बाबा महाकाल की नगरी से गांजा तस्करी का एक अनौखा मामला सामने आया है। यहां बड़े ही शातिराना अंदाज में तस्कर गांजे की तस्करी करने के फिराक में थे।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने सोमवार को तराना में दो गांजा तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 250 किलो गांजा बरामद किया है। आरोपित लोडिंग वाहन में रखे बिजली के ट्रांसफार्मर में गांजा छुपाकर ले जा रहे थे।
तराना पुलिस ने बताया कि सोमवार शाम को नारकोटिक्स की टीम ने तराना में लोडिंग वाहन को रोका था। उसमें बिजली का ट्रांसफार्मर रखा हुआ था। अधिकारियों ने ट्रांसफार्मर की तलाशी ली तो वह खोखला मिला था। ट्रांसफार्मर में गांजे से भरे 10 पैकेट मिले हैं। इसमें करीब 250 किलो गांजा भरा हुआ था। नारकोटिक्स अधिकारियों ने वाहन से रमेश निवासी कोटा राजस्थान तथा एक तराना निवासी व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। मुखबिर की सूचना पर नारकोटिक्स के अधिकारी कई दिनों से तस्करों पर नजर रखे हुए थे। सूचना मिली थी कि दोनों बदमाश ट्रांसफार्मर में भरकर गांजे की तस्करी करने वाले है। इस पर टीम बैतूल से नजर रख रही थी। जैसे ही वाहन तराना पहुंचा तो अधिकारियों ने वाहन रोककर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
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नारकोटिक्स ब्यूरो व पुलिस ने तराना से 17 अगस्त 2021 को 1376 किलो गांजे के साथ दो बदमाशों को गिरफ्तार किया था। मुर्गी दाना के नाम पर गांजे की तस्करी की जा रही थी। नारकोटिक्स ब्यूरो की सूचना पर तराना पुलिस ने तराना के गुर्जरखेड़ा बघेड़ा फंटा के यहां ट्रक आरजे 17 जीए 6181 को रोककर तलाशी ली थी। इसमें चावल की भूसी के नीचे बोरियों में गांजा छुपा रखा था। पुलिस ने ट्रक से 43 बोरी में भरा हुआ 1376 किलो गांजा बरामद किया है। आरोपित शेरू खां व महबूब खान दोनों निवासी तराना को गिरफ्तार किया था।
अधिकारियों का कहना है कि गांजे की खेती छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में होती है। वहां से गांजा देशभर में सप्लाय किया जाता है। सूचना मिलने पर कई दिनों से तस्करों पर नजर रखी जा रही थी। जिसके बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
ब्यूरो रिपोर्ट : राजेश सिसोदिया, उज्जैन, मध्यप्रदेश