भुसावल शहर में डी. एल हिंदी हाईस्कूल के पास फालक नगर इलाके में पांच मंजिल इमारत आर के हाइट्स निर्माणाधीन है। घटना यह हुई है कि यहां काम करने वाले एक मजदूर को 24 दिसंबर को करंट लगा, बताया जाता है कि मकान मालिक की लापरवाही से अपार्टमेंट में बिजली के तार खुले रह गए, जिससे इस घटना में मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं रहवासियों की मांग है कि गरीब परिवार को न्याय मिले, उनको खिलाने वाला ही नहीं रहा तो अब किसके सहारे जिएंगे?
मृतक नरेंद्र नानराव वाडेकर मजदूरी कर के अपना जीवन चला रहे थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी शीतल, मां और चार साल का मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटा है। नरेंद्र की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया है।
जब हमारे प्रतिनिधि ने वहां का दौरा किया और इसके बारे में पूछताछ की तो पता चला कि वहां काम करने वाले चौकीदार को ठेकेदार का नाम तक नहीं पता। उज़्ने कहा कि मैं वारिश पठान के पास काम करता हूं। उसका कहना है कि जब यह घटना हुई तो मैं वालू उठाने का काम कर रहा था।
बता दें कि घटना के वक्त अपार्टमेंट के किनारे स्थित डी पी के पास एक पेड़ पर लगे अवैध बिजली के कनेक्शन से तार हटा रहे एक व्यक्ति के वीडियो मिले है। इसका भी गहन अध्ययन किया जाना चाहिए और मृतक परिवार के वारिसों को न्याय दिया जाना चाहिए। इतने बड़े हादसे के बाद भी अपार्टमेंट मालिक या ठेकेदार मृतक परिवार के घर क्यों नहीं गए? लोग भी इस तरह के सवाल उठ रहे हैं। पूर्व पार्षद मुकेश गुंजाल, सामाजिक कार्यकर्ता संजय आवटे, राहुल बोरसे ने मृतक के परिवार से मुलाकात की है। इससे पहले भी कहा जाता है कि इस अपार्टमेंट में एक मजदूर की मौत हो गई थी। बताया जाता है कि तब मृतक मजदूर के परिवार को आर्थिक सहायता दी गयी थी। फिर मृतक नरेंद्र वाडेकर के परिवार के साथ अन्याय क्यों?
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