राहुल गांधी इस वक़्त अमेरिका में हैं और वो वहां पर राजनीतिक मुलाकात कर रहे हैं। भारतीयों से मिल रहे हैं। प्रवासी भारतीयों के साथ में बिज़नेस मुलाकात कर रहे हैं। अब ऐसी ही एक मुलाकात में वो भारत की आज़ादी के ऊपर कुछ ऐसा बोल गए जो शायद भाजपा या उनके विरोधियों को पसंद ना आये।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत की आजादी में अहम योगदान देने वाले कुछ नेताओं को ‘नॉन रेजिडेंट इंडियन’ बताया है। न्यू यॉर्क में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी ‘एनआरआई मूवमेंट’ की ही देन है।
राहुल ने वहां कहा कि असल में कांग्रेस की उत्पत्ति एनआरआई मूवमेंट की वजह से हुई। राहुल ने आगे कहा कि महात्मा गांधी इंग्लैंड से आए थे, वह एनआरआई थे। उन्होंने अंबेडकर, आजाद, पटेल सबको एनआरआई बताया। राहुल ने आगे कहा कि वे सभी भारत से बाहर गए, बाहर की दुनिया को देखकर आए और फिर वहां से लाए गए आइडिया से भारत को बदला।
राहुल ने कहा कि ऐसे ही कई और भी एनआरआई हैं जिनको उनके योगदान के लिए ठीक पहचान नहीं मिली। राहुल ने वर्गीज कुरियन, जिन्होंने श्वेत क्रांति की शुरुआत की थी उनका उदाहरण दिया। राहुल ने उनको भी नॉन रेजिडेंट इंडियन बताया।
राहुल ने कार्यक्रम में दावा किया कि अपने 14 दिन के दौरे में वह जिन भी राजनेताओं, स्टूडेंट्स से मिले उन्होंने भारत में बढ़ती असहिष्णुता और सांप्रदायिक तनाव की चर्चा उनसे की। राहुल ने कहा जो भी लोग मुझसे मिले उन्होंने पूछा उस सहिष्णुता को क्या हुआ जो भारत की पहचान हुआ करती थी? भारत की एकता को क्या हुआ? क्या भारत में बांटने वालों की राजनीति चल रही है?
राहुल गांधी ने वहां से भी मोदी सरकार पर हमला बोला। राहुल ने कहा कि सरकार युवाओं के लिए नौकरियों के अवसर पैदा करने में असफल रही है। राहुल ने कहा भारत की मुख्य चुनौती है कि 30,000 युवा नौकरी तलाशते हैं लेकिन सिर्फ 450 को ही मिल पाती है। राहुल ने कहा कि ऐसा चलता रहा तो आगे क्या होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। राहुल ने आगे कहा कि अगर भारत युवाओं को नौकरी नहीं दे सकेगा तो उनको रास्ता नहीं दिखा पाएगा।
जिस कार्यक्रम में राहुल गांधी बोल रहे थे वहां कांग्रेस पार्टी के लगभग 2000 समर्थक शामिल थे। उनमें ज्यादातर एनआरआई थे। राहुल गांधी दो हफ्ते के यूएस दौरे पर हैं। उनके दौरे का यह आखिरी हफ्ता है।