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श्री शनि देव अपने भक्तों के जीवन में लाते हैं खुशहाली

 

 

 

 

सत्य ॐ श्री शनि देव महाराज। जिनके नाम लेने भर से समस्त दुःख दूर हो जाते हैं। सभी कष्ट मिट जाते हैं। जिंदगी में खुशहाली आती है।
शनि भगवान न्याय के साथी हैं वे इस दुनिया इस समस्त संसार के न्यायाधीश हैं। शनि भगवान की शरण में जो आता है वो अपने पापों से मुक्ति पा जाता है। शनि भगवान अपने भक्तों को हर बुराई से बचाते हैं। अपने भक्तों के दुखों को दूर कर देते हैं।
शनि भगवान की आराधना उनकी भक्ति इंसान को हर बुरे कर्म से बचाकर रखती है। शनि भगवान की जो भी दिल से पूजा अर्चना करता है शनि भगवान ऐसे इंसान का हमेशा साथ देते हैं और वो अपने प्रिय भक्त की उपाधि देते हैं।

शनि भगवान की पूजा अर्चना करने वाले इंसान कभी का दिल नहीं दुखाते हैं, वो अपने मन में अपने आराध्य देव श्री शनि महाराज का हमेशा जाप करते रहते हैं।
शनि भगवान की ढैया, साढ़े साती इंसान को मजबूत बनाती है हर अच्छी बुरी चीज का ज्ञान करवाती है।

तो आइए शनि भगवान की दिल से पूजा करें और उनको ढंग से जाने…।

 

स्कन्द पुराण में काशी खण्ड में वृतांत आता है, कि छाया सुत श्री शनिदेव ने अपने पिता भगवान सूर्य देव से प्रश्न किया कि हे पिता! मै ऐसा पद प्राप्त करना चाहता हूँ, जिसे आज तक किसी ने प्राप्त नही किया, हे पिता ! आपके मंडल से मेरा मंडल सात गुना बडा हो, मुझे आपसे अधिक सात गुना शक्ति प्राप्त हो, मेरे वेग का कोई सामना नही कर पाये, चाहे वह देव, असुर, दानव, या सिद्ध साधक ही क्यों न हो.आपके लोक से मेरा लोक सात गुना ऊंचा रहे.दूसरा वरदान मैं यह प्राप्त करना चाहता हूँ, कि मुझे मेरे आराध्य देव भगवान श्रीकृष्ण के प्रत्यक्ष दर्शन हों, तथा मै भक्ति ज्ञान और विज्ञान से पूर्ण हो सकूं.शनिदेव की यह बात सुन कर भगवान सूर्य प्रसन्न तथा गदगद हुए, और कह, बेटा ! मै भी यही चाहता हूँ, के तू मेरे से सात गुना अधिक शक्ति वाला हो.मै भी तेरे प्रभाव को सहन नही कर सकूं, इसके लिये तुझे तप करना होगा, तप करने के लिये तू काशी चला जा, वहां जाकर भगवान शंकर का घनघोर तप कर, और शिवलिंग की स्थापना कर, तथा भगवान शंकर से मनवांछित फ़लों की प्राप्ति कर ले.शनि देव ने पिता की आज्ञानुसार वैसा ही किया, और तप करने के बाद भगवान शंकर के वर्तमान में भी स्थित शिवलिंग की स्थापना की, जो आज भी काशी-विश्वनाथ के नाम से जाना जाता है, और कर्म के कारक शनि ने अपने मनोवांछित फ़लों की प्राप्ति भगवान शंकर से की, और ग्रहों में सर्वोपरि पद प्राप्त किया।

 

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Dharm Sansar

Khabar 24 Express


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