किसानों की दुर्दशा और कर्ज़ों की वजह से आत्महत्या को अपना चुनावी हथियार बनाने वाली भाजपा ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव जीतने के बाद साफ़ कर दिया है कि राज्य सरकारें किसानों के कर्ज़ माफ़ी को लेकर खुद इंतजाम करें। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन सभी राज्य सरकारों को चेताया जो अपने यहां किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा कर रही है। जेटली ने कहा उन्हें किसानों की लोन माफी के लिए फंड की व्यवस्था खुद करनी होगी।
आपको बता दें कि 2014 में हुए लोकसभा चुनावों से पूर्व पीएम मोदी ने अपनी चुनावी सभाओं में किसानों की कर्ज़ माफ़ी की बात कही थी इसके अलावा 2017 में यूपी लोकसभा चुनावों में भी यही कहा गया था लेकिन अब वित्तमंत्री ने साफ़ कर दिया है कि केंद्र सरकार किसी तरह को कर्ज़ माफ़ी के पक्षधर नहीं है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली का ये बयान उस वक्त सामने आया है जब महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के भीतर किसानों का पूरा लोन माफ करने का ऐलान कर दिया है। इसके लिए राज्य को लगभग किसानों के 1.36 लाख करोड़ रुपये के कर्जे में से 1.14 करोड़ रुपये खुद जुटाने होंगे।
हालांकि इसमें छोटे किसानों का लोन महज 30,000 करोड़ रुपये ही है। जेटली बैंक और पीएसयू के प्रमुखों से नॉन-परफार्मिंग एसेट्स पर बात कर रहे थे। यूनियन फाइनेंस मिनिस्टर ने सोमवार को पीएसयू बैंकों के साथ मीटिंग में एनपीए का रिव्यू किया। मध्यप्रदेश में भी कर्जमाफी के लिए किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन की वजह से हाल ही में मध्यप्रदेश में जमकर बवाल हुआ था।
ख़बर 24 एक्सप्रेस
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