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कालसर्प दोषों के अचूक उपाय (भाग तीन), सारे दुखों का एक निवारण, अपनाकर देखें, घर में शांति का वास न हो तो कहना : श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज

 

 

भाग तीन :

 

श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज जीवन के अनेकोनेक मंत्र बताते हैं। उन्हीं में कालसर्प दोष के निवारण का भी मंत्र दे रहे हैं, यह भाग तीसरा है, आप इन सभी मंत्रों को अपने जीवन में उतारकर देखिए, आपका जीवन सफल बन जायेगा ,घर में शांति आएगी, बिगड़े काम बन जाएंगे, रूठे हुए वापस आ जायेगें, धन लाभ होगा इत्यादि।

 

 

 

आठंवे घर-कर्कोटक कालसर्पदोष का अचूक उपाय:-

 

जब भी यात्रा पर घर या किसी कार्य हेतु निकलें तब एक गुड़ का टुकड़ा अपने मुख में डाल कर अपने गुरु मंत्र या कोई भी भगवान का नाम लेते हुए की मेरी यात्रा सफल हो, तब उसे अपने सामने के दांतों से दो भाग काट ले और अब इस झूठे गुड़ के एक भाग को अपनी गाड़ी के सामने पीठ करके खड़े होकर अपने पीछे की और इस प्रकार से फेंके की वो गुड़ का टुकड़ा आप और गाड़ी के ऊपर से होता हुआ,पीछे जाकर पड़े।और दूसरा गुड़ का टुकड़ा अपने उलटी साइड में फेंकता हुआ सा डाल दे।तो आपकी खड़ी गाड़ी पर किये कैसे भी तत्काल और यात्रा के बीच में आने वाले और गाड़ी के नीचे से गुजरने वाले सारे तन्त्र या टोटको व् नजर का प्रभाव समाप्त हो कर आपकी यात्रा शुभ होगी।
इसे जब भी यात्रा करें कर सकते है सदा प्रभावी होगा।

-2-अपने वाहन पर आगे और पीछे के शीशे पर अपना गुरु मन्त्र अवश्य लिखे* और जैसे ही वो कुछ मिटने लगे,तभी नया लिखवाये।इससे आगे से आने वाले वाहन में बैठे या देख रहे व्यक्तियों की और गाड़ी के पीछे चल रहे अन्य यात्रियों की नजर नहीं लगेगी और उनकी भी नजर पड़ते ही उन्हें भी आपका गुरु मन्त्र का जप होने से शुभ लाभ भी मिलेगा।

– यदि आप वाहन नहीं ले पा रहे है या आप सदा पुराना ही वाहन ले पाते है अथवा आपका वाहन खराब ही बना रहता है,तो सबसे पहले आप अपनी सामर्थ्य अनुसार जो भी वाहन लेने की इच्छा करते हो,उसके सम्बन्ध में कुछ रूपये निकाले उसपर तीन बार कलावा अपनी मनोकामना कहते हुए लपेट कर बांधे,ध्यान रहे की अपने रुपयों को ज्यादा नही तोड़ मरोडे नहीं और तब उसे भगवान के मन्दिर में चढ़ा आये की भगवान मेरी इच्छा ये है,तब आप अवश्य ही चमत्कार देखेंगे की शीघ्र ही आपको वाहन की तभी या माह या वर्ष के अंत तक प्राप्ति हो जायेगी।ये उपाय जिनका वाहन खराब होता रहता है,उन्हें भी यही मनोकामना कहते हुए की-भगवान मेरा वाहन आपकी कृपा से ठीक बना रहे,यो कहते हुए अपने वाहन के जो खर्चे होते रहे है,उसके अनुपात से चढ़ाये।और ऐसा महीने में अवश्य करते रहे,तो आपकी गाड़ी में किसी मुख्य बदलाव को छोड़कर सदा कृपा बनी रहेगी।

– आप किसी न किसी रोग से ग्रस्त रहते है,तो आपको जो भी उस समय ग्रह की महादशा चल रही हो यो उसकी मूर्ति की मन्दिर में पण्डित से पूछ कर स्थापित करानी चाहिए।
-अधिकतर बुखार बना रहता हो तो-लाल कुत्ते को नित्य भोजन दिया करें।
-खांसी बनी रहती हो तो-स्मरण रहे की-केवल सफेद कुतियाँ को ही अपने से कैसा भी कच्चा या उबला दूध हो उसमे थोड़ी से बूरा डाल कर अपने से 7 बार उल्टा उतार कर एक माह दे,फिर केवल सोमवार को देते रहे।बुखार में तुरन्त शांति होगी।

