बता दें कि डूंगरपुर जिले में बीते 24 घंटों में हुई भारी बारिश के कारण माही नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ की वजह से सैंकड़ों गांवों का संपर्क कट गया है। वहीं प्रशासन ने सभी अधिकारियों से लेकर थाना प्रभारियों को अलर्ट जारी कर दिया है। आपदा की स्थिति को देखते हुए उदयपुर रेंज आईजी कार्यालय एवं जयपुर से एक-एक एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई है। जो वहां से रवाना भी हो गई है। जिले में सर्वाधिक बरसात बागीदौरा में पांच इंच दर्ज की गई है। कई गांवों का एक-दूसरे से संपर्क कट गया है। पिछले 20 दिनों से बेणेश्वर धाम टापू में तब्दील हैं। मध्यप्रदेश में लागातार बारिश से पानी की आवक पर माही नदी पर बांध के सभी 16 गेट खोल दिए गए हैं। इसमें 14 गेट छह मीटर तक खोल दिए जाने के बाद बांसवाड़ा-उदयपुर मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया है। लसाड़ा पुल के ऊपर से पर पानी बह रहा है।
इस पुल का निर्माण 50 से 60 वर्ष पहले हुआ था हर साल की भांति इस साल भी पुल के ऊपर 7 से 8 फीट ऊपर पानी भ रहा है।
डूंगरपुर बांसवाड़ा जिले को मिलाने वाला यह मुख्य राजमार्ग होने की वजह से इस पर भारी-भरकम वाहनों का तांता लगा रहता है और इस वजह से इस पर कभी भी बड़ा हादसा होने का अंदेशा है बना हुआ है। एतियातन इस पुल को फिलहाल के लिए बन्द कर दिया गया है।
वहीं गलियाकोट में प्रशासन की तरफ से गांव खाली करवाने का अनाउंसमेंट करवाया जा रहा है। पूरे डूंगरपुर बांसवाड़ा में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। माही नदी के किनारे के पास के गांवों में पानी बह रहा है। प्रशासन इस बाढ़ से निपटने की है मुमकिन कोशिश कर रहा है।
राजस्थान से खबर 24 एक्सप्रेस के लिए जगदीश की तेली की रिपोर्ट