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करोड़पति निकला रिश्वतखोर कानूनगो : हरिमोहन राठौड़ की रिपोर्ट

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60 हजार की सैलरी पाने वाले के लॉकर में 10 लाख का गोल्ड, 6 प्लाट, 2 मकान, 3 दुकानों के कागज मिले; ACB ने घूस लेते पकड़ा था
कोटा
60 हजार की सैलरी पाने वाले के लॉकर में 10 लाख का गोल्ड, 6 प्लाट, 2 मकान, 3 दुकानों के कागज मिले; ACB ने घूस लेते पकड़ा था|कोटा
आरोपी कानूनगो योगेंद्र चौहान।

कोटा में 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया कानूनगो योगेंद्र चौहान करोड़पति निकला। मंगलवार को एसीबी ने उसे जमीन का नाम न बदलने (जमीन इंतकाल कैंसिल) के लिए घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा था। गुरुवार को एसीबी ने उसके बैंक लॉकर की जांच की। लॉकर में उसकी काली कमाई का खुलासा हुआ। लॉकर से 10 लाख रुपए का गोल्ड, 6 प्लाट, 2 मकान और 3 दुकानों के कागज मिले हैं। इनकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। रिश्वतखोर कानूनगो की इतनी संपत्ति देखकर एसीबी अफसर भी चौंक गए।

एसीबी अफसरों ने बताया कि कानूनगो को वर्तमान में करीब 60 हजार रुपए की सैलरी मिलती है। लेकिन, इसकी करोड़ों की संपत्ति इस बात की गवाही दे रही है कि यह लंबे अर्से से रिश्वतखोरी कर रहा था। आरोपी के लॉकर से जिन 6 प्लाट, 2 मकान और 3 दुकानों के दस्तावेज मिले हैं। उसमें से दो दुकानें शहर के पॉश इलाके अटवाल नगर के शॉपिंग सेंटर में है। इनकी कीमत ही एक करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जा रही है। वहीं अस्सी फीट रोड, धाखड़खेड़ी, जगपुरा, धर्मपुरा में 6 प्लाट के दस्तावेज मिले हैं। इनकी प्रत्येक की कीमत भी 20-25 लाख रुपए बताई जा रही है। यानी डेढ़ करोड़ की कीमत के प्लाट हैं।

ब्याज पर पैसे देने का हिसाब किताब भी मिला
इसके अलावा तलाशी में ब्याज पर पैसे देने का हिसाब किताब भी मिला है। फिलहाल, एसीबी जब्त दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है। ये भी बात सामने आई है कि कानूनगो की कोई पैतृक संपति नहीं है। यानी नौकरी के दौरान रिश्वतखोरी करके ही आरोपी ने यह प्रॉपर्टी खरीदी है। इससे पहले बुधवार को एसीबी ने योगेंद्र सिंह चौहान के बारां रोड सरस्वती कॉलोनी आवास की तलाशी ली थी। इसमें 1 लाख 16 हजार की नगदी मिली। आरोपी जब इन रुपए के बारे में जवाब नहीं दे पाया तो एसीबी ने राशि जब्त कर ली थी।

परिवार में पत्नी और एक बेटा
आरोपी योगेंद्र चौहान तहसील में कानूनगो (रेवन्यू इंपेक्टर) पद पर कार्यरत है। उसे प्रतिमाह करीब 60 हजार की सैलरी मिलती है। परिवार में पत्नी व बेटा है। बेटा पढ़ाई करता है। योगेंद्र के रिटायरमेंट में करीब 5 साल का वक्त बाकी था।

एसीबी ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित तहसील कार्यालय में लगाया था ट्रैप
एसीबी ने मंगलवार को कोटा कलेक्ट्रेट स्थित तहसील कार्यालय में ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया था। योगेंद्र चौहान व बाबूलाल ने जमीन इंतकाल निरस्त कर अन्य व्यक्ति के नाम पर इंतकाल खोलने की धमकी देकर परिवादी से 10 हजार की रिश्वत मांगी थी। इस पर एसीबी ने रिश्वत की राशि 8 हजार रुपए लेते फोर्थ क्लास कर्मचरी बाबूलाल को दबोचा था। पूछताछ में बाबूलाल ने कानूनगो योगेंद्र चौहान के लिए रिश्वत लेने की बात कही। इसके बाद कानूनगो को पकड़ा गया था। फिलहाल, कानूनगो योगेंद्र चौहान व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बाबूलाल सेंट्रल जेल में बंद हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट : हरिमोहन राठौड़, चित्तौड़गढ़


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