– -यदि ऑपरेशन ही होते रहते है तो-लाल गाय को प्रत्येक मंगलवार को चारा और विशेषकर भुस दिया करें और कुछ जाकर हाथ से ही खिलाये या उसके सामने डाले।कल्याण होगा।

आठवें घर के कारण या उसके ग्रह के कारण आपको यानि किसी स्त्री हो या पुरुष हो-गुप्त बीमारी-जैसे-बबासीर-पेशाब में इंफेक्शन रहना-रसोली होना-पथरी-गुप्तांग की कमजोरी आदि से सम्बंधित बीमारी हो तो-पहले तो काले बिजार जो की शनिदेव की सवारी है- उसे ढूंढ कर उसे 8 रोटी और ज्यादा सी उड़द की दाल बनाकर उसे खिलाये(स्मरण रहे की-इन रोटी व् दाल को अपने से उतार कर नहीं देना है)।और साथ में चारा भी खिला सकते दे।

यदि किसी वजह से ये नहीं मिले तो यही उपाय-किसी भैंसे को खिलाकर करें।

यदि आपको गर्भ ही नहीं ठहरता या गर्भपात होता रहता है-स्मरण रहे की-बन्दर को नहीं बल्कि-तब किसी लँगूर को मंगल और शनिवार को- एक लँगूर खरीद कर उसे छोड़ या छुड़वा दे।तो आपका अति शीघ्र कल्याण होकर सन्तान सम्बंधित परेशानी से मुक्ति मिलकर सन्तान सुख की प्राप्ति होगी।और लँगूर का पता लगाकर उस को गुड़ चने-केला या फल खिलाये।

नवम घर-शंखचूडा कालसर्प दोष उपाय :-

नवम घर के राहु और तीसरे घर के केतु से उत्पन्न कष्ट से मुक्ति हेतु-

यदि आपको निरन्तर भयंकर सपने ही आते है और डिप्रेशन बना रहता है तथा घबराहट ही बनी रहती है साथ ही आप कोई पूजापाठ करते है और कोई लाभ या इष्ट दर्शन या सिद्धि की प्राप्ति नहीं हो रही है।
तब किसी मन्दिर में पण्डित से या अपने गुरु से पूछ कर एक देव या देवी की मूर्ति की स्थापना विधिवत करानी चाहिए।और उसका वार्षिक भंडारा भी कराते रहने से सभी प्रकार के कल्याण होंगे।
अथवा यदि कोई पण्डित आदि ऐसा बताने में सामर्थ्य नहीं हो तो-पहले तो ये करें की-स्वयं या परिवार के साथ ही अपने पैत्रक गांव में स्थापित चामण्ड पर एक पीपल लगाये और वहां की चामण्ड की वर्ष में एक बार अवश्य पुताई कराये और सामर्थ्य हो तो उसका जीणोउद्धार कराये।नहीं तो वहां अष्टमी के दिन या होली दीपावली पर भण्डार अवश्य करने से सभी प्रकार के कल्याण प्राप्त होंगे।

-अपने गांव में जहाँ पितृ स्थापित हो यदि आपका पैत्रक गांव नहीं है या वहाँ अब कोई पहचान वाला भी नहीं बचा है,तो अपने कस्बे या शहर की पवित्र नदी के किनारे पांच व्रक्ष लगाये।

-अपने घर से खीर या हलुवा बनाकर ले जाये और उसे गंगा जी पर जाकर पूर्णिमासी को किसी भी मन्दिर में या गंगा किनारे खड़े होकर उसे भक्तों में बाँट दिया करें।ऐसा 12 पूर्णिमासी करें या ज्येष्ठ और कार्तिक गंगा दशहरा पर अवश्य करें।तो कल्याण होगा।

-ऐसा गंगा जी जुडी आपके शहर में बह रही नदी के घाट पर भी खीर या हलुआ बँटेंगें तो उतना ही फल लाभ प्राप्त होगा।

-अपने पैत्रक गांव के या सामर्थ्य अनुसार शहर के किसी भी छोटे या बड़े मन्दिर की पुताई रँगाई करने के उपरांत छोटा सा भंडारा करने से आपको अपने सभी पितरों के दोष से उत्पन सभी कष्ट आदि से छुटकारा मिलकर शांति की प्राप्ति होगी।और आपकी साधना में सिद्धि की भी प्राप्ति या योग्य गुरु मिलकर उसकी व्यवस्था हो जायेगी।

 

 

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श्री सत्यसाहिब
स्वामी श्री सत्येन्द्र जी महाराज

 

सत्य ॐ सिद्धाये नमः

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