भारत गणराज्य का संविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हुआ था। संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के 129 वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवम्बर 2020 से संविधान दिवस मनाया जाएगा।इस संविधान सभा ने भारत के संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में 26 नवम्बर 1949 को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया।गणतंत्र भारत में 26 जनवरी 1950 से संविधान को उपयोग में लाया गया।
इस विषय पर कविता इस प्रकार से है कि,,
26 नवम्बर कानून बना हम
भारत का संविधान जना।
भीमराव अंबेडकर बाबा
जो लिया अंग्रेजी नियम घना।।
न्याय की देवी अंधी बनकर
बैठी न्याय का करने पाठ।
बस साक्ष्य चाहिए वहीं बैठे
कागजी नदी दो काले घाट।।
यही तो गांधारी के युग में
देवी चलती अंधी हो।
पति अंधा अन्याय ले मन में
यूँ मिट गया वंश बिन संधि हो।
बना कुछ अर्थ कुछ बन गए
मनचाहे उपयोगी हो गए।
दिशा बदल गयी कानून पेजीदा
तराजू के पलड़े संतुलन खो गए।।
न्यायपालिका में जज बहुत कम है
बढ़ती जाती अपराधिक फॉइल।
जल्द तबादले होते जज के
समझ समझाने में बीतता वक्त माइल।।
समझाने को समय नहीं है
न्यायपालिका इतनी व्यस्य।
वादी प्रतिवादी विवाद न सुलझे
तारीख़ लेते देते दोनों है खूब त्रस्त।।
लोअर कोर्ट से जिला कोर्ट तक
फिर जाये जिले से हाईकोर्ट।
वहां भी ना हो मनचाहा फैसला
शरण ले विकट खर्च कर सुप्रीमकोर्ट।।
निदान इसका सदा समाज है
पहले न्यायिक रिश्तेदार थे पंच।
आगे सुलझते जन पंचायत
रिश्ते मिटे यो मिटे सामाजिक मंच।।
दूजा धर्म न्यायाधीश था जनता
उसके मठाधीश नहीं रहे काबिल।
धर्म उद्धेश्य जन शोषण बन गया
दान दें छूटो बुरे कर्म से बन साहिल।।
माना कुछ हद तक था निरंकुश
पर तत्काल विवाद पर अंकुश रहता।
जो थी अनाधिकार की मांगे
उनका सहज निदान सरपंच करता।।
पुरुषवादी समाज को कहकर
छीन लिए अधिकार जन खाप।
स्त्री जज बनकर भी नहीं न्याय
ग्राम पंचायत मिटी इस न्यायिक शाप।।
जरूरत आज समाज व्यवस्था की है
जिसमें गठित विद्धान सामाजिक लोग।
जो कानून ज्ञाता संग सामाजिक
पहले वही सुलझाएं नियम जनलोग।।
इस व्यवस्था हो स्त्री भागेदारी
पर स्त्री हो सक्रिय कानून।
दबाब न दायित्व से घिरी हो
तभी देश संविधान पाएं सफलता जुनून।।
यो आओ संविधान दिवस मनाए
सामान्य जन दे कानूनी ज्ञान।
डरो नहीं अधिकार लो अपने
बता उन्हें दें जनअधिकार का ज्ञान।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org