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NMMS छात्रवृत्ति घोटाला? परीक्षा पास, फिर भी नहीं मिले 12 हजार रुपये, शिक्षकों की गलती से छात्रों को भारी नुकसान

Jitendra Patle | भंडारा प्रतिनिधि | NMMS छात्रवृत्ति घोटाला | Crime News | Khabar 24 Express

भंडारा। राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति योजना (NMMS) के तहत परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद तुमसर तहसील के चार गरीब छात्रों को वर्ष 2024–25 की 12 हजार रुपये की छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई।

आरोप है कि महाराष्ट्र जूनियर कॉलेज, सिहोरा के शिक्षकों की गंभीर लापरवाही के चलते छात्रों को उनकी वैध और उच्च छात्रवृत्ति से वंचित कर दिया गया, जिससे शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।

NMMS परीक्षा पास, फिर भी छात्रवृत्ति से वंचित
जानकारी के अनुसार, सत्र 2021–22 में इन छात्रों ने कक्षा 8 की NMMS परीक्षा उत्तीर्ण की थी।

परीक्षा पास करने के बाद उन्हें MH 20230042291097 आईडी प्राप्त हुई। इसके आधार पर छात्रों को वर्ष 2022–23 और 2023–24 में प्रति वर्ष 12,000 रुपये की छात्रवृत्ति भी मिली।

वर्ष 2024–25 में छात्रों ने तुमसर तहसील के महाराष्ट्र जूनियर कॉलेज, सिहोरा में 11वीं विज्ञान शाखा में प्रवेश लिया। इसके बाद छात्रों द्वारा NSP पोर्टल पर NMMS छात्रवृत्ति के नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी की गई। साथ ही MHDBT पोर्टल पर अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति के लिए भी आवेदन किया गया।

शिक्षकों की गलती से रद्द हुई उच्च छात्रवृत्ति
आरोप है कि कॉलेज के शिक्षकों ने यह जानते हुए भी कि ये विद्यार्थी NMMS के तहत उच्च छात्रवृत्ति के पात्र हैं, उनके फॉर्म गलत श्रेणी में भर दिए। इस गलती के चलते शिक्षा विभाग ने NMMS के अंतर्गत मिलने वाली 12 हजार रुपये की छात्रवृत्ति को रद्द कर दिया, जबकि कम राशि वाली छात्रवृत्ति उनके खातों में जमा कर दी गई।

परिणामस्वरूप, जिन छात्रों को शासन के नियमों के अनुसार प्रति वर्ष 12,000 रुपये मिलने चाहिए थे, उन्हें मात्र 1,704 रुपये देकर मामला समाप्त कर दिया गया। इससे छात्रों और उनके अभिभावकों का मनोबल बुरी तरह टूट गया है।

नियमों की अनदेखी का आरोप
शासन के स्पष्ट नियमों के अनुसार, NMMS परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए लगातार चार वर्षों तक 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति दी जानी चाहिए। इसके बावजूद नियमों को ताक पर रखकर राशि में कटौती की गई, जिसे विद्यार्थी पालक संघ ने सीधा अन्याय बताया है।

अभिभावकों की बढ़ी चिंता, पढ़ाई पर संकट
छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि आर्थिक स्थिति पहले से कमजोर है और इसी छात्रवृत्ति के भरोसे बच्चों की आगे की पढ़ाई संभव हो पा रही थी। अब अचानक राशि कम मिलने से बच्चों की शिक्षा कैसे जारी रखी जाए, यह सबसे बड़ा सवाल बन गया है।

प्रशासन से न्याय की मांग, आंदोलन की चेतावनी
मामले को लेकर विद्यार्थी पालक संघ ने शाला प्रबंधन से संपर्क किया, लेकिन आरोप है कि उन्हें सिर्फ टालमटोल वाले जवाब दिए गए। इसके बाद भाजपा के जिला सचिव गजानन निनावे ने भंडारा जिले के पालक मंत्री डॉ. पंकज भोयर को निवेदन सौंपकर छात्रों को तत्काल न्याय दिलाने की मांग की।

विद्यार्थी पालक संघ के अध्यक्ष गजानन निनावे और सचिव मोतीलाल ठवकर ने स्पष्ट कहा है कि यदि चारों छात्रों को उनकी पूरी NMMS छात्रवृत्ति नहीं दी गई, तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

“गरीब छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं”
गजानन निनावे ने कहा कि महाराष्ट्र जूनियर कॉलेज में पढ़ने वाले चारों गरीब छात्र NMMS परीक्षा उत्तीर्ण हैं और उन्हें वर्ष 2024–25 की 12 हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिलनी ही चाहिए। शिक्षकों की गलती का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़े, यह किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।


Jitendra Patle | भंडारा प्रतिनिधि


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