आज़म खान कई बार अपने ऊटपटांग बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। वो देश, देश की सेना और सरकार के ऊपर किसी भी प्रकार की कैसी भी टिप्पणी कर देते हैं कोई भी बयान दे देते हैं, अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर देते हैं लेकिन वो नहीं सोचते जिस देश में वो हैं चैन की सांस ले रहे हैं वो वही बैठकर कुछ भी बोल रहे हैं। वो बोलते वक़्त ये तक नहीं सोचते कि उनके इन बयानों से किसी की भावनाएँ तो आहत नहीं हो रही हैं।
लेकिन जब कोई आज़म खान को उन्हीं की भाषा में जबाव दे दे तो उन्हें दिक्कत हो जाती है उनकी भावनाएं आहत हो जाती हैं। उनके समर्थक भड़क जाते हैं सड़कों पर उतर आते हैं तोड़ फोड़ कर देते हैं और जबाव देने वाले पर केस हो जाता है उसको जेल हो जाती है।
लेकिन आज़म खान देश के नेता हैं वो नेतागीरी चमकाने के कुछ भी बोलेंगे उनके बोलने पर कोई पाबन्दी नहीं हैं।
समाजवादी पार्टी के बड़े नेता और अपने आपको प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट करने वाले आजम खान एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं। इस बार उनका निशाना बनी है इंडियन आर्मी, जिस पर आजम खान ने गंभीर आरोप जड़ते हुए यहां तक कह दिया कि सेना बलात्कार के मामलों में भी शामिल रहती है।
आजम खान ने यह आरोप रामपुर में एक कार्यक्रम के दौरान लगाए। उनकी वीडियो मीडिया में आने के बाद विवाद खड़ा हो गया। मामला सेना से जुड़ा होने के कारण सपा नेता भी आजम के इस बयान से किनारा करते दिख रहे हैं।
उनका बयान इतना शर्मनाक था कि जिसे सुनकर पूरे देश के लोगों में गुस्सा और उनके बयान को लेकर सभी नेता निंदा कर रहे हैं।
सपा प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने कहा कि आजम को ऐसे बयानों से बचना चाहिए। इस तरह के बयानों से सेना का मनोबल कमजोर होता है, आजम जैसे बड़े नेताओं को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए।
आजम ने सेना पर निहायत निदंनीय और शर्मनाक बयान देते हुए कहा कि “फौज के साथ जो हो रहा है वो हिंदुस्तान की असल जिंदगी का पर्दा उठाती है कहीं लोग फौज या बेगुनाहों का सिर उतारते हैं कहीं कोई किसी का हाथ काटकर ले जाता है। लेकिन इस मौके पर दहशतगर्द फौज के प्राइवेट पार्ट्स को काटकर साथ ले गए।”
“उन्हें हाथ से भी शिकायत नहीं थी, पैर से भी नहीं थी, सिर से भी नहीं थी। जिस्म के जिस हिस्से से शिकायत थी उसे काटकर साथ ले गए।”
आजम यहीं नहीं रुके कहा- “ये देश के लिए इतना बड़ा संदेश है जिस पर पूरे देश को शर्मिंदा होना चाहिए और सोचना चाहिए कि हम दुनिया को क्या मुंह दिखाएंगे।”
बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है कि जब आजम खान ने सेना को निशाना बनाया हो, इससे पहले भी वह सेना पर कई तरह के आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि मामला तूल पकड़ने पर वह यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि उनके बयानों को गलत मतलब लगाया गया।
कार्यक्रम के दौरान आजम की जुबान यहीं पर नहीं रुकी उन्होंने बड़े उद्यमियों को भी अपना निशाना बनाया। कहा- 90 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो खुद को उद्यमी बताते हैं पर उनका कहीं भी उद्योग नहीं है बल्कि, कागजों में उद्योग दर्शाकर सरकारी जमीन हथिया ली है। कीमती जमीन पर अलीशान कोठियां बना ली हैं। आजम बोले कि कथित उद्यमी होटलों में रेव पार्टियां करते हैं।
ऐसे लोगों ने औद्योगिक क्षेत्र रोशनबाग स्थित शौकत अली रोड कीमती जमीन आवंटित करा ली है। पत्र में कहा है कि एक-एक के पास कई-कई बीघा जमीन है, जिनमें उद्योग न लगाकर अलीशान कोठियां बना ली हैं। पूर्व सरकार में इन तथाकथित फर्जी उद्योगपतियों से सरकारी जमीनें वापस लेने और कठियों को गिराने के लिए अभियान शुरू किया था।
मई 2014 को जिला प्रशासन ने फर्जी उद्यमियों के अजीतपुर स्थित 17 व रोशन बाग स्थित 13 प्लाटों का आवंटन भी निरस्त किया था। पत्र में कहा है कि संज्ञान में आया है कि तथाकथित उद्योगपति दबाव बनाकर पूर्व में लिए फैसले को बदलवाने का प्रयास कर रहे हैं।
भैंस मामले से लेकर ये आज़म खान के कुछ विवादित बयान जिनकी वजह से वो खूब चर्चा में बनें रहे
He has gone mad.