स्वामी के फॉलोवर्स भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी बहुत हैं।
वैसे तो पिछली बार की तरह इस बार भी स्वामी जी अपना जन्मदिन नहीं मना रहे हैं। लेकिन उनके चाहने वाले आश्रम जाकर या अपने घर पर स्वामी जी की तस्वीर रखकर उनके जन्मदिन को मना रहे हैं।
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बता दें कि स्वामी जी ने अभी हाल ही में सभी राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय दिवसों पर कविताएं लिखकर एक रिकॉर्ड बनाया है। स्वामी ने लगभग हर छोटे बड़े दिवस पर भौतिक, आध्यात्मिक विचारधाराओं के लगभग सभी विषयों पर अपनी कविताओं और लेखों के माध्यम से नियमित जनसाधरण को जनकल्याण और उनके दायित्वों के प्रति जागरूक करने के लिए स्वामी जी ने कविताएं लिखी। इतना ही नहीं स्वामी जी ने कविताएं लिखकर वाकायदा एक रिकॉर्ड स्थापित किया है।
बता दें कि स्वामी जी ने 118 दिवसों पर कविताएं लिखी हैं, जिसमें 60 अंतरराष्ट्रीय दिवसों पर व 58 राष्ट्रीय दिवसों पर हैं।
भारतीय संस्कृति व सनातन संस्कृति को ध्यान में रखते हुए स्वामी जी ने विश्व में अलख जगाने का एक महत्वपूर्ण कार्य किया है… इसके लिए ख़बर 24 एक्सप्रेस की टीम ने स्वामी जी का सत्कार किया।
इतना ही नहीं स्वामी जी के इस असीम कार्य के लिए देश विदेश से बधाइयां आईं।
निर्मल घंसल, साक्षी शर्मा, अक्षिता चौधरी, पुष्पिता बादु, मालती सिंह, ज्योति यादव, डाक्टर मोहित यादव, वेद प्रकाश आर्य, संदीप मंधोत्रा, पुरुषोत्तम घंसल, यतेंद्र मोहन घंसल, हेमेंद्र प्रताप, मोहनीश शर्मा, मोहित जादौन, सक्षम शर्मा, शुभम तेवतिया, प्रशांत त्रिवेदी, अन्नू, भावना सिंह, नितिन वर्मा, सुमित, मयंक गहलोत, तरुण कौशिक आदि ने स्वामी जी को बधाई दी।
स्वामी जी ने विश्व के सभी महत्वपूर्ण अंतर्राष्टीय दिवसों पर स्वरचित कविताएं लिखकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
कुछ लोग अगर सद्गुरु स्वामी सत्येंद्र जी महाराज के बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानते हैं तो हम उनके बारे में आपको बता देते है। स्वामी जी का जन्म 9 अप्रैल को बुलंदशहर स्थित एक छोटे से गांव में हुआ था।
स्वामी जी की रुचि बचपन से ही अध्यात्म की तरफ रही। स्वामी जी बचपन से ही योगी की तरह रहे। इसके बाद स्वामी जी ने कई सालों तक तपस्या की। यही कारण है कि स्वामी जी के फॉलोवर्स स्वामी जी को भगवान का दर्जा देते हैं।
स्वामी जी ने सत्य ॐ सिद्धाश्रम, सत्य ॐ शनि पीठ, सत्यास्मि मिशन की स्थापना की है। माँ पूर्णिमा देवी का मंदिर व मूर्ती सर्वप्रथम स्वामी जी ने ही की। आज पूरे देश में माँ पूर्णिमा देवी की मूर्ती अगर कहीं मिलती है तो समझिए वो बुलंदशहर स्थित आश्रम से ही गयी होगी।
स्वामी जी ने महिलाओं के उत्थान के लिए सत्यास्मि मिशन नाम की एक संस्था भी बनाई है जो महिलाओं को उनके हक दिलाने का काम करती है। इतना ही नहीं स्वामी जी योग साधना में भी बाकी के योग गुरुओं से कहीं ज्यादा आगे हैं। स्वामी जी ने कई व्यावम पध्दतियों की खोज की है जिसमें पफ्फसी योग विज्ञान प्रमुख है।
आज यानि 9 अप्रैल को महायोगी सद्गुरु स्वामी सत्येंद्र जी महाराज का जन्मदिन है तो आप भी स्वामी जी को बधाईयां दें।
बुलंदशहर से खबर 24 एक्सप्रेस के लिए कृष्ण कुमार गोयल की रिपोर्ट