
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जनता ने महायुति को भारी बहुमत दिया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की कड़ी मेहनत ने भाजपा को बंपर जीत दिलवाई जिसका असर पूरी महायुति सरकार पर पड़ा। क्योंकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी को भी इसका भरपूर फायदा मिला।
वहीं बता दें कि महायुति सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार तो हो गया लेकिन पिछले कुछ दिनों से पालक यानी प्रभारी मंत्रियों के नामों की घोषणा नहीं की गई थी। अब ऐसे में शनिवार देर शाम जिले के प्रभारी मंत्रियों के नामों की घोषणा हो गई। लेकिन इन सबमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाला जो नाम सामने आया वो था प्रदेश अध्यक्ष और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बवानकुले का। महाराष्ट्र भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले बावनकुले को राजस्व मंत्रालय तो मिला ही साथ ही उन्हें दो जिलों का पालकमंत्री भी बनाया गया है। उन्हें नागपुर और अमरावती की जिम्मेदारी दी गई है।
वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पुणे के साथ बीड जिले की जिम्मेदारी मिली। लेकिन कई लोगों के नाम भी कटे हैं। संतोष देशमुख मामले में अपने करीबी सहयोगी वाल्मीक कराड का नाम आने के बाद अजित पवार ने धनंजय मुंडे को प्रभारी मंत्री पद से दूर रखने का फैसला किया है। इसके साथ ही कई नए चेहरों को प्रभारी मंत्री के रूप में काम करने का अवसर मिला है।
पंकजा मुंडे को पालक मंत्री नियुक्त किया गया है। उन्हें जालना के संरक्षक मंत्री का पद दिया गया है। दूसरी ओर, रायगढ़ के पालक मंत्री का पद अदिति तटकरे को दिया गया है। पिछले कुछ दिनों से यहां भरत गोगावले को पालकमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा था। चंद्रशेखर बावनकुले को अमरावती और नागपुर के संरक्षक मंत्री का पद दिया गया है
बता दें कि चंद्रशेखर बवानकुले अभी भी महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष हैं। महाराष्ट्र में अभी महानगर पालिका और बीएमसी के इलेक्शन होने बाकी हैं। विधानसभा में बंपर जीत के बाद भाजपा के हौसले बुलंद हैं। यही वजह है कि चंद्रशेखर बवानकुले को मंत्री बनाए जाने के बाद भी उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त नहीं किया गया है। साथ ही अब वे दो जिलों के पालकमंत्री भी बन गए हैं।