भारी विरोध और हंगामे के बीच कश्मीर भी जीएसटी का हिस्सा बन गया और वहां की विधानसभा में बिल पास हो ही गया।
भारी विरोध और हंगामें के बीच विधायकों का बायकॉट, कश्मीर में इसको लेकर जबर्दस्त हंगामा, आईएनएस अबको दरकिनार करते हुए कश्मीर भी बाकी प्रदेशों की तरह वन टेक्स का हिस्सा बन गया।
आपको बता दें कि कश्मीर जम्मू कश्मीर में शुक्रवार की आधी रात से जीएसटी लागू करने की तैयारी पूरी हो गई है। विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद पहले विधानसभा और विधान परिषद ने इस बाबत प्रस्ताव पारित किया और बाद में राष्ट्रपति के आदेश से संबंधित नए विधेयक को भी मंजूरी दे दी।
गवर्नर के हस्ताक्षर के साथ ही नया कानून तैयार हो गया है। राष्ट्रपति के आदेश में अनुच्छेद 370 के तहत रियासत के विशेष दर्जे और जम्मू कश्मीर के संविधान के तहत टैक्स लगाने के अधिकार को अक्षुण्ण रखा गया है। जम्मू कश्मीर विधानसभा द्वारा प्रस्ताव पारित होने के बाद उस पर इस्राइल में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वीरवार रात को ही मंजूरी ली गई और उसी रात राष्ट्रपति ने भी आदेश जारी कर दिया।
शुक्रवार को विपक्ष की गैरमौजूदगी में विधानसभा और विधान परिषद द्वारा नए बिल को पारित किए जाने के साथ ही जीएसटी लागू होने का रास्ता साफ हो गया। जम्मू-कश्मीर के वस्तु और सेवा कर (जेकेजीएसटी) विधेयक 2017 को शुक्रवार को दोनों सदनों ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक को वित्त मंत्री डा. हसीब द्राबू ने अलग-अलग सत्रों के दौरान दोनों सदनों में पेश किया।
डा. द्राबू ने कहा कि विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त हुआ है। राज्य संविधान की धारा-5 और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को राष्ट्रपति के आदेश में अक्षुण्ण रखा गया है। विधेयक पर चर्चा के दौरान कुछ सदस्यों ने रियासत की वित्तीय स्वायत्तता को लेकर आशंका व्यक्त की। द्राबू ने कहा कि हालांकि सदन में राष्ट्रपति के आदेश को सदन में रखने की परंपरा नहीं रही है, लेकिन हम राष्ट्रपति के आदेश को सदन के पटल पर रख कर राज्य की लोकतंत्र में एक नई परंपरा शुरू कर रहे हैं।’
राष्ट्रपति के आदेश का नियम-3 स्पष्ट रूप से बताता है कि जम्मू-कश्मीर के संविधान की धारा-5 के अनुसार राज्य की शक्तियां बरकरार रहेंगी। राज्य के विधानमंडल को राज्य द्वारा लगाए गए सामानों और सेवाओं के संबंध में कानून बनाने की शक्तियां होंगी।
राज्य की विशेष स्थिति और विशेष कराधान अधिकारों से संबंधित राष्ट्रपति के आदेश के अंशों को पढ़ते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर संविधान की धारा 5 के माध्यम से विधायिका को कर लगाने संबंधी कानून बनाने की विशेष शक्तियां होंगी। राष्ट्रपति के आदेश के अनुसार नए प्रावधानों से संबंधित फैसले पर जीएसटी परिषद में जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधि की सहमति अनिवार्य होगी और अनुच्छेद 370 के तहत प्रदान की गई प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। अनुच्छेद 246 ए के तहत राज्य द्वारा लगाए गए कर की राशि भारत के समेकित निधि का हिस्सा नहीं बनेगी।
डा. द्राबू ने कहा कि राष्ट्रपति के आदेश में संवैधानिक सुरक्षा उपायों का समावेश कराकर इस सरकार पर जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति की रक्षा के संकल्प को निभाया है। विपक्ष ने दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर की वित्तीय स्वायत्तता से समझौता किया जाएगा और भारतीय संविधान के तहत राज्य की विशेष स्थिति कम हो जाएगी।
राष्ट्रपति के आदेश ने हमारे संवैधानिक, आर्थिक और प्रशासनिक शक्तियों की सुरक्षा के द्वारा जम्मू और कश्मीर विधानसभा की पवित्रता का सम्मान किया है। निर्दलीय विधायक पवन गुप्ता के लखनपुर में टोल कर और प्रवेश कर के उन्मूलन के संबंध में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि माल पर कोई प्रवेश कर नहीं होगा, लेकिन टोल टैक्स का मुद्दा राज्य सरकार का विषय है और कुछ समय में ही राज्य मंत्रिमंडल इस पर फैसला करेगा। सरकार द्वारा जीएसटी शासन में वादा किए गए वित्तीय और प्रशासनिक सुरक्षा उपाय कुछ समय में आ जाएंगे।