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Nagpur के एक झूठे Rape Case की कहानी, Manish Buradkar vs Renuka Umredkar Case में आखिर अदालत ने क्या फैसला दिया

नागपुर | Khabar 24 Express रिपोर्ट : कहते हैं—एक झूठ, अगर कानूनी रूप ले ले, तो एक पूरी ज़िंदगी को खत्म कर सकता है। नागपुर के इंटीरियर डिजाइनर Manish Buradkar की कहानी इसका जीता-जागता उदाहरण है। एक झूठे रेप केस ने उनके करियर, परिवार और सम्मान — तीनों को दाव पर लगा दिया था। पर आखिर सच क्या था? अदालत ने क्या कहा? आइए, जानते हैं पूरा मामला विस्तार से।


मामला कैसे शुरू हुआ?

नागपुर के प्रसिद्ध इंटीरियर डिजाइनर Manish Buradkar, जो MB Design के मालिक हैं, पर नवंबर 2023 में उनके ही ऑफिस में काम करने वाली महिला Ruchika (बदला हुआ नाम) ने गंभीर आरोप लगाए।
Ruchika ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि Manish ने शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए, और बाद में शादी से इनकार कर दिया।

मामले ने सोशल मीडिया और लोकल मीडिया में सनसनी फैला दी। कई मीडिया संस्थानों ने खबरें भी चला दीं कि Manish फरार हैं, जबकि वे उस समय वे काम के सिलसिले में मुंबई में थे।


आर्थिक विवाद और आरोपों का दूसरा पहलू

जांच में सामने आया कि Ruchika और Manish के बीच पैसों का लेनदेन हुआ था।

मनीष का कहना है कि, रुचिका ने अपने पिता की परिस्थित का हवाला देते हुए, शुरुआत में पैसे वसुले, बाद मे मनीष को कुछ गडबड होने की आशंका लगी तो पैसे देने से मना कर दिया। इसके बाद रुचिका व उसके परिवारजनों और पहचान वालों ने बलात्कार के आरोप में फसाने की व जान से मारने की धमकी देकर, पैसे की मांग की… तब तक रुचिका कुल 5.15 वसुल चुकी थी।

इतना ही नहीं, मामले में रुचिका के साथ कुछ अन्य लोगों के नाम भी सामने आए जिन्होंने Manish को मानसिक रूप से परेशान करने और झूठा फंसाने में भूमिका निभाई

  1. Ruchika (बदला हुआ नाम), निवासी निवासी, कुंभार पुरा पांचपावली, नागपुर
  2. Swaroop Harshwardhan Patil, निवासी भिवापुर, जिला नागपुर
  3. Sushant Maninath Bhagatkar, निवासी कबीर नगर, नरी रोड, नागपुर
  4. Harshwardhan Prabhakar Patil, निवासी भिवापुर, जिला नागपुर
  5. Mahendra Ganpatrao Umredkar, निवासी, कुंभार पुरा पांचपावली, नागपुर

Manish ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने मिलकर उन्हें ब्लैकमेल किया और बदनाम करने की साज़िश रची। इन सबके ऊपर मानहानि का केस किया गया है।


कोर्ट में सच्चाई सामने आई

यह मामला सितंबर 2024 में माननीय उच्च न्यायालय के सामने आया। अदालत ने सबूतों और गवाहियों का गहराई से विश्लेषण किया और पाया कि
“प्रस्तुत किए गए आरोप पर्याप्त प्रमाणों से सिद्ध नहीं हुए।”

इस आधार पर कोर्ट ने मामला रद्द कर दिया और कहा कि आरोप साक्ष्य पर टिक नहीं पाए। यह फैसला Manish Buradkar के लिए एक बड़ी कानूनी जीत थी, जिसने उनकी बेगुनाही साबित कर दी।


लेकिन, क्या इंसाफ पूरा हुआ?

Manish कहते हैं कि “मेरे खिलाफ जो झूठे आरोप लगे, उन्होंने मेरे परिवार को तोड़ दिया। क्लाइंट्स ने प्रोजेक्ट्स रद्द कर दिए, रिश्तेदारों ने दूरी बना ली, और समाज में मेरी प्रतिष्ठा खत्म हो गई। कोर्ट ने मुझे निर्दोष कहा, लेकिन उस दौरान जो अपमान और मानसिक दर्द मिला, वो कभी नहीं मिटेगा।”

उन्होंने अब मानहानि का केस दायर करने की प्रक्रिया शुरू की है ताकि जिन लोगों ने झूठे आरोप लगाकर उनकी ज़िंदगी तबाह की, उन्हें कानून के तहत सज़ा मिले।


समाज और मीडिया के लिए सबक

यह केस सिर्फ एक इंसान की नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। झूठे आरोप किसी की भी ज़िंदगी, परिवार और करियर को तबाह कर सकते हैं।
मीडिया और सोशल मीडिया पर बिना जांच के किसी भी व्यक्ति को अपराधी बताना न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।
कानून के साथ-साथ हमें जिम्मेदार रिपोर्टिंग और सत्यापन की संस्कृति भी अपनानी होगी।


अदालत ने जो कहा — वो अंतिम नहीं, पर निर्णायक है

इस केस ने साबित किया कि अदालत में सच देर से सही, लेकिन सामने आता है। अब सवाल यह है — क्या झूठे केस दर्ज करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए?
क्या ऐसे मामलों में आरोपी के नाम उजागर करने से पहले मीडिया को रुकना चाहिए?


और अंत में..

Manish Buradkar vs Ruchika केस एक ऐसी कहानी है जो न्याय, झूठ और सच्चाई के बीच की पतली रेखा को उजागर करती है।
कोर्ट ने सच को सामने ला दिया, लेकिन जो ज़िंदगी इस आग में झुलस गई — उसका मुआवज़ा कोई फैसला नहीं दे सकता।

और हां एक बात और, लड़के पर फर्जी केस भी हो तो भी पूरी दुनिया, मीडिया सब पीछे लग जाते हैं। लड़के को अपने आपको बेगुनाह साबित करने के लिए अपना सब कुछ दाव पर लगा देता है। लड़के का नाम, एड्रेस, उसका बिजनेस सब कुछ एक्सपोज हो जाता है। लेकिन लड़की की पहचान उजागर नहीं कर सकते हैं अब वो चाहे कितनी भी बड़ी क्रिमिनल क्यों न निकल जाए।


कानूनी अस्वीकरण (Legal Disclaimer)

यह रिपोर्ट सार्वजनिक न्यायालयीय दस्तावेज़ों और पक्षकारों के बयानों पर आधारित है।
Khabar 24 Express का उद्देश्य केवल निष्पक्ष रिपोर्टिंग करना है, न कि किसी व्यक्ति की छवि को धूमिल करना।
पाठकों से निवेदन है कि इस रिपोर्ट को तथ्यों और न्यायिक रिकॉर्ड के संदर्भ में ही देखा जाए।


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