भीलवाड़ा में 21 मई को एसिड अटैक में घायल होने वाली महिला की मौत हो गई है। आरोप लगाया जा रहा है कि महिला की मौत दो गलत इंजेक्शन लगाने से हुई है, जिसे एम्बुलेंस के ड्र्राइवर ने लगा दिए थे। पीड़ित महिला पिंकू कंवर की मौत के बाद अस्पताल के बाहर हंगामा खड़ा हो गया है और परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया है। वहीं, राजपूत समाज भी विरोध में उतर आया है।
जानकारी के अनुसार घायल महिला को उदयपुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उसके ठीक होने के बाद घर डिस्चार्ज भी कर दिया गया, इसके बाद वह अपने परिजनों के पास रुकी। अगले दिन उसके कमर में दर्द हुआ तो फिर से एंबुलेंस को बुलाया गया। एंबुलेंस में नर्सिंग स्टाफ नदारद था। ऐसे में चालक ने ही दो इंजेक्शन महिला के लगा दिए। उसके बाद महिला की तबीयत और बिगड़ गई। परिजन कुछ समझ पाते, एसिड अटैक पीड़िता पिंकू कंवर की मौत हो गई। उसे अस्पताल में इलाज का भी मौका नहीं मिला।
गौरतलब है कि भीलवाड़ा के कुड़ी चौराहे के पास एक महिला पर एसिड फैंककर घायल करने की दिल दहलाने वाली घटना सामने आई थी। महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कोटड़ी थाना क्षेत्र के नोहरा कानोता गांव की रहने वाली बलियाखेड़ा में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिंकू कंवर ड्यूटी के बाद घर लौट रही थी। इसी दौरान रास्ते में कुड़ी चौराहे के पास अज्ञात हमलावर ने उसके चेहरे पर ज्वलनशील फेंका और फरार हो गए। इसके बाद महिला को ईलाज के उदयपुर के अस्पताल में रैफर कर दिया गया था।
परिजनों के साथ मंगलवार को करणी सेना ने हंगामा किया। करणी सेना के जिला पदाधिकारी विश्वबंधु सिंह राठौड़ का आरोप है कि एक तो अभी तक एसिड फेंकने वाले किसी भी आरोपी को पुलिस अपने गिरफ्त में नहीं ले सकी है, यह पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। उसके बाद दोबारा तबीयत खराब होने पर एम्बुलेंस चालक एजाज खान ने महिला को गलत इंजेक्शन लगा दिया। जिससे महिला की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक वे शव नहीं उठाएंगे।