आप अगर गांव देहात से ताल्लुक रखते हैं तो जानते होंगे कि दोस्त एक।मंडली में शौच के लिए बाहर जाते थे। गांव में भले प्रधानमंत्री योजना के तहत टॉयलेट बन गए हों लेकिन लोग अब भी 2-4 लोगों के ग्रुप में एक साथ टॉयलेट करने जाते हैं और कुछ दूरी पर बैठकर बातचीत करते हुए टॉयलेट करते हैं। यह मजाक नही सच है। महिलाएं भी ऐसे ही ग्रुप में शौच के लिए जाती हैं।
अब आप भी शौच हमारा मतलब सोच रहे होंगे कि ये ग्रुप शौच की बात अचानक यहां कहाँ से हो रही है। दरअसल बस्ती जिले में एक ऐसा ही टॉयलेट बना है जिसमें एक ही जगह 4 टॉयलेट सीट लगा दी गई हैं। यानी अगर आप 4 दोस्त हैं तो दोस्तों में शर्म कैसी, एक साथ बैठकर टॉयलेट करिए और बातचीत भी करते रहिए। हुआ न फ्रेंडली टॉयलेट।
बता दें कि यूपी के बस्ती जिला स्थित रुधौली विकास क्षेत्र के धन्सा ग्राम पंचायत में बने सामुदायिक शौचालय परिसर में एक साथ चार टॉयलेट सीट लगाने का मामला सामने आया है। वहां कोई दरवाजा या दीवार भी नहीं बनाई गई है, जिससे परदा हो सके। सोशल मीडिया पर इसकी फोटो वायरल होने के बाद खलबली मच गई। आनन-फानन में शौचालय की सीट उखड़वा ली गई। प्रकरण संज्ञान में आने पर उप-जिलाधिकारी आनंद श्रीनेत ने बीडीओ केदारनाथ कुशवाहा के साथ समुदायिक शौचालय का निरीक्षण किया। ग्राम पंचायत सचिव व एडीओ पंचायत से शौचालय संबंधी प्रपत्र कार्यालय में प्रस्तुत करने को कहा।
जानकारी मिली है कि ग्राम पंचायत धन्सा में लगभग सात लाख की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। जिसमे ग्रामीणों के नहाने के लिए चार स्नानागार, शौच आदि की व्यवस्था के लिए एक कमोड सहित चार शौचालय बना हुआ है। परिसर के अंदर खुली जगह में चार बेबी फ्रेंडली टॉयलेट बनवाए जाने थे लेकिन निर्माण कराने वाले जिम्मेदारों ने सामान्य टॉयलेट सीट लगा कर छोड़ दिया।
शुक्रवार को उसी की फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगी। विकासखंड के एडीओ पंचायत शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि प्रकरण में विकासखंड के तत्कालीन बीडीओ सुनील कुमार कौशल और तत्कालीन एडीओ पंचायत दयाराम ने उस समय तैनात पंचायत सचिव प्रमोद कुमार श्रीवास्तव को कमियों को दूर करने के लिए निर्देशित किया गया था। लेकिन उसके तुरंत बाद ही उनका स्थानांतरण हो गया। एडीओ पंचायत का कहना है कि सामुदायिक शौचालय में पाई लापरवाही को तत्काल रुप से निर्देशित कर सही कराया जा रहा है।
इससे पहले पिछले हफ्ते कुदरहा विकास खंड के गौरा धुंधा गांव में बने सामुदायिक शौचालय के एक कक्ष में दो टॉयलेट सीट लगवाने का मामला सामने आया था। जिसमें जांच के बाद मौजूदा और पूर्व ग्राम विकास अधिकारी निलंबित कर दिए गए थे। साथ ही लघु सिंचाई के अवर अभियंता के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई का निर्देश डीएम ने दिया था। इसके अलावा पूर्व व वर्तमान ग्राम प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जिला पंचायत राज अधिकारी नमिता शरण ने बताया कि जिले में 16 स्थानों पर बेबी फ्रेंडली शौचालय का निर्माण कराया गया है। सभी का सत्यापन कराया जा रहा है। इसके लिए संबंधित ब्लाक के बीडीओ को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।