डॉक्टर्स ने इस बीमारी पर अपने विचार प्रस्तुत किये। उन्होंने बताया कि कैसे इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों की देखभाल की जा सकती है? इससे कैसे बचा जा सकता है, या दूसरे मरीजों को कैसे बचाया जा सकता है?
डॉ. संदीप देशपांडे, डॉ. आत्राम ने इस बीमारी के बारे में वहां मौजूद लोगों को बताया तथा जागरूक किया।
डॉक्टर्स ने बताया कि यह असामान्य मानसिक अवस्था से जुड़े इस रोग के रोगियों तथा उनके साथ-साथ परिजनों को बेवजह रोने, मुस्कुराने, जादू-टोने का दुष्प्रभाव महसूस करने, शक की प्रवृत्ति बढ़ने, अपर्याप्त भोजन व अनिद्रा इस रोग के मुख्य लक्षण हैं।
समय रहते इसका उपचार नहीं करवाने पर मरीज धीरे-धीरे आत्महत्या की ओर अग्रसर हो जाता है। दवाओं के नियमित सेवन से इसका उपचार संभव है। ऐसे मरीजों को स्नेह और परिवार के समर्थन की ज्यादा जरूरत होती है।
डॉक्टर्स ने कहा कि अगर आपके आसपास या आपके नज़दीकी इंसान में इस तरह के लक्षण दिखें तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाने की सलाह दें या खुद लेकर जाएं।
इस कार्यक्रम में काफी लोगों ने शिरकत किया।
खबर 24 एकसप्रेस के लिए नादेड़ से संदीप देसाई की रिपोर्ट