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अपनी जीत के प्रति आश्वस्त पीएम मोदी, क्या वाकई 400 से ज्यादा सीट अकेले भाजपा जीतेगी? मनीष कुमार “अंकुर” की कलम से

लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है, हर दल अपनी-अपनी जीत का दावा ठोक रहा है लेकिन लेकिन जीत तो सिर्फ एक को ही मिलनी है। एक ही दिल्ली की गद्दी पर आसीन होगा।

चुनावी जंग में हर कोई नेता जी जान से अपने चुनावी अभियान में लगा हुआ है हर कोई बढ़चढ़कर प्रचार प्रसार कर रहा है।
जो भी हो, कोई कितना भी प्रचार प्रसार कर ले लेकिन इन सबमें सबसे आगे हैं हमारे सबके चहेते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। पीएम देशभर में चुनावी सभाएं कर रहे हैं। ब्लॉग लिख रहे हैं। करोड़ों लोगों से एप्प के जरिये बातचीत कर रहे हैं।

न्यूज़ चैनल्स हों या न्यूज़ पेपर, सोशल मीडिया से लेकर देशभर में होर्डिंग, बैनर-पोस्टर मोदी-मोदी से अटे पड़े हैं। उनकी जीत के दावे पेश कर रहे हैं। खुद पीएम मोदी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नज़र आ रहे हैं। पीएम मोदी वाकायदा अपनी चुनावी सभाओं में दावे कर रहे हैं कि जीत उन्हीं की होगी। और ये जीत आम जीत नहीं बल्कि 2014 से भी बड़ी होगी। यही दावा पीएम मोदी के प्रसंशकों का भी है, उनका कहना है कि ‘हिंदुत्व के लिए पीएम मोदी से बड़ा महान नेता देशभर में नहीं है। हम इस बार 400 जिताएंगे।”

विपक्ष ने भले मोदी के खिलाफ गठबंधन कर लिया हो लेकिन प्रधानमंत्री को हराना उनके लिए आसान नहीं है। देशभर में हिंदुत्व के नाम की लहर चल रही है वो अलग बात है कि
“श्री राम भगवान अपने मंदिर के इंतजार में तिरपाल में वर्षों से डेरा डाले हुए हैं।”
“गाय अभी भी सुरक्षित नहीं है।”
“गंगा की सफाई, एक बड़ा सवाल अभी भी जस का तस बना हुआ है।”
“महँगाई, बेरोजगारी, दंगा, फसाद, नोटबन्दी, जीएसटी, जुमलेबाजी, भ्रष्टाचार इत्यादि हिंदुत्व से बाहर की बात है तो आज हम सिर्फ हिंदुत्व की बात करेंगे।”

खैर भारत की जनता है जिसको अपने सर पर बिठा ले जल्दी से उतारती नहीं है।
कांग्रेस सरकार पर न जाने कितने गंभीर आरोप लगे, साबित हुए न हुए लेकिन लोगों ने कांग्रेस को ऐसा सर पर बिठाया कि सालों साल तक बिठाकर रखा।

अब बारी भाजपा की है। नरेंद्र मोदी अटल बिहारी बाजपेई नहीं हैं। स्व.अटल जी को अपनी जीत से ज्यादा देश अहम था, उनके लिए उनका स्वाभिमान सर्वोपरि था।
लेकिन यहां पर देश से ज्यादा पार्टी और जीत जरूरी है उसके बाद देश है। पीएम मोदी अपनी जीत के लिए वो हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं जो उनकी जीत को आसान बना दे। इसके लिए पीएम मोदी की खुद की आईटी टीम दिन रात मेहनत कर रही है। “एपको” नाम की अमेरिकन पीआर कंपनी और उसके कर्मचारी पीएम मोदी को निखारने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। 2006 से सुर्खियों में आई यह पीआर कंपनी पीएम मोदी के पहनावे से लेकर बातचीत तक के तरीके को मैनेज करती है। उनकी छवि को बनाने के लिए वो सब करती है जो उनके चाहने वालों के दिलों दिमाग पर छाप छोड़ दे, लोगों के दिलों दिमाग पर हावी हो जाये।

