
पहले तो आओ जानते हैं कि प्रचलित चल रहे वे सब चार कौन से आसन हैं जिससे कमर का दर्द ठीक हो जाता है। ये चार आसन है-
1- शलभासन-2-भुजंगासन या सर्पासन,3-बज्रासन और -4-मर्कटासन।ओर मेरा बताया ये एक ही आसन-पीठासन की दो विधियां देंगी,इन चारों से अधिक 100% तुरन्त लाभ,,तो आएं पहले ऊपर दिए चार आसनों की सही विधि बता दूं ओर अंत मे जाने मेरे बताये एक आसन पीठासन के दो सहज आसन व्यायाम,,
जिनमें सबसे प्रचलित आसन जिसे हर कोई सीखा रहा है,वो मुख्य आसन बताया गया है-
1-शलभासन:-
सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को अपने हिप्स के बगल में हथेली खोलकर लगा ले,अब अपने दोनों हाथों की हथेलियों को जमीन की ओर रखते हुये, अपनी दोनों जांघों के नीचे को लगा ले,ओर अब एक साथ पैरों को बिलकुल सीधा ओर टाइट रखते हुये ओर साथ ही अपने सिर ओर कंधों को ऊपर की ओर उठाये,तब आपके दोनों हाथों की हथेलियां भी आपकी जांघों को जमीन से ऊपर उठाने में शरीर का बैलेंस बनाती हुई साथ देती है,बहुत से साधक इस आसन में केवल पैरों को ही ऊपर की ओर उठाते ओर पीठ को टाइट रखते हुए रोकने का अभ्यास करते और कराते है,यो अब पहली इसी मुद्रा में प्रारम्भ में 10 सेकेंड से लेकर 20 व अधिक से अधिक एक मिट तक कर सकते है।
अब इस आसन को दो या तीन बार ही करें।
कमियां:-कमर दर्द को ये आसन बहुत उत्तम है,पर भारी पेट वाले ओर ज्यादा कमर दर्द से परेशान व्यक्ति इसकी मुद्रा में आ ही नही पाता है।यो बस देख कर छोड़ देगा।
2-भुजंगासन यानी सर्पासन की विधि:-
सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथ की हथेली जमीन पर लगाकर ऊपर की ओर को उठे,जैसे देशी दंड लगाते में करते है,यहां ध्यान रहे कि, अपने दोनों हाथों को कंधों की सीध में रखें,अपना सिर भी आकाश की ओर उठाना है और अपने कंधों को पीछे की ओर खूब टाइट करके रखना है,साथ ही अपने दोनों पैरों को घुटने से लेकर जांघ व हिप्स तक खासकर कमर के जो दर्द वाला भाग तक खूब टाइट करके रखना है,ये कहलाता है,भुजंगासन यानी सर्पासन जैसे सर्प ऊपर को अपना फन उठाकर खड़ा होता है।यो इसे भुजंगासन या सर्पासन कहते है।
इसे आप 15 सेकेंड से 1 मिंट तक टाइट करते हुए दो बार ही कर सकते है।
कमियां:-वैसे तो इस आसन में कोई कमी नहीं है,पर मोटे भारी पेट वाले पेट की ओर से जमीन पर ज्यादा देर तक नहीं लेट पाते है और ज्यादा दर्द वाले को करने में ज्यादा परेशानी तो रहेगी,यो अधिकतर इसे कमर दर्दीले लोग कुछ दिन प्रयास करके छोड़ देते है।
3-बज्रासन की विधि:-
ये आसन सभी के लिए सबसे सहज आसन है,ओर ये अकेला आसन भोजन के बाद किया जाता है और उपासना ध्यान में भी बैठने को बहुत देर तक लाभकारी है।
इस आसन में दोनों पैरों को अपने हिप्स की ओर मोड़कर अपनी एड़ियां हिप्स के खड्डे में लगा कर पैर को दोनों पंजें हिप्स के पीछे की ओर खुले रहे।और कमर सीधी ओर दोनों हाथ अपने घुटनों पर रखें और अपने दोनों हाथों सहित अपने कंधों को पीछे की ओर खींचते हुए खूब टाइट करते सीधे बैठे रहे और सामने को चेहरा रखे।तो इस बज्रासन में पीठ के दर्द को बहुत आराम मिलता है।इसे आप बार बार उसी मुद्रा में बैठे रह कर कर सकते है,बैठने की मुद्रा बस तभी ही बदले जब आपको पैर में दर्द हो।
कमियां:-ये आसन सबसे सहज है, पर समस्या ये है कि,पतले हो या मोटे,खासकर मोटे व्यक्ति स्त्रियां अधिक संख्या में है,यो वे इसकी पैर मोड़कर बैठने में भारी कष्ट परेशानी पाते है,उन्हें घुटनों के दर्द के कारण ओर पैरों में बहुत फेट होने से इस बज्रासन में बैठने में भारी परेशानी होती है,यो इसे ये जरा सा प्रयास करके या देखकर की ये तो आसान है,पर अपनी स्थिति देख छोड़ देते है।
4-मर्कटासन की विधि:-
जैसा कि नाम से ही सिद्ध होता है, मर्कट मतलब बंदर ओर आसन मतलब उस करी हुई, मुद्रा में स्थिर या देर तक रहना।
जैसे ही सभी बंदरो को देखते है कि ये कितनी ऊंचाई से कूदना,चढ़ना करते है और अपनी कमर पर अपने बच्चों को लाधकर चढ़ जाते है,यो इनकी कमर कैसे सही रहती है?,तो यही विषय मर्कटासन का विषय है।
सही विधि:-
