
प्रति शनिवार श्री शनि देव के इन विशेष मंत्रों के जाप से यश, सुख, समृद्धि, कीर्ति, पराक्रम, वैभव, सफलता और अपार धन-धान्य के साथ प्रगति के द्वार खुलते हैं। यहां दिए गए किसी भी मंत्र की कम से कम 1 माला (108) बार इसका जाप करें। किसी एक मंत्र का चयन करें और अवश्य जपें….
1. बीज मंत्र-
ॐ शं शनैश्चराय नम:
2. शनि का वेदोक्त मंत्र-
ॐ शमाग्निभि: करच्छन्न: स्तपंत सूर्य शंवातोवा त्वरपा अपास्निधा:
3. श्री शनि व्यासविरचित मंत्र-
ॐ नीलांजन समाभासम्। रविपुत्रम यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्डसंभूतम। तम् नमामि शनैश्चरम्।।
4. शनिचर पुराणोक्त मंत्र-
सूर्यपुत्रो दीर्घेदेही विशालाक्ष: शिवप्रिय: द
5. शनि स्तोत्र-
नमस्ते कोणसंस्थाचं पिंगलाय नमो एक स्तुते
नमस्ते बभ्रूरूपाय कृष्णाय च नमो ए स्तुत
नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चांतकाय च
नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो
नमस्ते मंदसज्ञाय शनैश्चर नमो ए स्तुते
प्रसाद कुरू देवेश दिनस्य प्रणतस्य च
कोषस्थह्म पिंगलो बभ्रूकृष्णौ रौदोए न्तको यम:
सौरी शनैश्चरो मंद: पिप्लदेन संस्तुत:
एतानि दश नामामी प्रातरुत्थाय ए पठेत्
शनैश्चरकृता पीडा न कदचित् भविष्यति
6. तंत्रोक्त मंत्र-
ॐ प्रां. प्रीं. प्रौ. स: शनैश्चराय नम:।

हनुमान भगवान के मंत्र:
. ‘ॐ हं हनुमते नम:।’
वाद-विवाद, न्यायालय आदि के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
2. ‘ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्।’
शत्रु से अधिक भय हो, जान-माल का डर हो, तो यह प्रयोग उचित रहेगा।
3. ‘ॐ हं पवननन्दनाय स्वाहा।’
हनुमानजी के दर्शन सुलभ होते हैं, यदि नित्य यह पाठ किया जाए।
4. ‘ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा।’
शत्रु बलवान होने पर यह जप निश्चित लाभ देता है।
5. ‘ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।’
असाध्य रोगों के लिए इस मंत्र का प्रयोग करें।
6. ‘ॐ नमो भगवते हनुमते नम:।’
सर्व सुख-शांति के लिए यह मंत्र जपें।
7. ‘दुर्गम काज जगत के जेते,
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।’
कठिन कार्यों की सफलता के लिए।
8. ‘और मनोरथ जो कोई लावै,
सोई अमित जीवन फल पावै।’
इच्छापूर्ति के लिए।
9. ‘अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता,
अस बर दीन जानकी माता।’
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