यूपी रोडवेज के किराए में एक बार फिर से जबर्दस्त वृद्धि देखने को मिली है। पेट्रोल, डीज़ल के दामों में वृद्धि का हवाला देते हुए यूपी रोडवेज ने बिना किसी शोर शराबे के 9 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि कर दी। लेकिन इन सबके बीच सुखद ख़बर यह है कि इस बढ़े किराए को लेकर ना किसी मीडिया में बहस हुई और ना कोई ख़बर बनी। पब्लिक दबी जुबान में आवाज़ जरूर उठा रही है, लोग इस पर चर्चा जरूर कर रहे हैं लेकिन उनकी आवाज़ दब सी गयी है। पब्लिक की आवाज़ को उठाने के लिए मीडिया एक माध्यम होता है लेकिन कुछ सालों से ये माध्यम जाने कहाँ खो सा गया है। मीडिया की विश्वसनीयता वो नहीं रही जो पहले हुआ करती थी। उसकी आँखों पर एक ऐसी पट्टी बांध दी गयी है जिससे उसको सब दिखना बंद हो गया है।
वैसे सुनने में 9 पैसे मामूली सी वृद्धि हो सकती है लेकिन इन 5 सालों में ये लगभग छठवीं बार वृद्धि हुई है। प्रदेश की जनता वैसे ही महँगाई की मार झेल रही है और ऊपर से बसों का बढ़ा किराया लोगों की मुसीबत बढ़ाने वाला है।
ज्ञात हो यूपी रोडवेज भारत की सबसे ख़स्ताहाल बस सर्विस है लेकिन यहाँ किराया सबसे ज्यादा है। यूपी रोडवेज सुविधाओं के मामले में सबसे घटिया है तो किराए के मामले में सबसे अधिक मानी जाती है।
आपको बता दें कि सरकारी बसों में ग्रामीण, निम्न और मध्यम आय वाले लोग सबसे ज्यादा सफर करते हैं। बढे किराये का सबसे ज्यादा असर दैनिक यात्रियों की जेबों पर होने वाला है। दैनिक यात्री बढ़े हुए किराये की मार झेलेंगे। रोडवेज ने अपने किराये में करीब दस प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। बुधवार आधी रात से बढ़ोत्तरी को लागू कर दिया गया। रोडवेज ने साधारण बस सेवाओं में 95 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की है। एक्सप्रेस सेवाओं में 118.76 प्रति किलोमीटर और वाल्वो के किराये में 256.98 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है।
लोगों का कहना है कि एक ओर सरकार पेट्रोल डीज़ल के बढे दामों की वजह से किराया बढ़ा रही है दूसरी ओर सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि पेट्रोल डीज़ल के दामों में वृद्धि जायज है। लोग जब महंगी कार खरीदकर उसमें पेट्रोल डीज़ल डलवाते हैं तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती। लोगों का कहना है कि वो सरकार से पूंछना चाहते हैं कि इस वक़्त रोजगार नहीं है। लोग महंगाई की मार को झेल रहे हैं, जो लोग बसों में रोजाना सफर कर रहे हैं सरकार के उन मंत्रियों को बसों में जाकर लोगों की परेशानियाँ पूछनी चाहिए, मंत्री या बड़े नेता बिना कुछ सोचे, समझे, जाने कुछ भी बोल देते हैं।
इस बढे किराये से लोगों को खासा दिक्कत हो रही है, क्योंकि वो पहले से ही महंगे पेट्रोल डीज़ल की मार झेल रहे थे, ऊपर से रसोई गैस के दाम भी अच्छे खासे बढे हैं। खैर ये सरकार और लोगों के बीच का मामला है अगर लोगों को इस महंगाई से कोई दिक्कत नहीं है तो हम भी खुश हैं।
ख़बर 24 एक्सप्रेस