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इंटरनेशनल कोर्ट में मिली हार से बौखलाया पाकिस्तान, कहा फैसला हमें मंजूर नहीं

 

 

 

एक पाकिस्तान, जो अपने किये पर कभी नहीं पछताता, अपनी इज्ज़त बेज्जती का पाकिस्तान को ज़रा भी इल्म नहीं होता, ऐसा ही वाक्य आज देखने को मिला जहाँ पाकिस्तान को जाधव की फांसी के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट से हार मिली और इसके बाद वो बौखला गया और पाकिस्तान की तरफ से कहा गया कि वो इस फैसले को नहीं मानता है।

कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले पर पाकिस्तान घरेलू मोर्चे पर भी चौरतरफा घिरता नजर आ रहा है। ICJ ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान में लोग भारत की जीत को पचा नहीं परा रहे हैं और सदमे में है।

पाकिस्तान में कूटनीतिक और कानूनी विश्लेषकों का कहना है कि आईसीजे में पाकिस्तानी वकील अपने पक्ष को मजबूती के साथ रखने में विफल साबित हुए हैं।

पाकिस्तान के रिटायर्ड जस्टिस शेख उस्मानी ने कहा कि आईसीजे के पास फैसले देने का अधिकार नहीं हैं। यह पाकिस्तान की गलती है कि वह इस केस के लिए आईसीजे की बहस में शामिल हुआ। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था। हमने अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मारी है। पाकिस्तान में यह केस चलता रहेगा। हालांकि कोर्ट के ऑर्डर के बाद फांसी पर रोक लग चुकी है।

लंदन में रह रहे बैरिस्टर राशिद असलम ने कहा कि पाकिस्तान पूरी सुनवाई के दौरान बेहद ही अप्रभावी था। सुनवाई के लिए निर्धारित 90 मिनटों का सही इस्तेमाल नहीं किया जिसमें से 40 मिनट बेवजह खराब कर दिए गए, जिसकी वजह से उसे मुंह की खानी पड़ी।
वहीं पूर्व अटॉर्नी जनरल इरफान कादिर ने कहा बताया कि हमारे वकील अनुभवहीन थे। मुझे इस निर्णय से बहुत बड़ा झटका लगा है। उन्होंने कोर्ट के फैसले को प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन करार दिया। हमारी दलीलें बेहद ही कमजोर साबित हुई।
कुलभूषण मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान एक बार फिर अपनी औछी हरकतों पर उतर आया है। पाकिस्तान ने कुलभूषण पर दिए ICJ के फैसले को ही मानने से इंकार कर दिया है।

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की ओर से ‌दिए गए बयान में कहा गया है कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर का है और हम इस फैसले को नहीं मानते। विदेश मंत्रालय के अनुसार ये पाकिस्तान की आतंरिक सुरक्षा का मामला है इसलिए हम अपने नियम कानूनों का पालन करेंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार विएना संधि के आर्टिकल 36 के अनुसार भी पाकिस्तान पर यह फैसला लागू नहीं होता। वहीं पाकिस्तान ने भारत पर भी अपनी खीझ निकाली, कहा कि भारत एक ऐसे व्यक्ति को बचाने का प्रयास कर रहा है जो बेगुनाह पाकिस्तानियों की मौत का जिम्मेदार है। हम इस मुद्दे पर अभी और सबूत अंतरराष्ट्रीय अदालत के सामने रखेंगे और इसे अंतिम निष्कर्ष तक ले जाने का प्रयास करेंगे। वहीं अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए कहा कि जाधव को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी। बागले ने कहा कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाने का साफ साफ आदेश दिया है जो अंतिम फैसला आने तक जारी रहेगा।

बागले ने कहा कि कोर्ट ने भी माना कि पाक ने जाधव के मानवाधिकारों का हनन किया था। ऐसे में इंटरनेशनल कानून के तहत पाक को अब अपने किए का सबक मिल सकेगा। हालांकि बागले ने पाक विदेश मंत्रालय के उस बयान पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया जिसमें अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले को मानने से इंकार कर ‌दिया।


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