वर्ष 1988 में इस विश्व एड्स यानी एचआईवी दिवस के मनाने की शुरुवात की गई।वर्ष 1988 से 1 दिसंबर को हर साल इस महामारी से बचाव के समस्त उपायों के साथ जनजागरूकता देते हुए सम्पूर्ण विश्व भर में ये एड्स दिवस मनाया जाता है।जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से जिस किसी की मृत्यु हो गई है, उनका शोक मनना भी है। सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी, ग़ैर सरकारी संगठन और दुनिया भर में लोग अक्सर एड्स की रोकथाम और नियंत्रण पर शिक्षा के साथ, सरकार की ओर निशुल्क व कम मूल्य पर चिकित्सा साधन देने आदि के प्रति इस दिन पर विशेष लोगो मे स्वास्थ की जांच भी करते हैं।
वर्ष 2020 की एड्स थीम है-एचआईवी महामारी समाप्त करना यानी एंडिंग एचआईवी।
यो इस विश्व एड्स दिवस पर मेरी जनजागरूकता भरी कविता इस प्रकार से है कि,,
विश्व एड्स दिवस पर कविता
एड्स नाम एचआईवी अंग्रेजी
हिंदी वैद्यक नाम यौन दंश।
ये रोग अनाचार सम्भोग फैलता
मृत्यु संग चरित्रहीनता देता उस वंश।।
अनेक स्त्री या पुरुष सम्बंध से
संक्रमित हो बढ़ता रक्त नर नार।
प्रतिरोधक शक्ति तन घटती
असाध्य रोग बन देता मृत्यु द्धार।।
यो यौन सम्बंध में सदा अपनाओ
चरित्र सहित उस सम्बंध उपाय।
स्वयं सुरक्षित और वंश सुरक्षित
समाज प्रताड़न न घर पड़े छाय।।
रक्त दान करें कोई दूषित मानुष
वही चढ़े किसी ये दूषित रक्त शरीर।
वो मानुष बने इस रोग संक्रमित
इस संक्रमण बढ़ें जीवन साथी पीर।।
अश्वगंधा आँवला तुलसी खाओ
अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढाओ।
गिलोय ओर मौसमी फल खाओ
नित पफ़स्सि रेहियोग अपनाओ।।
नियमित घूमो तेज चाल से
प्राणायाम करो त्रिबंध लगा।
पसीना निकले रक्त शुद्ध हो
बढ़ श्वेत कणिका मारे सर्व रोग भगा।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org