डूंगरपुर जिले से एक बेहद ही डराने वाली घटना सामने आ रही है। यह घटना न केवल डरा रही है बल्कि लोगों को सोचने पर मजबूर कर रही है। कि कैसे भारत में एक मानसिक विकार रोगी को लोग भगवान समझने लग जाते हैं।
बता दें कि डूंगरपुर जिले के चितरी थाना क्षेत्र के झिंझवा फला गांव में दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। आस्था की आड़ में अंधविश्वास के चलते एक किशोरी ने दशा माता का भाव रखकर एक छोटी सी बच्ची की गर्दन ही उड़ा दी।
अंधविश्वासी परिवार और मानसिक रोगी लड़की के इस खेल ने किसी की हंसती खेलती जिंदगी ही उजाड़ दी।
डूंगरपुर जिले के चितरी थाने के थानाधिकारी गोविन्द सिंह ने बताया कि थानांतर्गत झिंझवा फला गांव में रविवार रात दशा माता व्रत पर्व के दौरान माताजी को अपने सिर पर आना बताते हुए एक 15 साल की किशोरी ने तलवार लेकर जमकर उत्पात मचाया। वहीं, सोई हुई अपनी 7 साल की भतीजी पर तलवार से ताबड़तोड़ वार करते हुए उसकी गर्दन ही धड़ से अलग कर दी।
थानाधिकारी गोविंद सिंह ने बताया कि चीतरी झिंझवा फला में शंकर पुत्र रामजी डेंडोर के घर पर हरियाली अमावस्या के दिन से दशामाता की प्रतिमा स्थापना कर रोजाना सुबह-शाम पूजा-अर्चना चल रही है।
इसके तहत रविवार रात को भी रोज की तरह दशा माता की पूजा आरती का कार्यक्रम रात 8 बजे से शुरू हुआ और देर रात तक चलता रहा। इसी दौरान शंकर की 15 साल की पुत्री हाथों में तलवार लेकर माता का भाव आना बताते हुए लोगों से कहने लगी कि मैं सबको मार डालूंगी। और फिर इसके बाद हाथ में नंगी तलवार लेकर तांडव मंचाने लग गई। हर किसी के ऊपर वो तलवार से वार कर रही थी लेकिन लोग इधर उधर भाग रहे थे। फिर अचानक वो 7 साल की सोई मासूम के पास पहुंची और उस हैवान लड़की ने मासूम पर तलवार से हमला कर दिया।
शंकर और उसका बड़ा बेटे सुरेश ने किशोरी को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान किशोरी ने पिता और भाई पर तलवार से वार किया। इससे दोनों को हल्की चोटें आई।
वहीं, उसी घर में सुरेश की 7 साल की बेटी वर्षा घर के अंदर सोई हुई थी। किशोरी उसके पास गई और उसे घसीटते हुए मकान के दूसरे हिस्से में ले जाकर तलवार से ताबड़तोड़ वार कर गर्दन धड़ से अलग कर दी। इधर जैसे-तैसे परिवार के लोगों ने घेरा डालकर किशोरी को पकड़ा।
घटना की सूचना पर चीतरी थानाधिकारी गोविंद सिंह मय जाप्ता मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। इधर, पुलिस ने आरोपी किशोरी को डिटेन कर लिया है। बांसवाडा से एसएफएल की टीम को बुलाया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आरोपी किशोरी के पास धारदार तलवार कहां से आई। जब वो तलवार चला रही थी तब उसके ऊपर किसी ओर ने उसे रोकने की कोशिश क्यों नहीं कि। डंडे के वार से उस मानसिक रोगी किशोरी को रोका जा सकता था। लेकिन परिवार के अंधविश्वास और लापरवाही ने एक बच्ची की हत्या करवा दी।
ब्यूरो रिपोर्ट : जगदीश तेली, डुंगरपुर