नडियाद के भारतरत्न वीर
तुम गांधी के अहिंसक तीर।
कौटिल्य नीति के तुम हो धीर
एक भारत बना तुम्हीं कर्म अक्षय क्षीर।।
एक सूत्र किया भारत को
एकता का लेकर संकल्प।
बटें प्रांत के मिटा आक्रांत
देश एकता एक मात्र विकल्प।।
देश भक्ति शक्ति रख रग रग में
अनंतकाल का दुःस्वप्न मिटाया।
स्वतंत्रता को अर्थ व्यवस्थित देकर
जाति पाति का भेद हटाया।।
किसानों को भूमिधर बनाकर
भारत किसान सुद्रढ़ बनाया।
नियम नवीन कृषि को देकर
एक लहलाता भारत सजाया।।
ग्रहमंत्री प्रथम भारत के
और बनते भारत के प्रधान।
पर काल इन्हें ले गया संग में
छोड़ गया अनेक जटिल समाधान।।
कश्मीर समस्या कभी ना होती
कभी ना होता विभाजित देश।
राजनीती होती देश की निति
और सुशासित होती आज कांग्रेस।।
सरदार संदेश यही है हमको
अपने दायित्व सदा पुरे करो।
आप सुधरोगे तो देश सुधरेगा
ले संकल्प यूँ,लौहपुरुष को नमन करो।।
पर आज उनका संकल्प खिला है
मोदी भाजपा पुष्प कमल।
उनके संकल्प का पुनर्जन्म ये
जय किसान जय भारत विमल।।
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रचियता- श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येंद्र जी महाराज
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
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