न्याय के दाता श्री शनि देव। कर्म फल दाता श्री शनि देव। जीवन के सभी दुखों से मुक्ति देने वाले श्री शनि देव। सभी कष्टों को हरने वाले श्री शनि देव।
ऐसे हैं श्री शनि देव महाराज। इनकी महिमा का कितना भी बखान किया जाए सब कम है।
श्री शनि देव के बारे में लोगों में न जाने क्या क्या भ्रांतिया फैलाई हुई हैं। लोग इनको कष्टकारी मानते हैं, दुःख देने वाला मानते हैं, कुदृष्टि वाला मानते हैं। लेकिन ये सब गलत है ये वही लोग मानते हैं जो लालची हैं और लालच वश श्री शनि देव की महिमा का उल्टा बखान कर अपनी दुकान चलाने की कोशिश कर रहे हैं। या ऐसे इंसान जो स्वयं में गलत होते हैं, अत्याचारी धूर्त होते हैं वो शनि भगवान को गलत बताते हैं या उनके नाम पर डराते हैं।
आपको बता दें कि श्री शनि देव के नाम पर ना जाने कितने ऐसे ज्योतिष केंद्र विश्वभर में चल रहे हैं जो लोगों को शनि भगवान की ढैया, साढ़ेसाती, शनि की नज़र के नाम पर लोगों से वसूली करते हैं।
जबकि शनि भगवान बहुत ही नरम दिल हैं और वो अपने भक्तों के हितों की हमेशा रक्षा करने वाले हैं।
शनि देव की महिमा के बारे में विभिन्न ग्रंथों में अनेक कथाए हैं। वे धीमी गति से चलने वाले तथा न्याय के देवता हैं। वे समस्त प्राणियों के साथ न्याय करते हैं। जिस पर उनकी कृपा होती है उसके जीवन में आने वाले कष्टाें का शीघ्र निवारण कर देते हैं।
शनि देव भी शिव की तरह शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उन्हें पूजन में कुछ विशेष चीजें अर्पित करने से वे शुभ प्रभाव देने लगते हैं। सात्विक और सदाचारी लोगों को शनि देव से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। अगर जीवन में परोपकार और शास्त्रों की कुछ बातों का ध्यान रखें तो शनि देव कभी कुपित नहीं होते।
अनैतिक कर्मों में लिप्त, भ्रष्टाचारी, दया से रहित, कुमार्ग पर चलने वाले, गौ को सताने वाले, विधवा, अनाथ और गौ का हक मारने वाले तथा चरित्रहीन लोगों को शनि देव अवश्य ही दंड देते हैं। हो सकता है कि इसमें कुछ समय लग जाए। जीवन में सदाचार का पालन करते हुए अगर शनि देव को 2 चीजें अर्पित करें तो वे सदा शुभ प्रभाव देते हैं।
1- शनि देव की पूजा में तिलाें का विशेष महत्व है। माना जाता है कि तिल भगवान विष्णु के पसीने से उत्पन्न हुए हैं। इसलिए इन्हें अत्यंत पवित्र माना जाता है। काले तिल चढ़ाने और दान करने से शनि देव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
2- तिलों के अलावा सरसों का तेल भी शनि देव को अर्पित करने की परंपरा है। तेल का दान करें तो भी उत्तम है। काले श्वान को तेल का हलवा बनाकर खिलाएं तो शनि देव की अटूट कृपा प्राप्त होती है।
ये दोनों उपाय किसी भी शनिवार को किए जाएं तो उत्तम फल देते हैं। अगर श्रावण मास के शनिवार को उपवास कर सात शनिवार तक ऐसा किया जाए तो शनि देव सदैव शुभ दृष्टि रखते हैं।
इसके लिए प्रातः दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद शनि देव के मंदिर में नीला पुष्प, तिल, तेल, गुड़ आदि चढ़ाएं। नीला पुष्प न मिले तो काला वस्त्र भी भेंट कर सकते हैं।
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