क्या अब राजस्थान में गिरेगी कांग्रेस की सरकार ? यह सवाल सबके मन में उठ रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद सचिन पायलट कर सकते हैं कांग्रेस से बगावत। सचिन पायलट राजस्थान के उप मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनताजी जगजाहिर है और इसी का फायदा उठाती दिख रही है बीजेपी।
बता दें कि मध्यप्रदेश में भी कुछ ऐसे ही सियासी हलचल हुई थीं और एक झटके में मध्यप्रदेश कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गयी थी।
और अब बारी है राजस्थान की…. किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि इस तरह विधायकों की खरीदफरोख्त भी हो सकती है… एक-एक विधायक का मोल 25-30 करोड़ रुपये हो सकता है। आखिर ये सत्ता या कुर्सी के लालच का खेल, खेल कौन रहा है यह हमें बताने की जरूरत नहीं…? फिलहाल सत्ता के इस खेल में जनता का तेल निकल रहा है। जनता कोरोना से वैसे ही त्रस्त नज़र आ रही है, एक और जनता के पास खाने के पैसे नहीं हैं दूसरी ओर ये राजनेता हैं कि अपने लालच को पूरा करने के लिए पैसों का खेल खेल रहे हैं… एक विधायक की कीमत 25-30 करोड़ रुपये…. चुनाव में हारे लेकिन पैसों में नहीं… पैसे हैं तो विधायक किसी भी पार्टी के हों सरकार तो हमारी ही बनेगी।
खैर राजस्थान में कांग्रेस के लगभग दो दर्जन विधायकों ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी राज्य की अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश रच रही है। कांग्रेस के इन विधायकों ने शुक्रवार देर रात जारी एक संयुक्त बयान में यह आरोप लगाया।
यह बयान विधानसभा में मुख्य सचेतक डा महेश जोशी एवं उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी के हस्ताक्षरों से जारी किया गया है। संयुक्त बयान में कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया गया है कि भाजपा खरीद फरोख्त एवं अन्य भ्रष्ट हथकंडों के माध्यम से राज्य की जनहितकारी कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश रच रही है. इन विधायकों ने इसे भाजपा का कथित ‘अलोकतांत्रिक एवं भ्रष्ट आचरण’ करार दिया है।
बयान में कहा गया है कि हमारे पास स्पष्ट जानकारी है कि भाजपा के शीर्षस्थ लोग इस षडयंत्र में शामिल हैं जो कांग्रेस के विधायकों एवं समर्थित विधायकों और अन्य से संपर्क कर उन्हें तरह तरह के प्रलोभन देकर गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। बयान में कांग्रेस विधायकों के हवाले से यह भी कहा गया है,’ राज्य में कांग्रेस एवं उसे समर्थन देने वाले सभी विधायक इस तरह के प्रयासों को सफल नहीं होने देंगे।
संयुक्त बयान में 24 विधायकों के नाम दिए गए हैं जिनमें लाखन सिंह, जोगेंद्र सिंह अवाना, मुकेश भाकर, इंद्रा मीणा, वेद प्रकाश सोलंकी, संदीप यादव आदि शामिल हैं. उल्लेखनीय है कि यह बयान ऐसे समय में जारी किया गया है जबकि राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल एसओजी ने राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त और निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के आरोपों में शुक्रवार को एक मामला दर्ज किया है।
आपको बता दें कि जून में राज्य से हुए राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कुछ विधायकों को प्रलोभन दिए जाने का आरोप लगाया था। पार्टी की ओर से इसकी शिकायत विशेष कार्यबल को की गयी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राज्य में विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है और करोड़ों रुपये की नकदी जयपुर स्थानांतरित हो रही है।
राज्य विधानसभा में कुल 200 विधायकों में से कांग्रेस के पास 107 विधायक एवं भाजपा के पास 72 विधायक हैं। राज्य के 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को है।
लेकिन राजनीति है यहाँ कुछ भी संभव है। अरुणाचल प्रदेश, गोवा से शुरू हुआ खेल देश की जनता ने कर्नाटक में भी देखा इसके बाद मध्यप्रदेश में भी देखने को मिला। और हो सकता है जल्द ही ऐलान हो कि राजस्थान में भी बीजेपी की सरकार…।
रिपोर्ट : ख़बर 24 एक्सप्रेस