
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम मोदी के रिश्ते इस बार मधुर नहीं दिख रहे हैं। ट्रंप की नई सरकार के इस बार के कार्यकाल में वो पीएम मोदी की भाव नहीं दे रहे हैं।
पीएम मोदी किसी भी देश में जाते हैं तो प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं होती है इस बार ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करवाई और अडानी के मुद्दे पर सवाल भी आए। इसको लेकर भारत की काफी किरकिरी हो रही है। वहीं पीएम मोदी पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। अमेरिका का ऐसा बर्ताव शायद ही कभी देखने को मिला हो जो इस बार मिल रहा है।
बता दें कि इस बार ट्रंप की जीत में एलन मस्क का बड़ा हाथ है। यहां तक कि ट्रंप की जीत के बाद हुए समारोह में एलन मस्क ने जमकर डांस भी किया था।
वहीं एलन मस्क के कहने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कथित अमेरिकी फंडिंग को रोक दिया है। ट्रंप ने आरोप लगाया कि इस पैसे का इस्तेमाल भारत में वोट बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि रिश्वत के लिए होता है।
भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि इस पैसे का इस्तेमाल भारत में ‘डीप स्टेट एसेट्स’ को बनाए रखने के लिए किया गया और मामले की जांच की मांग की। बता दें कि, डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को फिर से भारत में मतदान के लिए अमेरिकी सरकार की तरफ से 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर के आवंटन पर सवाल उठाया और इसे ‘रिश्वत योजना’ बताया।
बता दें कि, ये बवाल तब शुरू हुआ, जब अमेरिकी सरकार के कार्यदक्षता विभाग (डीओजीई) ने अमेरिकी करदाताओं की तरफ से वित्तपोषित पहलों की एक सूची पोस्ट की, जिसमें ‘भारत में मतदान’ के लिए निर्धारित 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर का उल्लेख था। एलन मस्क की अध्यक्षता वाले डीओजीई ने 16 फरवरी को इसे रद्द करने की घोषणा की। एक्स पर एक पोस्ट में, डीओजीई ने अमेरिकी करदाताओं की तरफ से रद्द किए गए खर्चों की संख्या सूचीबद्ध की, जिसमें ‘भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर’ भी शामिल है।
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