क्या चुनाव नजदीक आ गए हैं? पीएम मोदी को भाजपा नेताओं को आखिरकार ऐसी नसीहत क्यों देनी पड़ी…? ऐसा क्या हुआ? क्योंकि आजकल सोशल मीडिया पर एक वर्ग विशेष के खिलाफ काफी बयानबाजी हो रही है, उनके खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है। इसको लेकर पीएम मोदी ने भाजपा नेताओं को नसीहत दे डाली।
बता दें कि भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मंगलवार को संपन्न हुई। इस बैठक में भाजपा की ओर से लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार की गई। इसी के तहत भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल को 2024 तक बढ़ाया गया है। इसी में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी कार्यकर्ताओं से बात की और उन्हें चुनावों का रोडमैप समझाया।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत का सबसे अच्छा युग आ रहा है, हमें इसके विकास के लिए खुद को समर्पित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए सबसे अच्छा समय है और हमें देश के विकास में योगदान देने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
इतना ही नहीं पीएम ने कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव को लेकर कुछ मंत्र भी दिए। इनमें सभी धर्मों और जातियों को साथ लेकर चलने के अलावा कार्यकर्ताओं से यूनिवर्सिटी और चर्च जाने के लिए भी कहा गया। पीएम ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत के वादे को याद दिलाते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं को सभी भाषाओं और संस्कृतियों का भी सम्मान करना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा नेताओं को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के बारे में गलत बयानबाजी न करें। कई नेताओं के बयान अमर्यादित होते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। किसी भी जाति-संप्रदाय के खिलाफ बयान नहीं देना चाहिए।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि उन्हें पासमांदा मुस्लिमों और बोहरा समुदाय से मिलना चाहिए। इसके अलावा उन्हें पढ़े-लिखे और प्रोफेशनल मुस्लिमों से भी बात करनी चाहिए। इसके बदले उनसे वोट की अपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने चुनाव को लेकर यह भी कहा कि हमें सक्रिय रहना है और आत्ममुग्ध नहीं होना है। कोई यह नहीं समझें कि मोदी आएगा और जीत दिला देगा। हमें इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा। पीएम ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि पिछली बार हम अतिआत्मविश्वास के कारण हार गए थे। इस बार हमें इससे बचना होगा। लोगों के बीच रहना होगा और मिलकर मेहनत करनी होगी।
अब बात पीएम मोदी की नसीहत पर करते हैं, लेकिन मीडिया सिर्फ यही दिखायेगा जो पीएम ने कहा। लेकिन पीएम मोदी की इन बातों के बाद तो हजारों सवाल उठने चाहिए, लेकिन सवाल उठाएगा कौन?
किसी में सवाल करने की या पूछने की हिम्मत जो नहीं है। जो भाजपा नेता दिन रात मुस्लिमों के खिलाफ टीका टिप्पणी करते थे क्या वे पीएम मोदी की हिदायत के बाद ऐसी बात करना छोड़ देंगे?
खैर, अब सवाल यह उठता है कि पीएम मोदी को आखिर भाजपा नेताओं को ऐसी नसीहत देनी की जरूरत क्यों आन पड़ी? क्या इससे समाज में गलत संदेश नहीं जाएगा? अब लोग भाजपा के उन नेताओं के बारे में क्या सोचेंगे जो दिन रात मुस्लिमों के खिलाफ अमर्यादित बयानबाजी कर रहे थे? उनके समर्थकों का क्या? ये सब सवाल हम आपके लिए छोड़े जा रहे हैं। आखिर पीएम मोदी ने कहा है, इसमें कुछ तो होगा ही?
ब्यूरो रिपोर्ट : मनीष कुमार अंकुर, खबर 24 एक्सप्रेस