दिल्ली मेट्रों में सफर करने वालों के लिए एक बुरी ख़बर है। दिल्ली मेट्रो का किराया एक बार फिर से 10 रुपये तक बढ़ाया जा रहा है। इससे पहले दिल्ली मेट्रों का न्यूनतम किराया 8 रुपये और अधिकतम 30 रुपये था जिसे इसी साल मई में न्यूनतम किराया 10 रुपये और अधिकतम 50 रुपये कर दिया गया था। इस साल में ये दूसरी वृद्धि है न्यूनतम किराया तो 10 रुपये ही रहगा लेकिन अधिकतम 60 रुपये हो जाएगा, इस बार किराए को 6 स्लैब में बांटा है।
आपको बता दें कि बढ़े किराए की वजह से ही एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो फेल हुई थी। रिलायंस उसका संचालन करती थी। लेकिन काफी वक्त तक बंद होने के बाद उसका संचालन डीएमआरसी के हाथ में आ गया। यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए किराए में भी कमी की गई लेकिन इसके बाबजूद अभी तक एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो यात्रियों की कमी से जूझ रही है क्योंकि किराया अभी भी बहुत ज्यादा है।
बढ़े हुए किराए को समझने के लिए इस पिक्चर को देखें
अब जो वृद्धि हो रही है ये मेट्रो का किराया 10 अक्टूबर से लागू हो जाएगा।
नौ साल बाद डीएमआरसी ने 10 मई को किराया बढ़ाया था और किराये को 6 स्लैब्स में बांटा था। नए किराया लागू होने पर पहले स्लैब में दो किलोमीटर तक के सफर में किराया नहीं बढ़ेगा। डीएमआरसी का कहना है कि यह कोई नया फैसला नहीं है, फेयर फिक्सेशन कमिटी ने 8 मई को ही यह पास कर दिया था। पहले फेज में 10 मई को किराया बढ़ाया गया था और दूसरे फेज का किराया 10 अक्टूबर को बढ़ाना तय हुआ था।
10 अक्टूबर को दो किलोमीटर तक में 10 रुपये ही रहेंगे, दो से पांच किलोमीटर के बीच का किराया 15 से बढ़ाकर 20 कर दिया जाएगा, चौथै स्लैब में 12 से 21 किलोमीटर का किराया 30 से 40 रुपये, 21 से 32 किलोमीटर सफर करने वाले से अब 40 के बजाए 50 रुपये और 32 किलोमीटर से ज्यादा सफर करने वालों को 60 रुपये देने होंगे। जब मेट्रो ने 10 मई को किराया बढ़ाया था, तब कई एनजीओ ने इसका विरोध किया था। आम लोगों ने भी सरकार के इस फैसले को गलत करार दिया था।
किराया बढ़ने का असर भी मेट्रो पर नेगेटिव देखा गया था और राइडरशिप में कमी आई थी। एक बार फिर मेट्रो का किराया बढ़ने से राइडरशिप में कमी आ सकती है। दिल्ली मेट्रो साल 2002 में शुरू हुई थी। जब 25 दिसंबर 2002 को दिल्ली मेट्रो सर्विस की शुरुआत की गई थी तो इसका न्यूनतम किराया 4 रुपये था और अधिकतम 8 रुपये था। फेयर फिक्सेशन कमिटी का गठन दिसंबर 2003 में किया गया था, जिसके बाद 31 मार्च 2004 को किराया बढ़ाया गया। न्यूनतम छह रुपये और अधिकतम 15 रुपये कर दिया गया था। फेयर फिक्सेशन कमिटी की दूसरी सिफारिश 31 दिसंबर 2005 लागू हुई, यानी एक साल नौ महीने के बाद किराया बढ़ाया गया। उस समय न्यूनतम किराया छह रुपये ही रहा लेकिन अधिकतम किराया 22 रुपये कर दिया गया।
कमिटी ने 13 नवंबर 2009 को लगभग चार साल बाद न्यूनतम किराया 8 रुपये और अधिकतम किराया 30 रुपये किया था। चौथी बार मेट्रो का किराया बढ़ाया गया है और अब न्यूनतम किराया 10 रुपये और अधिकतम 50 रुपये कर दिया गया है। अब छठी बार 10 अक्टूबर 2017 को न्यूनतम 10 रहेगा लेकिन अधिकतम किराया 60 रुपये पहुंच जाएगा।
***
ख़बर 24 एक्सप्रेस
Discover more from Khabar 24 Express Indias Leading News Network, Khabar 24 Express Live TV shows, Latest News, Breaking News in Hindi, Daily News, News Headlines
Subscribe to get the latest posts sent to your email.