग तक बना देते हैं। इस जात पात से लोगों का मानसिक संतुलन इतना हिल चुका है कि वो ये तक भूल गए हैं कि दलित भी इंसान हैं, हमारे देश में दलितों को बराबरी पर देखना इनके लिए शर्म की बात होती हैं, दलितों के साथ भेदभाव तो आम बात है।
अभी सहारनपुर के ही किस्से को ले लिया जाए। बवाल किस वजह से हुआ प्रशासन ने उस वजह को दबा उल्टा दलितों और दबाव बनाया और उनको जेल में डाल दिया। दरअसल रविदास मंदिर में दलित अम्बेडकर की मूर्ति लगाना चाह रहे थे जिसका कुछ सवर्णों ने विरोध किया चूंकि ये मंदिर दलितों का था तो वो मूर्ती लगाने को अड़ गए इस पर सवर्णों में ठन गयी। और इसके बाद अब आपके सामने है।
इसके बाद दलितों ने आव्हान किया कि वे अब हिन्दू धर्म को छोड़ बौद्ध धर्म अपना लेंगे। दलितों के मुताबिक जहाँ उनका अपमान हो वो उस धर्म को नहीं मानेंगे।
जिले में पहले शब्बीरपुर फिर सहारनपुर में हुए बवाल के बाद भीम आर्मी पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में तीन गांवों के दलित समाज के कुछ परिवारों ने बौद्ध धर्म अपनाने का एलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने नहर में देवी-देवताओं की मूर्तियों एवं कैलेंडर का विसर्जन कर दिया। इस दौरान 180 परिवारों द्वारा बौद्ध धर्म अपनाने का दावा किया गया है। दलितों की इस कार्रवाई से प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि एसएसपी ने इस पूरे मामले में जानकारी होने से इनकार किया है।
भीम आर्मी का समर्थन करते हुए दलित समाज के कुछ लोगों ने बृहस्पतिवार सुबह ही बौद्ध धर्म अपनाने की चेतावनी दी थी। पूर्व निर्धारित घोषणा के अनुसार दोपहर लगभग ढाई बजे ग्राम रूपड़ी, कपूरपुर और ईघरी के लोग मानकमऊ स्थित बड़ी नहर पर पहुंचे और देवी-देवताओं की मूर्तियों एवं कैलेंडरों का विसर्जन कर दिया।
इस दौरान लगभग 180 दलित परिवारों द्वारा बौद्ध धर्म अपनाने का दावा किया गया और मूर्ति पूजा त्यागने की घोषणा की गई। बौद्ध धर्म अपनाने का दावा करने वालों में नरेंद्र गौतम, रोहित गौतम, दीपक कुमार, पंक्ति गौतम, अश्वनी गौतम, कुलदीप गौतम, सोनी गौतम, कल्पना गौतम, रचना गौतम, आरती गौतम, अनारकली, मनोज, लोकेश, डॉ. बलराम, नरेंद्र, सुदेश, मैना, रीना, सावित्री, शुभम समेत आदि शामिल थे।
भीम आर्मी को साजिश कर फंसाने का आरोप
बौद्ध धर्म अपनाने वालों ने आरोप लगाया कि भीम आर्मी को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। दलित एवं पिछड़े समाज के शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वाली भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद एवं कार्यकर्ताओं पर संगीन धाराएं लगाकर जेल भेजा जा रहा है। जो गलत है।
जब भी दलित समाज पर शोषण और अत्याचार हुआ, गरीब लड़की की शादी, पढ़ाई का मामला हुआ तो भीम आर्मी आगे आती है। भीम आर्मी निशुल्क पाठशालाएं चला रही है, शहीद होने वाले सैनिकों के लिए कैंडल मार्च निकालती है। सरकार दोहरा रवैया अपना रही है।
एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे का कहना है कि दलित समाज द्वारा बौद्ध अपनाने की पुलिस को कोई सूचना नहीं है। समाज में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा रहा। जो दोषी है सिर्फ उस पर कार्रवाई हो रही है। सभी लोग समाज के अंग हैं।
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