खैर हम बात कर रहे हैं मोदी की जीत की…
भाजपा की जीत कैसे होगी? क्यों होगी? पीएम मोदी कैसे जीतेंगे…? इससे किसी को कोई लेना देना नहीं है। आज हिंदुत्व की बीन बज रही है और हर कोई इसपर नाचना चाहता है। और लोग नांच भी रहे हैं।

चुनाव आयोग पर सांठगांठ के आरोप लग रहे हैं। विपक्ष चिल्ला रहा है, गला फाड़ रहा है, ईवीएम हैकिंग के आरोप लगा रहा है। तो चुनाव आयोग भी अपनी विश्वसनियता को बनाने के लिए इस बार के चुनाव पूरे देशभर में ईवीएम-वीवीपैट के जरिये करा रहा है।
लेकिन वहीं विपक्ष मांग कर रहा है कि चुनाव भले वीवीपैट के जरिये कराए जाएं लेकिन लोकसभा चुनावों के नतीजे से पहले कम से कम 50% वोटों का मिलान वीवीपैट की पर्चियों से किया जाए।
चुनाव में ज्यादा पारदर्शिता की मांग को लेकर गुरुवार को 21 दलों के नेता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। इस मामले में अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी।

विपक्ष की इस मांग पर सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया तो नहीं आई है लेकिन भाजपा नेताओं का कहना है कि विपक्ष अनर्गल मांगे करता है। इस मांग में कोई दम नहीं है। “वाह” इस बात लर तो तालियां…..।

वहीं पीएम मोदी अपनी जीत के दावे ही नहीं कर रहे हैं बल्कि वो जीत के प्रति आश्वस्त नज़र आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि 2019 में उनकी पार्टी की दोबारा जीत होगी। साथ ही पीएम मोदी दावा कर रहे हैं कि 2019 की जीत 2014 से भी कहीं ज्यादा बड़ी होगी।

पीएम मोदी कहते हैं कि 2014 में नतीजों को लेकर भविष्यवाणी करने वाले सारे राजनीतिक पंडित गलत साबित हो गए थे। इस बार भी ऐसा ही होगा। उनका कहना है कि उनकी जीत 2014 से भी ज्यादा बड़ी होगी, वो इस बार 400 से ज्यादा सीट जीत रहे हैं।

बीजेपी के खिलाफ ‘महागठबंधन’ की चल रही विपक्षी कवायद को भी मोदी बहुत ज्यादा अहमियत देने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि यह विफल साबित हो चुका प्रयोग है। लोग एक मजबूत और नतीजे देने वाली सरकार को पसंद करते हैं। हमारी सरकार 5 सालों में आमजन की उम्मीदों पर खरी उतरी है।

जो भी हो, नेता, विपक्ष मिलकर कुछ भी दावे कर रहे हों। भले भाजपा ने अपने मंत्रियों, सांसदों के टिकट काट दिए हों, उनकी जगह नए खड़े कर दिए हों, लेकिन बाबजूद इसके इसमें फायदा मोदी और भाजपा का ही दिख रहा है। अब भाजपा को सभी सीटें मिलती हैं, 400 मिलती हैं या 200… ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।
इतंजार कीजिये 23 मई का… 23 मई… 23 मई को ही आएगी और 23 मई को स्पष्ट हो जाएगा, पीएम मोदी गद्दी संभालते हैं या मोदी की जगह कोई दूसरा नेता उनकी ही पार्टी से पीएम बनता है या फिर मोदी विपक्ष में और विपक्ष सत्ता में आ जाता है।
टिल देन, स्टे हैप्पी, टेक केअर, गॉड ब्लेस…

मनीष कुमार “अंकुर”

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