आरक्षण के नाम पर रहे इन हिंसक प्रदर्शनों के बाद प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोमवार को पुणे के चाकण इलाके में धारा 144 लागू कर दी है। धारा के तहत एक जगह पर चार या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी होती है।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने अपने विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करने के बाद राज्यपाल विद्यासागर राव को पत्र लिखकर मराठा आरक्षण के मामले में दखल देने की मांग की है। इसके साथ ही राज्य सरकार से यह भी कहा कि मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण देने के प्रयास तेज किये जाएं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले रविवार को मराठवाड़ा के परभणी, हिंगोली और नांदेड़ जिलों में तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाएं सामने आई थी। आंदोलनकारियों ने परभणी में दो पेट्रोल पंप में तोड़फोड़ की और चक्काजाम किया था। इतना ही नहीं उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव भी किया था, जिसमें 13 पुलिसकर्मी घायल हो हुए थे। इस घटना के बाद भीड़ को भगाने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी।
इन सभी घटनाओं के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने मामले को जल्द सुलझाने के लिए विधानसभा में सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही। उन्होंने आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने और पुलिस पर पथराव न करने की अपील भी की।
गौरतलब है कि 25 जुलाई को मराठा आंदोलनकारियों ने मुंबई, अहमदनगर, नवी मुंबई और ठाणे समेत कई जिलों में बंद की घोषणा की थी। इस दौरान कई जगहों पर हिंसक घटनाएं हुईं। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। उधर, आंदोलन की अगुवाई कर रहे मराठा क्त्रसंति मोर्चे ने कहा कि रविवार को सीएम के साथ बैठक की उनसे हमारा कोई संबंध नहीं है। हम अपनी मांगों पर अडिग हैं।