पहले कमर की ओर से सीधा लेट जाएं ओर दोनों पैरों को सीधा रखें और अब जो स्वर प्रातः योग समय अधिक चल रहा था,उसी साइड के पैर को ऊपर को सीधा आकाश की ओर उठाये ओर फिर उस उठे पैर को,अपने पेट के ऊपर से दूसरी साइड को पूरा मोड़ते हुए जमीन पर लगाये,यहां बहुत से केवल अपने पैर को घुटने तक मोड़कर,फिर मुड़े पैर के घुटने को ही अपने पेट के दूसरी साइड में जमीन तक छुलते है या आधे तक झुकाते है।ठीक ऐसे ही अब पहले उठाये पैर को वापस अपने स्थान पर लाकर दूसरे पैर को सीधा ऊपर करें और फिर उसके दूसरे साइड की ओर जमीन पर छुलाये,जैसा कि पहले पैर या घुटने से किया था।ध्यान रहें,इसमे चेहरा ओर कंधे अपनी सहज अवस्था मे सीधे ही रहेंगे और दोनों हाथ भी कंधों की सीध में दोनों ओर को फैले रहेंगे,ओर हथेलियां आकाश की ओर खुली रहेंगी,अब ये अभ्यास पहले पहल 2 बार ही करें और जितना हो उतना ही करें,फिर धीरे धीरे 5 -5 बार तक ही अभ्यास करना उत्तम रहेगा।
कमी:- वैसे तो ये आसन बड़ा लाभप्रद है,पर लोग अपने भारी पेट की चर्बी सहित टाइट कमर और भारी शरीर के साथ बड़े भारी दर्द के चलते,इसे देख कर ही अपना पेट पर से दूसरी ओर लाना या जरा सा टांगे हिलाकर आकाश तक सीधे नहीं कर पाते देखा,बीच मे ही अभ्यास छोड़ देते है।
अन्यथा ये बड़ा उत्तम आसन है।
*-अब आता है,मेरा बताया हुआ, एक ही सटीक सरल सहज आसन की दो सहज विधियां,जिसे हर अवस्था का मोटा पतला दर्दीला इंसान बड़े ही आसान तरीके से कभी भी कर पीठ दर्द से तुरन्त छुटकारा पा जाता है,,तभी इसका नाम है-पीठासन यानी पीठ को ठीक करने वाली मुद्रा यानी आसन,,तो कैसे करें,जाने,,
5-पीठासन की प्रथम विधि:-
सबसे पहले जहां हो,जैसे रसोई में या हॉल में या प्रातः अभ्यास के समय,तो आप सीधे खड़े हो जाये और अपने सामने की दीवाल या पेड़ या घर या रसोई की स्लैप को हाथों से थोड़ा झुककर पकड़ ले या अपना स्लैप से स्पोर्ट लेने को,ताकि गिरे नहीं यो वहां अपने पेट अड़ा ले,ओर अब अपना एक पैर पीछे को बिल्कुल सीधा रखते हुए,बिन घुटना मोड़ें,पीठ के पीछे की ओर ही,अपने हिप्स की सीध में ऊपर को जितना हो उठाये ओर ऐसा कर के तुरन्त ही वापस अपने स्थान पर लाये,अब ऐसे ही दूसरे पैर से भी बिलकुल घुटना पिंडली का भाग मोड़ें बिना ही,सीधा का सीधा रखते हुए पीछे को उठाये ओर वापस पहले की अवस्था मे आ जाये,इसमे न तो पेट पर जोर पड़ा न कोई गिरने का ओर न कपड़े उतारने बदलने का झंझट हुआ,बस काम करते करते ही आपकी कमर की एक्सरसाइज हो गयी।इसे दिन में जितनी बार चाहे रसोई व बाथरूम में या जहां मर्जी हो स्पोर्ट लेकर करते या करती रहे और देखोगी की,आपकी डिस्क सीलिप ठीक।
२-पीठासन की दूसरी विधि:-
ऐसे ही दूसरा व्यायाम करना है,जिसमे किसी भी प्रकार की स्पोर्ट,पेड़ स्लैप या दीवार से पेट य सीने या छाती से अड़ाकर रखे और बस अपनी एक पैर को थोड़ा सा घुटने से मोड़कर पैर के पंजे को,अपने दोनों हाथों से पकड़ ले और पीठ की ओर खिंचे,जिससे आपका मुड़ा घुटना भी थोड़ा सा पीछे को खींचकर आपके दूसरे पैर के घुटने की सीध में आ जायेगा,अब जितनी देर इसी अवस्था मे रहा जाये, वही रुके,कम से कम10 सेकेंड तो रुके या अधिक से अधिक 30 सेकेंड रुके ओर वापस सीधे हो जाये,ठीक ऐसे ही दूसरे पैर को मोड़कर पंजे को पकड़ खींचकर करें,याद रहे कि इस मुद्रा में अपने हाथों से पंजो को पीठ की ओर खींचते में अपने दोनों कंधों को भी पीठ की ओर खींचते टाइट करते रहे।चाहे तो सामान्य सांस लेते छोड़ते रहे और चाहे तो ओर उपयोगी बनाने के लिए मूलबंध भी लगाया करें और सांस सामान्य लेते छोड़ते रहे,इस मुद्रा को छोड़ते ही,मूलबंध भी ढीला कर दें।इसे कभी भी किसी भी समय करें,बस एक समय 5-5 बार गिनकर दोनों पैरों से करना है।
ये सहजासन पीठासन तुरन्त ही आपको स्लिप डिस्क समस्या के असहनीय दर्द से छुटकारा देकर आराम देगा,जब मन आये इसे करें,पर दोनों पैरों से बराबर बराबर ही संख्या में ही करें।
कैसे अतिरिक्त पुण्य लाभ कमाएं:-
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जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
www.satyasmeemission.org
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