Breaking News
BigRoz Big Roz
Home / Breaking News / बारहखंबा का रहस्य : बुलंदशहर के शिकारपुर में स्थित प्राचीन बारहखंबा के रहस्य को जानकर रह जाएंगे आप हैरान, बता रहे हैं श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज

बारहखंबा का रहस्य : बुलंदशहर के शिकारपुर में स्थित प्राचीन बारहखंबा के रहस्य को जानकर रह जाएंगे आप हैरान, बता रहे हैं श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज

 

 

 

 

 

 

दिल्ली से 80-90 किलोमीटर की दूरी पर बुलंदशहर जिले में स्थित एक छोटा सा कस्बा शिकारपुर। अपने अंदर कुछ रहस्यों को समेटे हुए शिकारपुर का नाम पूरे भारत में प्रसिद्ध है।

 

 

 

 

शिकारपुर में बारहखम्बा के रहस्मय और इसकी प्रचलित किवदंत कथा और तांत्रिक जगत की रहस्यमय तन्त्र कथा को जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
इस विषय में क्षेत्रीय और साधक जगत में प्रचलित कथाओं को बता रहे हैं – स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी महाराज

 

 

एक महिला को जिन्नातों ने यहां इस स्थान पर लाकर दफन किया था उसकी कब्र से जिन्नातों के मंदिर तक रास्ता जाता है। लोगों की ऐसी मान्यता है कि यह कब्र एक रात अचानक से अपने स्थान से हट गई और जमीन के नीचे रास्ता था.जानिए आखिर क्या है इस की कहानी…

भूत-प्रेतों और जिन्नातों के बारे में जानने और उसे समझने की उत्सुकता आज भी कायम हैं।हम आप को आज ऐसी ही एक रहस्यमयी इमारत के बारे में बताने जा रहे है।जिसके बारे में कहा जाता हैं कि- इसका निर्माण करीब एक हजार साल पहले शुरू हुआ था, लेकिन आज भी अधूरा है।
दिल्ली से 84 किली मीटर दूर हैं शिकारपुर के बारहखम्भा स्थल-
दिल्ली से महज 84 किली मीटर दर बुलदंशहर का छोटा सा कस्बा शिकारपुर। जहां स्थित है बारहखम्भा। यह वही ऐतिहासिक इमारत बारहखम्भा है जिसके बारे में कहा जाता है- कि इस इमारत का निर्माण जिन्नातों ने शुरू किया, लेकिन पूरा नहीं कर पायें।
बारहखम्भा में खम्बे 16 है।हिन्दी में अर्थ है दरवाजा। परंतु बारहखम्भों के बीच 12 दरवाजे है।इस की खासियत यह है कि आप इसे जिस भी तरफ से देखे 12 दरवाजे आप को दिखाई देगें।

 

यह है बारहखम्भा का रहस्य:-

शिकारपुर के लोगों की ऐसी मान्यता हैं कि आज से एक हजार साल पहले एक रात जिन्नातों ने यहां आकर निर्माण शुरू किया था। इस निर्माण को जिन्नात जब तक पूरा करते कहीं दूर एक चक्की चलने की आवाज आई। उन्हें लोगों के जागने का आभास हुआ तो जिन्नात उस निर्माण को बीच में छोड़कर वहां से चले गए। तब से यह निर्माण आज भी अधूरा पड़ा हुआ है। लोगों ने यह भी बताया कि जिस महिला ने चक्की चलाई थी, जिन्नातों ने उस महिला को यहां जिन्दा लाकर दफन कर दिया था।
इस कब्र से जाता है जिन्नातों के मंदिर तक रास्ता:-
किवदन्ती है कि जिस महिला को जिन्नातों ने यहां लाकर दफन किया था उसकी कब्र से जिन्नातों के मंदिर तक रास्ता जाता है।ऐसी लोगों की मान्यता है कि यह कब्र एक रात अचानक से अपने स्थान से हट गई।जब लोगों ने जाकर देखा तो यहां सांप दिखा और जमीन के नीचे एक रास्ता जा रहा था। कहा जाता हैं कि कुछ लोगों ने हिम्मत दिखाकर इस की सच्चाई जानने की कोशिश की वह लापता हो गए और कब्र का रास्ता एक दिन अचानक से बंद हो गया।

बारहखम्भों की विशेषता…

बारहखम्भों की विशेषता यह है कि यह एक के ऊपर एक इस प्रकार से रखे हुए है कि यह गिर नही सकते.भूकंप, आंधी तूफान में भी यह खम्भे नहीं हिले.। साथ ही कई बार लोगों ने इन खम्भों पर छत भी बनाने की कोशिश की, लेकिन कभी भी छत नही बना पाये। जब भी छत का निर्माण हुआ छत अपने आप गिर गई। कई बार तो बनने के साथ ही गिर गई और बनाने वाले भी गायब हो गए.कुछ के ऊपर हवा या जिन्नातों का कहर भी टूटा। कहा जाता है कि- जिन्नातों से माफी मांगने के बाद ही कारीगरों की हालत सही पाई। आज भी बारहखम्भों का रहस्य एक रहस्य की बना हुआ है। लोग वहां जाते हैं और उसके बारे में जानने की कोशिश भी करते है।

