आखिर मारा गया आठ पुलिसवालों का हत्यारा विकास दुबे, यूपी एसटीएफ ने किया एनकाउंटर, कल विकास दुबे ने उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर किया था। यूपी एसटीएफ आतंकी विकास दुबे को उज्जैन लेने गयी थी, लेकिन रास्ते में विकास दुबे का एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया…. एसटीएफ की कहानी के मुताबिक विकास ने पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की थी जिसके बाद पुलिस ने उस पर गोलियां बरसा दी…
अब आगे की कहानी सुनिए… मतलब एनकाउंटर की पूरी स्टोरी हम आपको विस्तार में बताते हैं
आठ पुलिसकर्मियों के चारो ओर से घेरकर बड़ी दर्दनाक तरीके से मौत के घाट उतारने वाला कुख्यात आतंकी विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने आखिर कर शुक्रवार सुबह कानपुर के सचेंडी इलाके में मार गिराया। यूपी एसटीएफ की कहानी के अनुसार गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने हथियार छीन कर भागने की कोशिश की थी, जवाबी हमले में पुलिस ने उसे ढेर कर दिया।
बता दें कि दो जुलाई गुरुवार की रात को कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस की टीम विकास के घर दबिश देने गई थी। जहां विकास ने आठ पुलिस कर्मियों को घेर कर मार दिया। जिसके बाद से यूपी पुलिस को इसकी तलाश थी।
तीन जुलाई को सुबह पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान विकास के दो साथियों को बिकरू के पास जंगलों में छह घंटे बाद मार गिराया। यूपी डीजीपी ने प्रदेश के 75 जिलों में विकास को पकड़ने के लिए अलर्ट जारी किया। शुरुआती जांच में चौबेपुर एसओ की भूमिका को संदिग्ध पाते हुए सस्पेंड कर दिया गया।
पांच जुलाई को पुलिस कानपुर से विकास दुबे के करीबी जय बाजपेयी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। विकास दुबे के सभी करीबियों से पूछताछ की गई। इस दौरान विकास दुबे का एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें उसने बताया कि भाजपा के दो विधायक उसे संरक्षण दे रहे हैं। विकास पर ढाई लाख इनाम घोषित हुआ।
छह जुलाई को शहीद सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा का एक पत्र वायरल हुआ। जिसमें उन्होंने कहा कि चौबेपुर एसओ उनकी बात नहीं सुनते हैं। इसी मामले में डीआईजी एसटीएफ अनंत देव की भूमिका की भी जांच की गई और उनका तबादला कर दिया गया।
सात जुलाई को आईजी रेंज लखनऊ बिकरू गांव जांच के लिए पहुंची। इस दौरान सीओ ऑफिस के लिपिक से पूछताछ की गई। पुलिस ने विकास दुबे के 15 साथियों के पोस्टर लांच करने के साथ यूपी के सभी जिलों में विकास के पोस्टर लगाए गए। सभी जिलों और राज्यों की सीमाओं पर अलर्ट जारी किया गया
आठ जुलाई को पुलिस ने विकास के दाहिने हाथ अमर दुबे को हमीरपुर मुठभेड़ में मार गिराया। कानपुर में पुलिस ने विकास के साथी श्यामू को गिरफ्तार किया गया। विकास के सिर पर पांच लाख का इनाम रखा गया। विकास के गांव में कुएं को असलहें छिपे होने की आशंका में खाली कराया गया। फरीदाबाद में विकास को सीसीटीवी में देखा गया। विकास के करीबी प्रभात सहित तीन लोगों को फरीदाबाद पुलिस ने हिरासत में लिया।
नौ जुलाई की सुबह इटावा में विकास के करीबी बऊआ को पुलिस ने इटावा में मार गिराया। वहीं कानपुर में प्रभात को फरीदाबाद से कानपुर लाते समय मुठभेड़ में ढेर कर दिया। कुछ देर बाद ही मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर से विकास को एमपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
दस जुलाई को यूपी एसटीएफ विकास दुबे को लेकर कानपुर पहुंची। जहां सचेंडी थाने के पास एसटीएफ की एक कार पलट गई। विकास ने मौके से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की तो जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं। जिसमें विकास दुबे ढेर हो गया।
ये थी आतंकी विकास दुबे के अंत की कहानी
रिपोर्ट : ख़बर 24 एक्सप्रेस