वैसे तो भारत में श्री शानिदीव भगवान के असंख्य मंदिर हैं, विदेशों में भी भगवान शनि को मानने वाले लाखों करोड़ों भक्त हैं, और मंदिर भी हैं। लेकिन आज हम एक ऐसे चामत्कारिक मंदिर की बात कर रहे हैं जहां भगवान शनि की पूजा करने से सारे दुःख दूर हो जाते हैं सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
यह मंदिर दिल्ली-नोएडा से सटे यूपी के बुलंदशहर में कचहरी रोड पर स्थित है। इस मंदिर की मान्यता इतनी है कि बुलंदशहर ही नहीं बल्कि दूर-दूर से भक्त यहां अपनी मनोकामनाओं को लेकर आते हैं।
इस मंदिर के पीछे एक बड़ी दिलचस्प कहानी है। कहते हैं कि इस मंदिर के निर्माण से पहले भगवान शनि ने खुद इस स्थान पर मंदिर को बनाने के लिए स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज को स्वप्न दिया था। भगवान शनिदेव के स्वामी जो को साक्षात् गिद्द की सवारी पर बेठे दर्शन हुए और शनिदेव जी ने “ॐ शं शनेश्चराय नमः” का मन्त्र दिया जो उनके भक्तों के कल्याण के लिए स्वामी जी को दिया गया।
इसके बाद यहां मंदिर निर्माण हुआ। इतना ही नहीं खुद स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज किसी चमत्कारी पुरुष से कम नहीं हैं।
श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज ने ही भगवान शनि के मंदिर श्री सत्यसिद्ध शानिपीठ का निर्माण कराया है। स्वामी सत्येन्द्र जी सत्यास्मि मिशन नाम की संस्था भी चलाते हैं। स्वामी सत्येन्द्र जी ने सत्यास्मि धर्मग्रन्थ भी लिखा है जिसमें जीवन के सभी मूलाधार लिखे हैं। यानि जिसने भी यह धर्मग्रन्थ पढ़ा उसने अपने सम्पूर्ण जीवन को जान लिया।
माता पूर्णिमा देवी के बारे में बताने वाले और उनके बारे में लिखने वाले भी यही हैं। आज माता पूर्णिमा देवी के अनेक मंदिर मिल जाएंगे। स्वामी जी ने ही माता पूर्णिमा देवी के व्रत और मंदिर की शुरुआत की थी।
आपको बता दें कि स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज भगवान शनि के परम भक्त हैं।
स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज के चाहने वाले भक्तों ने स्वामी जी का नाम श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज रख दिया।
स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज का कहना हैं कि भगवान शनि की सेवा और उनकी पूजा जीवन में तमाम खुशियां भर देती है।
स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज ने बुलंदशहर स्थित जिस शनिमंदिर का निमार्ण कराया है उसे बड़ा ही चामत्कारिक मंदिर माना गया है। इस मंदिर से जुड़ी ऐसी मान्यता है कि जो भी इस शनिमंदिर में अपनी समस्या लेकर गया उनकी समस्याओं का समाधान जरूर हुआ।
शनिवार के दिन यहां हजारों लाखों भक्तों का तांता लगता है। जिसकी भी मनोकामना पूरी होती है वो यहाँ आकर भंडारा करवाता है या हलवा चने का प्रसाद बांटता है।
श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी के भी लाखों अनुयायी हैं जो हर शनिवार रविवार अपनी समस्याओं को लेकर स्वामी जी के पास आते हैं और स्वामी जी भी उनकी समस्याओं का समाधान पलक झपकते कर देते हैं। स्वामी सत्येन्द्र जी लोगों की समस्याएं उन्हें देखकर ही बता देते हैं और साथ ही समाधान भी बता देते हैं। उनके अनुयायियों के मुताबिक स्वामी जी उनकी हर समस्या का समाधान करते हैं।
साथ ही स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज जिस तरह का ज्ञान अपने भक्तों को देते हैं वह कोई भी ज्ञानी विद्धवान किसी के साथ बांटना नहीं चाहते हैं।
स्वामी जी इन सबके बाबजूद बिना तान झाम, बिना दिखावे का एक साधारण जीवन जीते हैं।
आज शनिवार है और हर शनिवार भगवान शनि के दर्शन करने के लिए लाखों भक्त इस मंदिर में उमड़ता है और साथ ही स्वामी जी के आशीर्वाद को पाने के लिए और उनके दर्शन करने के लिए भी आते हैं।
इस मंदिर में श्री शनिदेव भगवान को प्रिय लोह धातु से निर्मित छल्ला उंगली में पहनने के लिए निशुल्क दिया जाता है जिसे पहनने से बहुत सारे लाभ होते हैं।
इसके अलावा केवल यही वो पहला मंदिर है जहां पहली बार शनि मन्दिर में स्त्री महंत के पुरुष महंत समान मन्दिर में सेवा देनी की परम्परा शुरू हुई। और जिस स्त्री आंदोलन का समापन शनि शिंगणापुर पर समाप्त हुआ।
अगर आपकी भी कोई समस्या है, या दिल पर कोई बोझ है तो एक बार इस मंदिर में शानिदेव के दर्शन जरूर करने आएं। इसके बाद चमत्कार देखें…। इस मंदिर की भी उतनी ही मान्यता है जितनी कि शनि शिंगणापुर की।
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ॐ शं शनैश्चराय नमः
जय सत्य ॐ सिद्धाय नमः
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