राजकुमारी अमृत कौर आहलुवालिया का जन्म 2 फ़रवरी 1889 को उत्तर प्रदेश राज्य के लखनऊ नगर में हुआ था। इनके पिता राजा हरनाम सिंह पंजाब के कपूरथला राज्य के राजसी परिवार से थे।इनकी उच्च शिक्षा इंग्लैंड के डोरसेट में स्थित शरबोर्न स्कूल फ़ॉर गर्ल्स में हुई।ओर आगे की उच्चतर शिक्षा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एम. ए. पास करने के बाद ये भारत वापस लौटीं।
ये स्कूल में जबरदस्त खिलाड़ी रही,क्रिकेट बैडमिंटन में विशेष दक्ष खिलाड़ी रही व स्पोर्ट्स टीमों की कैप्टन भी रही।1918 में स्वदेश आकर इन्होंने 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड की जन पीड़ा अनुभव की ओर ठाना की अब देश केलिए कुछ करने को राजनीति में आना चाहिए।
1945 में यूनेस्को की बैठकों में सम्मिलित होने के लिए जो भारतीय प्रतिनिधि दल लंदन फिर 1946 में पेरिस गया था, राजकुमारी अमृत कौर आहलुवालिया उसकी डिप्टी लीडर बनी थी।।1948 और 1949 में वह ‘आल इंडिया कॉन्फ्रेंस ऑफ सोशल वर्क’ की अध्यक्षता रहीं।1950 ई. में वह वर्ल्ड हेल्थ असेंबली की अध्यक्षा निर्वाचित हुई।
1946 से 1957 ई. तक वह भारत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहीं।1957 ई. में नई दिल्ली में उन्नीसवीं इंटरनेशनल रेडक्रास कॉन्फ्रेंस राजकुमारी अमृत कौर आहलुवालिया की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।1950 ई. से 1964 ई. तक वह लीग ऑफ रेडक्रास सोसाइटीज की सहायक अध्यक्ष रहीं। वह 1948 ई. से 1964 तक सेंट जॉन एमबुलेंस ब्रिगेड की चीफ कमिशनर तथा इंडियन कौंसिल ऑफ चाइल्ड वेलफेयर की मुख्य अधिकारी रहीं। इसके साथ ही वह आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑव मेडिकल साइंस की अध्यक्षा भी रहीं।
चूंकि प्रारम्भ से ही राजकुमारी को खेलों से बड़ा प्रेम था।यो नेशनल स्पोर्ट्स क्लब ऑव इंडिया की स्थापना इन्होंने ही की थी और इस क्लब की वह अध्यक्षा प्रारम्भ से रहीं।
अमृता कौर ट्यूबरक्यूलोसिस एसोसियेशन ऑव इंडिया तथा हिंद कुष्ट निवारण संघ की आरंभ से अध्यक्षता रही थीं। वे गांधी स्मारक निधि और जलियानवाला बाग नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट की ट्रस्टी, कौंसिल ऑव साइंटिफिक तथा इंडस्ट्रियल रिसर्च की गवनिंग बाडी की सदस्या, तथा दिल्ली म्यूजिक सोसाइटी की अध्यक्षा थीं।
राजकुमारी अमृता कोर एक प्रसिद्ध विद्धान महिला थीं। उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय, स्मिथ कालेज, वेस्टर्न कालेज, मेकमरे कालेज आदि से डाक्ट्रेट मिली थी। उन्हें प्रकति,फूलों से तथा बच्चों से बड़ा प्रेम था। वे विशुद्ध शाकाहारी थीं और सादगी से जीवन व्यतीत करती थीं।सभी धर्मों के मूल ग्रँथों का अध्ययन के साथ साथ नियमित बाइबिल के अतिरिक्त वे रामायण और गीता को भी पढ़ने से इनके मन को बड़ा ज्ञान और शांति मिलती थी। हिमाचल के मंडी से उन्होंने पहला चुनाव लड़ा था ओर ये स्वतंत्र भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री रही।सबसे विशेष बात यह है कि उन्होंने दिल्ली में एम्स की स्थापना के लिए भी काम किया ऐम्स उन्हीं की जनकल्याण को बहुत बड़ी स्वास्थजन्य देन है।
