Breaking News
BigRoz Big Roz
Home / Breaking News / गहलोत सरकार का हेल्थ प्रोटोकॉल को लेकर नया फरमान जारी, लापरवाही बरतने पर होगी सख्त से सख्त कार्रवाई

गहलोत सरकार का हेल्थ प्रोटोकॉल को लेकर नया फरमान जारी, लापरवाही बरतने पर होगी सख्त से सख्त कार्रवाई

जयपुर, राजस्थान

कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित प्रदेश के 8 जिला मुख्यालयों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने का निर्णय राज्य सरकार ने इस महामारी से प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा करने के महत्वपूर्ण उद्देश्य से किया है। संबंधित जिला कलक्टरों, पुलिस कमिश्नर एवं पुलिस अधीक्षकों की यह जिम्मेदारी है कि वे कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए नाइट कर्फ्यू, शादी-ब्याह में अधिकतम 100 लोगों के शामिल होने, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने सहित अन्य दिशा-निर्देशों की जमीनी स्तर पर सख्ती से पालना सुनिश्चित कराएं।

निवास पर आयोजित वीडियो कांफ्रेंस में शनिवार रात को लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की पालना को लेकर कोर ग्रुप एवं संबंधित जिला प्रशासन के साथ समीक्षा की। वीडियो कांफ्रेंस से जुड़े इन आठ जिलों के संभागीय आयुक्त, पुलिस कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, जिला कलक्टर, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, सीएमएचओ तथा निजी अस्पतालों में कोरोना रोगियों के बेहतर प्रबंधन के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों से कहा कि वे जीवन बचाने के लिए अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को पूरी संवेदनशीलता एवं तत्परता से निभाएं।

ऐसे समय में जबकि कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, विवाह समारोहों में अनुमत सीमा से अधिक संख्या में लोगों का जुटना संक्रमण के खतरे को बढ़ा रहा है।

इन आयोजनों में 100 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर लगने वाली जुर्माना राशि को 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपए करने के निर्देश दिए।

प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी बाजारों में जाकर यह सुनिश्चित करें कि वहां हैल्थ प्रोटोकॉल की अनिवार्य रूप से पालना हो।

निर्देश दिए कि विवाह कार्यक्रमों में निर्धारित संख्या से अधिक लोग नहीं जुटें इसके लिए अधिकारी विवाह तिथि से पहले आयोजकों से समझाइश करें।

आयोजकों द्वारा विवाह-समारोह की वीडियोग्राफी करने को अनिवार्य किया जाए।

साथ ही अधिक लोगों के एकत्र होने की सूचना या अंदेशा होने पर पुलिस एवं प्रशासन भी वीडियोग्राफी कराए।

मास्क न लगाने पर भी जुर्माना राशि बढ़ाकर 500 रूपए की गई है। जुर्माना राशि बढ़ाने तथा वीडियोग्राफी के इन निर्णयों के पीछे सरकार का मकसद राशि वसूलना या समारोह में व्यवधान डालना नहीं बल्कि भीड़ के एकत्र होने एवं मास्क न पहनने के कारण फैलने वाले कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाना है।

बीते दिनों त्यौहारी सीजन, चुनाव, सर्दी के मौसम तथा विवाह आयोजनों के कारण प्रदेश में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। साथ ही रिकवरी रेट के बेहतर होने तथा मृत्यु दर के नियंत्रित होने के कारण लोग मास्क लगाने तथा सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल की पालना में गंभीर लापरवाही बरत रहे हैं।

हमें ऎसी स्थिति को रोकना होगा।

निजी अस्पतालों में कोरोना रोगियों के उपचार के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये अधिकारी मरीजों, अस्पतालों तथा राज्य सरकार के बीच सेतु का काम करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान कोई परेशानी न हो।

श्री गहलोत ने कोरोना के विरूद्ध जन आन्दोलन को और अधिक प्रभावी बनाने तथा 181 हैल्पलाइन का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि शनिवार रात को राज्य सरकार ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना राशि 200 रूपए से बढ़ाकर 500 रूपए करने, जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, अलवर तथा भीलवाड़ा जिला मुख्यालय की नगरीय सीमा में रात्रि 8 बजे से प्रातः 6 बजे तक नाइट कफ्र्यू के साथ ही इनके 100 से अधिक कर्मचारियों वाले कार्यालयों में कार्मिकों की उपस्थिति 75 प्रतिशत तक सीमित रखने, कोविड का इलाज कर रहे निजी अस्पतालों में भी रोगी की मांग पर सरकारी कोविड अस्पतालों की तरह ही डे-केयर उपचार की अनुमति राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर करने तथा आवश्यकता होने पर निजी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाने के लिए अधिगृहित करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय किए थे।

राजस्थान ब्यूरो जगदीश तेली

Follow us :

Check Also

कथित Dog Lovers ने जयेश देसाई को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी

आजकल एनिमल लवर्स का ऐसा ट्रेंड चल गया है कि जरा कुछ हो जाये लोग …

Leave a Reply

error

Enjoy khabar 24 Express? Please spread the word :)

RSS
Follow by Email
YouTube
YouTube
Pinterest
Pinterest
fb-share-icon
LinkedIn
LinkedIn
Share
Instagram
Telegram
WhatsApp