मध्यप्रदेश के देवास में रविवार को जो घटना घटित हुई वो दिल दहला देने वाली घटना थी। दरिंदों ने एक 10 साल की मासूम को अपना निशाना बनाया और हैवानियत की सारी सीमायें लांघ दीं। इसको लेकर सभी जगह रोष व्याप्त है लोगों में गुस्सा है। संयुक्त मानव अधिकार संगठन राजस्थान की टीम ने भी अपना विरोध दर्ज करवाया है साथ ही सम्बंधित अधिकारीयों से इस केस की जानकारी भी ली। देवास के पुलिस अधिकारीयों का कहना है कि वो मामले की तह तक जा रहे हैं और जल्द ही दोषियों को पकड़ लिया जायेगा।
संयुक्त मानव अधिकार संगठन राजस्थान के अध्यक्ष जगदीश जी तेली ने कहा कि अगर पुलिस इस मामले में जल्द कोई कार्रवाई नहीं करती है तो हमारी टीम देवास जाकर विरोध प्रदर्शन करेगी। जगदीश जी तेली का कहना है कि ऐसी घटनाएं समाज को कलंकित करने वाली घटनाएं हैं। जब तक ऐसे मानसिक विकलांगों का ढंग से इलाज नहीं होगा तब तक ये राक्षस ऐसे ही हैवानियत करते रहेंगे। इनके लिए कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए जिससे कि ये हैवान हैवानियत करते वक़्त सौ बार सोचें।
आपको बता दें कि देवास के कांटा फोड़ थाना अंतर्गत सुंद्रेल गाँव कुछ दरिंदों ने मासूम बिटिया को खेत में जाते समय बीच में रोक लिया इसके बाद उस मासूम बिटिया के साथ उन हैवानों ने दरिंदगी की सारी सीमाएं तोड़ दीं और जब उन शैतानों का इससे भी पेट नहीं भरा तो हैवानों ने उसका गला रेतकर हत्या कर दी।
इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। एक मासूम बिटिया जिसको दीन दुनिया या अच्छे बुरे का कुछ पता नहीं जिसकी उम्र महज 10 वर्ष थी वो पढ़ने में होनहार लेकिन लेकिन हैवानों की नज़र में वो मासूम महज़ एक लड़की थी जिससे वो अपनी भूँख मिटा सकें। और उन हैवानों ने बच्ची के साथ जो किया पूरा देश शर्मसार हो गया।
इस घटना को लेकर हर जगह रोष है हर कोई उन हैवानों के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहा है। लोगों का कहना है कि ऐसे हैवानों को सरेआम फांसी के फंदे पर लटका देना चाहिए।
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