उनकी मृत्यु अपने प्रेरक गांधी जी के जन्मदिवस 2 अक्टूबर पर सन 1964 को दिल्ली में हुई। उनकी आत्मिक इच्छा के अनुसार उनको भूमि म दफनाया नहीं गया, बल्कि इन्हें हिन्दू संस्कृति अनुसार अग्निदाह दिया गया।
प्रसिद्ध पत्रिका टाइम मैगज़ीन ने अपनी पत्रिका में पिछले सौ सालों में विश्व की सबसे प्रभावशाली और ताकतवर 100 महिलाओं के नाम शामिल किए गए हैं।प्रत्येक वर्ष के लिए एक नाम चुना है।इस टाइटल को वुमन ऑफ द ईयर कहा गया है।
ओर भारत से इस लिस्ट में दो नाम चुने हैं। एक तो है पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का।इन्हें साल 1976 के लिए इस लिस्ट में रखा गया।दूसरा नाम राजकुमारी अमृत कौर का है। जिन्हें साल 1947 के लिए इस विशेष लिस्ट में शामिल किया गया।इनका ऐसी अनेक उपलब्धियां भरा जीवन रहा है।जिससे सभी भारतीय नारी का मस्तक ऊंचा होता है और इससे सभी को उन्नतशील प्रेरक कर्म प्रेरणा लेनी चाहिए।
इसी सब विषय को माध्यम बनाकर अपनी कविता में स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ने इस प्रकार से कहा है कि,
2 फरवरी राजकुमारी अमृता कोर आहलुवालिया जन्मदिवस पर ज्ञान कविता
दो फरवरी जन्मी एक नारी
उच्च शिक्षा पायी इंग्लैंड।
भारत देश सेवा की ठानी
बढा विकास तोड़ अज्ञानता मेंढ़।।
स्वास्थमंत्री भारत की पहली
राजकुमारी अमृता कोर।
मन की धनी नियम की पक्की
उद्धेश्य उन्नति देश भरना भौर।।
स्कूल खेल में अग्रणी रहती
क्रिकेट बैडमिंटन दक्ष विशेष।
लौट देश आ देखें आंदोलन
जलियांवाला कांड स्वदेश।।
जुड़ी गांधीवादी आंदोलन
ओर गयी अनेक बार जेल।
अछूत निरही गरीब कर सेवा
जोड़ी जन नारी उनकर मेल।।
सत्तरह साल काम किया
गांधी जी के रह कर संग।
भारतीय महिला कांफ्रेंस शुरू कर
अध्यक्ष बन कारज किये कुष्ठ संघ।।
सबसे बड़ा कार्य किया है
बनवाकर दिल्ली एम्स अस्पताल।
आज चिकित्सा सम्भव उच्चतर
सभी वर्ग के रोग अकाल।।
टाइम मैगज़ीन ने इन्हें चुना है
वुमन ऑफ द ईयर दे ख़िताब।
सन 47 नारी वर्ग रखकर
बढ़ा भारत नारी गौरव उठाव।।
शुद्ध शाकाहारी ओर बच्चे प्रेमिक
प्रकति ओर ईश्वर से प्रेम।
पढ़ती सभी धर्म ग्रँथ नित
अपना चल उन कर्म पथ हेम।।
मृत्यु घटित 2 अक्टूबर चौसठ
अपने प्रेरक जन्मदिवस।
गांधीवाद सदा ह्रदय रख
सत्य अहिंसा प्रेम ज्ञान रस पिवस।।
आज जन्मदिन उत्सव इनका
भारत की ये प्रेरक नारी।
सीखें इनसे स्त्री विकास कर्म
धन्य भारतजन अमृता कोर राजकुमारी।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
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