Breaking News
BigRoz Big Roz
Home / Breaking News / धर्म संसद या अधर्म संसद? यति नरसिंहानंद सरस्वती समेत ये तमाम भगवाधारी कर रहे हैं देश में दंगा फैलाने की साजिश

धर्म संसद या अधर्म संसद? यति नरसिंहानंद सरस्वती समेत ये तमाम भगवाधारी कर रहे हैं देश में दंगा फैलाने की साजिश

Dharma Sansad or Adharma Sansad? All these saffron, including Yeti Narasimhanand Saraswati, are plotting to spread riots in the country

धर्म संसद या अधर्म संसद? यति नरसिंहानंद सरस्वती समेत ये तमाम भगवाधारी कर रहे हैं देश में दंगा फैलाने की साजिश

देश के अलग-अलग राज्यों में हिंदू ‘धर्म संसद’ का आयोजन किया जा रहा है। इस धर्म संसद में जहां हजारों साधु-संतों का जमावाडा लगा है वहीं कई धर्मगुरु के भड़काऊ बयानों से विवाद पैदा हो रहा है। धर्म संसद में हिस्सा ले रहे ये तमाम भगवाधारी मुसलमानों का संहार करने व संविधान को बदलने की बात कर रहे हैं। इतना ही नहीं ये भगवाधारी खुलेआम सरकार को भी चुनौती दे रहे है लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यति नरसिंहानंद सरस्वती समेत तमाम साधु संत हिन्दू मुसलमानों को भड़काने का काम कर रहे हैं। ये सभी मिलकर दंगा भड़काने की साजिश रच रहे हैं। लेकिन सरकार इन कथित साधु संतों के खिलाफ एक्शन लेने के मूंड में नहीं दिख रही है। सरकार के इस व्यवहार से लग रहा है कि भाजपा की यूपी, एमपी, उत्तराखंड व केंद्र की मोदी सरकार का इस “अधर्म संसद” को खुला समर्थन मिल रहा है।

यूपी उत्तराखंड के बाद अब ताजा मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की जहां एक संगठन द्वारा आयोजित धर्म संसद में कथित धर्मगुरु कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के बारे में अपमानजनक शब्द कहे और नाथूराम गोडसे को बापू की हत्या के लिए सही ठहराया। कालीचरण महाराज ने कहा कि लोगों को धर्म की रक्षा के लिए एक कट्टर हिंदू नेता को सरकार का मुखिया चुनना चाहिए। बता दें कि इससे पहले हरिद्वार में भी धर्म संसद का आयोजन किया गया था जहां एक धर्मगुरु ने हिंदुओं से हथियार उठाने के लिए कहा था।

उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई धर्म संसद में भड़काऊ भाषण का एक वीडियो सामने आने के बाद से बवाल मचा हुआ है। दरअसल, इस धर्म संसद में एक वक्ता ने विवादित भाषण देते हुए कहा था कि धर्म की रक्षा के लिए हिंदुओं को हथियार उठाने की जरूरत है। वक्ता ने कहा था कि किसी भी हालत में देश में मुस्लिम प्रधानमंत्री न बने। वक्ता ने कहा था कि मुस्लिम आबादी बढ़ने पर रोक लगानी होगी।

दिल्ली व हरिद्वार में हुए धार्मिक सम्मेलनों और उनमें घर वापसी व नरसंहार के आह्वान पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं ने चिंता व्यक्त की है। 76 अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण को पत्र लिखा है। कहा गया है कि सम्मेलनों की आड़ में देश की धार्मिक स्वतंत्रता को कुचलने की कोशिश की जा रही है। अधिवक्ताओं ने इस मामले को संज्ञान लेने का आग्रह किया है। 

दरअसल, हरिद्वार में हाल ही में धर्म संसद का आयोजन किया गया था। आरोप है कि इस धर्म संसद में नफरती भाषण दिया गया। इस पर सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने सीजेआई एनवी रमण को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि 17 से 19 दिसंबर के बीच हरिद्वार में साधु संतों की बैठक में देश के संवैधानिक मूल्यों और सांप्रदायिक सौहार्द के खिलाफ भाषण दिए गए और अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हथियार उठाने की बात कही गई। पत्र लिखने वाले वकीलों में दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण, वृंदा ग्रोवर, सलमान खुर्शीद, पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अंजना प्रकाश व अन्य जाने-माने वकील शामिल हैं। 

वकीलों की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि धर्म संसद में न केवल अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया, बल्कि विशेष समुदाय के लोगों के नरसंहार का खुला आह्वान किया गया। पत्र में कहा गया है कि ये भाषण न केवल हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा हैं, बल्कि लाखों मुस्लिम नागरिकों के जीवन को भी खतरे में डालते हैं। वहीं नरसंहार और हथियारों के खुले इस्तेमाल पर सोशल मीडिया पर भी नाराजगी व्यक्त की गई, जिसके चार दिन बाद पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। 

धर्म संसद का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें साध्वी अन्नपूर्णा कहती हैं- अगर आप उन्हें खत्म करना चाहते हैं, तो उन्हें मार दें। हमें 100 सैनिकों की जरूरत है, जो 20 लाख को मार सकें।

उत्तराखंड पुलिस ने डासना देवी मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती के उस बयान के लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर हिंदुओं से आह्वान किया था कि 2029 में कहीं कोई मुसलमान देश का प्रधानमंत्री न बन जाए इसलिए उनकी हत्या कर देनी चाहिए। एफआईआर में मुसलमान से धर्म परिवर्तन कर हिन्दू बने नरसिंहानंद के सबसे नए शिष्य जीतेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी  समेत कई और लोगों के नाम हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक धर्म संसद के दौरान वीडियो में नरसिंहानंद हिन्दुओं को हथियार उठाने और मुसलमानों के खिलाफ युद्ध के लिए उकसाते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यति नरसिंहानंद ने 2029 में किसी मुसलमान को भारत का प्रधानमंत्री बनने से रोकने और हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए जरूरत पड़ने पर मुसलमानों की हत्या करने का आग्रह किया। नरसिंहानंद ने ये टिप्पणी उत्तराखंड के पवित्र शहर हरिद्वार में हिंदू समुदाय के धर्मगुरुओं की तीन दिन की बैठक के दौरान की। धर्म संसद बैठक का आयोजन 17 से 19 दिसंबर तक वेद निकेतन धाम में किया गया. बैठक में अगले साल की शुरुआत में चुनाव में जाने वाले राज्यों के करीब 150 धर्मगुरुओं ने हिस्सा लिया. दिल्ली बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय भी धर्म संसद में मौजूद रहे.
हालांकि अपने खिलाफ कई उपद्रव के एफआईआर के बावजूद, यति नरसिंहानंद सरस्वती अपने राजनीतिक रसूख के कारण पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। स्थानीय पुलिस के मुताबिक गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर का मुख्य पुजारी हमेशा से विवादों में रहा है।

Follow us :

Check Also

Chhattisgarh के सभी 10 निगमों में BJP के महापौर, निकाय चुनावों में Congress का सूपड़ा साफ

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों के परिणाम घोषित हो गए हैं। वोट काउंटिंग में शुरूआत …

Leave a Reply

error

Enjoy khabar 24 Express? Please spread the word :)

RSS
Follow by Email
YouTube
YouTube
Set Youtube Channel ID
Pinterest
Pinterest
fb-share-icon
LinkedIn
LinkedIn
Share
Instagram
Telegram
WhatsApp