अब ऐसे में बिहार में एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर जिस तरह की राजनीतिक खींचतान शुरू हुई है वो भाजपा की मुश्किल बढ़ाने वाली हैं।
वहीं दूसरी ओर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने जहां साफ कर दिया कि वो इन उपचुनाव में चुनाव नहीं लड़ेंगे। अब ऐसे में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने एक सीट पर दावा ठोक रहे हैं। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) पहले ही दावा कर चुकी है, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद ने तीनों सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने की बात कही है। ऐसे में अब सबकी नजर भाजपा पर है, क्योंकि यूपीए से ज्यादा नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) में बगावत की आशंका है।
बिहार में तीन सीटों में हो रहे उपचुनावों में सबसे ज्यादा विवाद जहानाबाद सीट को लेकर है। जहानाबाद सीट राजद के मुद्रिका सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई। राजद उनके बड़े बेटे सुदय यादव को प्रत्याशी बनाने की तैयारी में है। लेकिन एनडीए के घटक दल अपनी-अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। रालोसपा की तरफ से रामजतन सिन्हा और प्रवीण सिंह की दावेदारी प्रबल है।
इस बीच, हम सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने शनिवार को कहा कि जहानाबाद सीट हम को मिले, क्योंकि वहां हमारी पार्टी सबसे ज्यादा मजबूत है। जहानाबाद सीट पर अपना दावा ठोकने के बाद मांझी ने मीडिया को कहा है कि आठ अप्रैल के बाद हमारी राह अलग होगी। मांझी ने कड़ा तेवर दिखाते हुए ऐलान किया है कि उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री जो फैसले लिए जब तक उसे लागू नहीं किया जाता तब तक वह चैन से बैठेंगे।
इधर, शनिवार को उपचुनाव से पहले सत्तारूढ़ जदयू को बड़ा झटका लगा है। जोकीहाट सीट से जदयू विधायक सरफराज अहमद ने अपने पिता की विरासत संभालने के लिए राजद का दामन थाम लिया है। पूर्व सांसद तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज अपने पिता की जगह अररिया से सांसद का चुनाव लड़ेंगे।
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