और तांत्रिक जगत की कथा:-

ये आसपास के तांत्रिकों में प्रचलित एक प्राचीन किवदंती है जो यहाँ दी गयी है की प्राचीन काल में यह स्थान तांत्रिकों की साधना स्थली थी और कुछ पुराने सुफ़ियांग तांत्रिकों को ये पता था की- जिन्नाती दुनियां के बारह दरवाजे है जिनमें कुछ मिस्र के पिरामिडों में खुलते है। कुछ दुनियां के और देशो में और पाँच दरवाजे हिंदुस्तान में अलग अलग जगहों पर खुलते है वे खोजते हुए इस स्थान पर आये यहाँ उन्होंने अपने जादुई इल्म से मालूम कर लिया और वे यहाँ तांत्रिक एकांत में काले जादू-
की सिद्धि करते थे। अनेक बार अचानक आंधी और बारिश।  उनकी साधना में विध्न पड़ता था जिससे उनकी साधना टूट जाती थी तब उन्होंने सबसे पहले अपनी सिद्धि से अपने वश में जो जिन्न थे उन जिन्नों को बुलाया और उनसे यहाँ एक सोलह कला शक्तियों वाला और ज्योतिष की बारह राशियों की कुंडलियों पर आधारित एक तांत्रिक इल्मगारी इमारत बनवाने का हुक्म दिया तब जिन्नों ने एक शर्त रखी की हम तो एक रात में एक ही पहर में तुम्हारी मनोकामना भरा तांत्रिक भवन बना देंगे लेकिन कोई रात्रि के मध्य पहर में कालचक्र के प्रतीक कुट्टी काटने या चक्की या चरखा या रथ का पहिया उलटी दिशा में नही चला दे यदि ऐसा किया तो हम तुरन्त जितना बना है उतना छोड़कर वापस चले जायेंगे और जिसने ऐसा विध्न डाला है उस आदमजात को वो कोई हो उसे भी अपनी दुनियां में ले जायेंगे क्योकि वो जरूर हमारे जादू को बढ़ाने के लिए बलि के काम आएगा इस शर्त पर उन्होंने अपने जादू से सोलह कला शक्ति वाला बारह खाने वाला ये जादुई भवन बनाना शुरू कर दिया। तभी एक बुढ़िया जो खुद भी तांत्रिक क्रिया करती थी उसे भी ऐसा लगा की आज मुझे भी अपने एक जिन्नाती मंत्र की सिद्धि करनी चाहिए अमावस की रात थी उसने अपनी चक्की को अपने मंत्र के साथ जिन्नों को अपने वश में करने के लिए उलटी तरफ चलना शुरू कर दिया अब जिन्नों को बड़ी फजीहत खड़ी हो गयी वे अपनी दुनिया से इस दुनिया में तो थे ही झट वे उस सिद्ध मंत्र के प्रभाव से उस और भी खिचनें लगे इधर वे तांत्रिक उसे उसी जगह बनाये रखने को जोर लगाने लगे। यो दोनों और के मन्त्रों की आग से जिन्न को जलन और खिंचाव होने लगा। यो उन्होंने तुरन्त पहले उस बुढियां को ही पकड़ लिया उस बुढियां का रक्षा कवच कमजोर हो रहा था और वो हाथ बदल कर चलने से गिर गया और तभी वहीं आये जिन्नों ने उसे अपने कब्जे में लेकर तुरन्त इस बारह खम्बे के सामने के रास्ते जमीन से अपने जिन्नाती लोक को ले गये अब ये विध्न आने और अपशुकन फैलने से और हजार साल में एक बार आने वाली तांत्रिक अमावस भी निकल गयी यो उन तांत्रिकों ने यहाँ स्थान तुरन्त छोड़ दिया और अन्य स्थान की और चले गए की अब ये स्थान हमारी साधना को उपयुक्त नही रहा है यो तब से स्थान यूँ ही पड़ा है अब जब कोई ऐसा तांत्रिक जो उसी तांत्रिक अमावस को जान कर उस अमावस की रात को यहाँ फिर से जिन्नों को बुलाने की साधना करेगा तभी ये स्थान पूरा बनेगा और जिन्नातों की अद्धभुत शक्तियों का वो तांत्रिक मालिक बन जायेगा जिसका कोई सामना नही कर सकता है यो ये स्थान उसी तांत्रिक और अमावस का आज भी इंतजार कर रहा है। और यहाँ जितनी कब्र बनती जाएँगी वही उस तांत्रिक की पहले तन्त्र क्रिया से जग कर धरती के भुत जीन्नाती ताकत बनेगी तब उन्ही से वो उस जिन्नाती दुनियां के रास्ते को खोलेगा यो अभी यहाँ उतनी कब्र नही बनी है कम से कम सोलह और बीच की बत्तीस और सबसे अच्छी चौसठ कब्र जब बन जाएँगी तभी ये सब उस महातांत्रिक की ताकत बनेगी यो इंतजार है और भी कब्रों का और उस तांत्रिक का।इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो वक्त बताएगा किवदंतियों का क्या इनके बारे में ये तांत्रिक ही जाने।
इन भ्रमात्मक तथ्यों को प्रस्तुत करने के पीछे हमारा समाज में किसी प्रकार की भ्रमात्मक्ता से कोई लेना देना नही है। केवल जो समाज में कहा और प्रचलित है वो यहाँ बताया गया है।

 

*******

श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येंद्र जी महाराज

www.satyasmeemission.org

Follow us :

Check Also

कथित Dog Lovers ने जयेश देसाई को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी

आजकल एनिमल लवर्स का ऐसा ट्रेंड चल गया है कि जरा कुछ हो जाये लोग …

Leave a Reply

error

Enjoy khabar 24 Express? Please spread the word :)

RSS
Follow by Email
YouTube
YouTube
Set Youtube Channel ID
Pinterest
Pinterest
fb-share-icon
LinkedIn
LinkedIn
Share
Instagram
Telegram
WhatsApp