एनजीटी यानि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आज एक सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वो जंतर मंतर से धरना प्रदर्शन रोके। एनजीटी ने प्रदूषण का हवाला देते हुए कहा कि जंतर मंतर के आसपास के इलाके में ध्वनि प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है इस बाबत (प्रदूषण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 का भी हवाला दिया।
न्यायमूर्ति आर एस राठौर की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने नई दिल्ली नगरपालिका परिषद को कनॉट प्लेस के निकट स्थित जंतर मंतर रोड से सभी अस्थायी ढांचों, लाउडस्पीकरों और जन उद्घोषणा प्रणालियों को हटाने के भी निर्देश दिए। पीठ ने कहा, प्रतिवादी दिल्ली सरकार, एनडीएमसी और दिल्ली के पुलिस आयुक्त जंतर-मंतर पर धरना, प्रदर्शन, आंदोलनों, लोगों के इकट्ठा होने, लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल आदि को तुरन्त रोकें।
अधिकरण ने प्रदर्शनकारियों, आंदोलनकारियों और धरने पर बैठे लोगों को वैकल्पिक स्थल के रूप में अजमेरी गेट में स्थित रामलीला मैदान में तुरन्त स्थानांतरित करने के अधिकारियों को निर्देश दिये।इससे पहले एनजीटी ने जंतर मंतर के विकल्प के तौर पर अन्य स्थान नहीं खोजने पर दिल्ली सरकार से नाराजगी भी जताई थी। आपको बता दें कि एक याचिका में आरोप लगाया गया था कि जंतर मंतर पर आंदोलनों से बहुत ध्वनि प्रदूषण होता है।