तेल के खेल पर अगर पेट्रोलियम मंत्री खुद ऐसा बयान दें तो क्या होगा?
पेट्रोल, डीजल की बेलगाम कीमतों पर उठ रहे सवालों के बीच पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि जीएसटी से ही कीमतों पर लगाम लग सकती है। लेकिन पेट्रोलियम मंत्री ये जबाव नहीं दे पाए कि तेल कंपनियां किस आधार पर तेल की कीमतें बढ़ाये जा रही हैं।
आपको बता दें कि विपक्ष तेल कंपनियों को फायदा पहुंचाने का इल्जाम लगा रहा है जिस पर धर्मेंद्र प्रधान जबाव दे तो रहे हैं लेकिन उनकाये जबाव हैरान कर देने वाला है।
वो कह रहे है कि पेट्रोलियम पदार्थों को भी जीएसटी के अंतर्गत लाया जाना चाहिए। प्रधान ने कहा कि इस सिलसिले में वित्त मंत्री राज्य सरकारों से बात भी कर चुके हैं। अगर जीएसटी के अतंगर्त इसे लाया जाता है तो कीमतों का पूर्वानुमान किया जाना संभव है। उन्होंने कहा कि हमने जीएसटी काउंसिल से मांग की है कि पेट्रोलियम को भी जीएसटी के तहत लाया जाए, जिसे आम लोगों को राहत मिल सके। साथ ही उन्होंने पेट्रोल और डीजल के दाम की दैनिक समीक्षा (डेली डाइनैमिक प्राइसिंग) रोकने के लिए सरकार के हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है।
आपको एक हैरान करने वाली बात बता दें कि इस वक़्त कच्चे तेल के दाम 45-55 तक ही आ जा रहे हैं और अभी कवचे तेल के दाम 50 डॉलर/ बैरल के आस पास हैं।
पेट्रोलियम मंत्री ने 3 जुलाई से कीमतों में वृद्धि के प्रभाव को हल्का करने के लिए टैक्स में कटौती को लेकर भी कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई। आपको बता दें कि ईंधन के दाम में जुलाई के बाद से 7.3 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। कीमतों में वृद्धि को लेकर आलोचना को गलत बताते देते हुए प्रधान ने कहा कि 16 जून को नई व्यवस्था के बाद एक पखवाड़े तक कीमतों में आई कमी की अनदेखी की गई और केवल अस्थायी तौर पर मूल्य वृद्धि को जोर-शोर से उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश अपनी जरूरत 80 प्रतिशत आयात से पूरा करता है और इसीलिए 2002 से घरेलू ईंधन की दरों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि पहले दरों को हर पखवाड़े में बदला जाता था, लेकिन 16 जून से इसे दैनिक आधार पर बदला जा रहा है।
दैनिक आधार पर समीक्षा में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में अगर कोई कटौती होती है तो उसका तुरंत लाभ ग्राहकों को मिलता है। इससे कीमतों में एक बार में अचानक से वृद्धि के बजाए कम मात्रा में वृद्धि होती है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा, सरकार का तेल कंपनियों के रोजाना के कामकाज से कोई लेना-देना नहीं है। केवल कुशलता ऐसा क्षेत्र है जहां सरकार तेल कंपनियों की दक्षता में सुधार के लिए हस्तक्षपे करेगी। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अमेरिका में चक्रवात जैसे कारणों से वैश्विक कीमतों में वृद्धि आई है और इसमें कीमत के संकेत पहले से दिख रहे हैं।
उन्होंने कहा, इस चक्रवात के कारण अमेरिकी की कुल रिफाइनरी क्षमता 13 प्रतिशत प्रभावित हुई है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार इस वृद्धि के प्रभाव को कम करने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती करेगा, उन्होंने कहा, इस बारे में वित्त मंत्रालय को निर्णय करना है, लेकिन एक चीज बिल्कुल साफ है। हमें उपभोक्ताओं की आकांक्षाओं के साथ विकास जरूरतों के बीच संतुलन रखना है। मंत्री ने कहा, हमें बड़े पैमाने पर राजमार्ग और सडक़ विकास योजनाओं, रेलवे के आधुनिकीकरण और विस्तार, ग्रामीण स्वच्छता, पेय जल, प्राथमिक स्वास्थ्य तथा शिक्षा का वित्त पोषण करना है।
Discover more from Khabar 24 Express Indias Leading News Network, Khabar 24 Express Live TV shows, Latest News, Breaking News in Hindi, Daily News, News Headlines
Subscribe to get the latest posts sent to your email.