देश के कई हिस्सों में अवैध रूप से पैथोलॉजी लैब का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है इनको कोई देखने या सुनने वाला नहीं है। कैसे ये किसी दूसरे की डिग्री पर पैथोलॉजी लैब का संचालन करते हैं ये हम आज आपको बताते हैं।
जब शरीर में कुछ गड़बड़ होती है तो डॉक्टर जांच कराने के लिए हमें पैथोलॉजी लैब भेजते हैं। जिससे कि हमारे अंदर जो बीमारी है उसका पता लगाया जा सके।
इसके लिए पैथोलॉजी लैब वाले कुछ सेम्पल लेते हैं जैसे ब्लड, यूरीन इत्यादि। पैथोलॉजी वाले जो रिपोर्ट मरीज को देते हैं डॉक्टर उसी रिपोर्ट के आधार पर बीमारी का इलाज करते हैं।
बांसवाड़ा जिले में एक ऐसी ही पैथोलॉजी लैब का संचालन हो रहा है। यश पैथोलॉजी लेब्रोटरी नाम से चल रही लैब किसी और की परमिशन पर चल रही है। लैब में यह जो कारनामा हो रहे हैं वो किसी दूसरे के नाम पर हो रहा है लेकिन इसको चलाने वाला कोई और है। इन लोगों के पास खुद की कोई पर्याप्त डिग्री नहीं है और न ही ये लोग ज्यादा पढ़े लिखे हैं लेकिन फिर भी मरीजों की जाँच कर रहे हैं। ये लोग जो रिपोर्ट बनाकर मरीज को देते हैं, डॉक्टर उसी को आधार मानकर इलाज करते हैं। यानी कि मर्ज कोई और, दवा कोई और!
फ़र्ज़ी लैब वाले किस तरह इंसान की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं? हमने इस बारे में पहले भी दिखाया था कि कैसे इस लैब में जांच के लिए आये मरीज को गलत रिपोर्ट थमा दी थी।
आपको बता दें कि राजस्थान के बांसवाड़ा जिले का मामला आया था। जहां डूंगरपुर जिले के साबला तहसील निवासी योगेश कुमार सोनी अपनी माता जी की तबीयत खराब होने की वजह से वह बांसवाड़ा जिले में डॉक्टर के पास लेकर गए। डॉक्टरों ने उनकी माता जी के कुछ टेस्ट करवाने के लिए योगेश को कहा, तब योगेश अपनी माता जी को यश पैथोलॉजी लैब, बांसवाड़ा लेेेकर पहुँचे। उनकी माता जी के खून की जांच के लिए सेम्पल लिए गए। इसके बाद लैब वाले ने रिपोर्ट बनाकर योगेश के हाथ में थमा दी।
रिपोर्ट में उनका ब्लड ग्रुप भी लिखा हुआ था जिमें उनका ब्लड ग्रुप “B+” बताया। योगेश ने रिपोर्ट 7/11 /2017 को करवाई थी जिस पर उनकी माता जी का नाम धनु देवी सोनी लिखा हुआ है। डॉक्टर ने उसी रिपोर्ट के आधार पर धनु देवी का इलाज भी शुरू कर दिया।
लेकिन जब योगेश की माता जी के इलाज में कोई फर्क नहीं दिखा तब वो अपनी मां को लेकर अहमदाबाद गए। वहां के डॉक्टर ने फिर से उनके खून की जांच कराने के लिए उनसे कहा।
23/11/2017 को लैबरोटी में फिर से खून की जांच हुई लेकिन वहां की रिपोर्ट में खून का ग्रुप “AB+” आया। रिपोर्ट चौंकाने वाली थी क्योंकि पहली और इस रिपोर्ट में अंतर था। और डॉक्टर उसी रिपोर्ट के आधार पर जांच कर रहे थे जिससे उनकी माँ को कोई आराम नहीं पड़ा था। तब अहमदाबाद के डॉक्टर ने योगेश सोनी को बताया कि गलत रिपोर्ट की वजह से आपकी माता जी को आराम नहीं मिल रहा था क्योंकि उनका इलाज उसी रिपोर्ट के आधार पर हो रहा था जो बांसबाड़ा की पैथोलॉजी में करवाई गई थी।
डॉक्टर के मुताबिक इस प्रकार की गलत रिपोर्ट से मरीज की जान पर बन आती है।
अपनी माता जी का इलाज कराने के बाद योगेश अपने घर वापस आये और गलत रिपोर्ट के लिए उन्होंने पैथोलॉजी लैब वाले से शिकायत की। लेकिन लैब वाले ने इससे अपना पल्ला झाड़ लिया।
इसके बाद योगेश सोनी ने इस घटना की जानकारी हमारे राजस्थान संवाददाता जगदीश जी तेली को दी थी। इसके बाद जगदीश जी तेली ने पैथोलॉजी लैब से संपर्क साधने की कोशिश की तो उन्होंने जानकारी देने में आनाकानी कर दी। और जब जगदीश ने ऊपर शिकायत करने के लिए कहा तब लैब वाले ने पिछले महीने का बताकर देखने के लिए कहा और साथ ही माफी मांगते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटना नहीं होगी।
लेकिन इस प्रकार की बड़ी लापरवाही किसी की जान तक ले सकती है। मेडिकल डिपार्टमेंट को ऐसी लैब वालों को अपने संज्ञान में लेना होगा ताकि भविष्य में किसी के साथ कोई गलत घटना न घट सके।
हम खुद भी इसकी एक रिपोर्ट जिला चिकित्सक कार्यालय में भेज रहे हैं। जिससे कि ऐसी अवैध रूप से चल रही लैब पर कार्रवाई हो और लोगों की जान से किसी तरह का कोई खिलवाड़ न हो।
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ख़बर 24 एक्सप्रेस