दिल्ली में यमुना नदी इस वक़्त उफान पर है और इसकी वजह है हथिनी कुंड बैराज से लगातार छोड़े जाने वाला पानी।
यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से यमुना खादर और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को खासी परेशानी होती है। लोगों के घरों में युमना का पानी घुस आता है। और इस वक़्त स्थिति यह है कि खादर का पूरा इलाका जलमग्न हो चुका है लोगों की झुग्गियां डूब चुकी हैं।
बता दें कि हथिनी कुंड से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना का खादर क्षेत्र जलमग्न हो चुका है। सोमवार को जलस्तर बढ़कर 205.76 मीटर पर पहुंच गया है। यमुना खादर इलाके में रहने वाले करीब 10 हजार लोगों का आसरा अब राहत शिविरों में शिफ्ट हो गया है।
सोमवार को दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने गीता कालोनी ठोकर 18 और 21 पर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात का उचित सुविधाएं मुहैय्या करवाने के निर्देश दिए। उन्होनें बाढ़ पीड़ितों से कहा कि उन्हें कोई भी परेशानी को तो वे फोन से संपर्क किया जा सकता है।
इस बाबत उन्होंने लोगों को अपना मोबाइल नंबर भी बताया। उन्होंने कहा कि लोगों को हर संभव सहायता दी जाएगी। जल स्तर में सोमवार शाम 6 बजे तक .25 मीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
प्रशासन के मुताबिक मयूर विहार, प्रीत विहार और गांधी नगर जिलों के तहत आने वाले खादर क्षेत्र से तीन दिनों में 10 हजार लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है।
इन क्षेत्रों में डीएनडी फ्लाईओवर मयूर विहार एक्सटेंशन खेती क्षेत्र, नर्सरी पुश्ता मयूर विहार खादर क्षेत्र, अक्षरधाम मंदिर के पीछे का यमुना क्षेत्र, यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन का से जुड़ा खादर क्षेत्र, आईटीओ ब्रिज खादर क्षेत्र, हाथी ठोकर नंबर 10 और 11, ठोकर नंबर-12 शकरपुर, ठोकर 13, 14 और 15, गीता कालोनी ठोकर 16, 17, 18 और 21 शामिल हैं।
नर्सरी पुश्ता पर 50 परिवारों को नहीं मिले शिविर
मयूर विहार नोएडा लिंक रोड पर करीब 50 परिवरों को प्रशासन की ओर से कोई सुविधा नहीं मिल पाई है। ये लोग डीएनडी क्षेत्र में हैं। यहां पर रह रही रानी देवी ने बताया कि सभी लोग खुद की तिरपाल लगाकर रहने की व्यवस्था की है। उन्हें न तो खाना मिल रहा और अन्य सुविधाएं।
पूर्वी जिला प्रशासन के मुताबिक यमुना के सभी संभावित इलाकों में 37 बोटें और 250 बचाव कर्मी तैनात किए गए हैं। बोट के जरिये यमुना क्षेत्र में निगरानी रखी जा रही है।
ठोकर 21 का निरीक्षण करते वक्त एडीएम ईस्ट दिल्ली अजय कुमार ने बताया कि हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण देर रात तक जल स्तर 206 तक पहुंचने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा से पानी छोडने में कमी आती है तो यमुना के जल स्तर में गिरावट आएगी, लेकिन जब तक जल स्तर खतरे के निशान से नीचे नहीं आता तक तब विभाग पूरी तरह मुस्तैद है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को शिविर नहीं मिल सके हैं उन्हें भी जल्द शिविर मिल जाएंगे। इन शिविरों में लोगों को ब्रेकफास्ट, भोजन, पानी, मोबाइल शौचालय, चिकित्सा सुविधा और बिजली की सुविधा दी जा रही है।