गोवर्धन पूजा प्रतिवर्ष कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है। अन्नकूट को दिवाली के ठीक अगले दिन मनाते हैं। इस वर्ष दीपावली 14 नवंबर को मनाई की गई है, ऐसे में गोवर्धन पूजा जो कि आज यानी 15 नवंबर को है।
जाने गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त:-
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ:-
15 नवंबर 2020 को सुबह 10 बजकर 36 मिनट से प्रारंभ होकर
प्रतिपदा तिथि समाप्ति 16 नवंबर 2020 को सुबह 07 बजकर 06 मिनट तक है।
गोवर्द्धन पूजा का सांयकाल मुहूर्त:-
15 नवंबर 2020 को दोपहर 03 बजकर 19 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 27 मिनट तक है।
कुल पूजा की अवधि- 02 घंटे 09 मिनट है।
कैसे करें गोवर्धन की पूजा:-
प्राचीनकाल से ही ये प्रथा है,सभी घरों में गोवर्द्धन के रूप में अपने पैतृक देव यानी उस कुल को चलाने वाले पुरुष प्रधान पहले मनुष्य यानी आदि पुरुष वैदिक पुरुष देव आदि देव की मूर्ति को गाय के या भेस के गोबर से सजा कर बनाते है,सिर पर पगड़ी बड़ी ओर एठेदार मूछें धोती ओर उसके साथ गाय बछड़ा या भेस कटरा व पशुओं की भी मूर्ति बनाई जाती है,कृषि के व घरेलू उपयोगी यंत्र ओर अस्त्र शस्त्र भी बनाये या रखे जाते है।बाद के वर्षों में पुनजागरण के रूप में इस आदि पुरुष का चित्रण पहले विष्णु भगवान फिर भगवान कृष्ण जी के हाथ मे गोवर्धन पर्वत को उठाते हुए बदल दिया।जबकि गोवर्द्धन पर्वत का सामान्यतौर पर अर्थ है कि,परिवार का मुखिया जो सम्पूर्ण परिवार के पहाड़ रूपी दायित्त्वों को अपनी बुद्धि कौशल ज्ञान से अपने कर्म रूपी हाथों की उंगली में उठाये है।ओर गाय का वर्द्धन करने का जनसंदेश है कि अपने पशुओं की अच्छे से व्रद्धि करो और खूब दूध पियो घी खाओ ओर बलवान बनकर परिवार राष्ट्र की रक्षा करने की सामर्थ्य पैदा करो।जो आज भी कृष्ण जी के नाम पर भक्ति स्वरूप प्रचलित है।यो भगवान कृष्ण जी की पूजा उनके गोवर्द्धन नाम से गीत गाकर उन्हें उठाते हुए यानी जाग्रत करते हुए करते है।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org