
राममंदिर की प्रतिकृती व केरल का वाद्य संच का आकर्षण यवतमाल मे प्रभु श्रीराम नवमी के अवसर पर रविवार 10 अप्रैल को शहर में रामनाम के गजर में भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया गया था। स्थानीय जयहिंद चौराह के श्रीराम मंदिर से एक आकर्षक रथ पर श्रीराम की भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
इस समय रामभक्तों ने हाथों से रथ को खिचा। शहर के सुप्रसिद्ध 3 ढोलपथक, 50 से अधिक झांकी, चित्ररथ इस शोभायात्रा में सहभागीता हूए थे। श्री रामनवमी शोभायात्रा समिति ने इस अवसर पर शहर में रामधून बजाई। साथ ही जगह जगह पर भजन व गायन के कार्यक्रम आयोजित किए थे। यवतमाल के सांस्कृतिक, सामाजिक व धार्मिक वैभवशाली रामनवमी शोभा यात्रा पिछले दो वर्षे से कोरोना संक्रमण की वजह से लगाए गए निर्बंध से आयोजित नही की गई थी। लेकिन इस वर्ष नियमों में ढील देने की वजह से भव्यदिव्य शोभायात्रा का अयोजन श्री रामजन्मोत्सव शोभायात्रा समिति की ओर से किया गया था।
इस समय शहर में सुबह से विविध कार्यक्रम शुरू थे. स्थानीय जयहिंद चौराह के श्रीराम मंदिर में दिन भर विविध धार्मिक कार्यक्रम शुरू थे। उसके बाद शाम 5 बजे श्रीराम, माता सीता व लक्ष्मण के मूर्तीं का विधिवत पूजन कर इस शोभायात्रा को जयहिंद चौक से प्रारंभ हुआ. रामभक्तो द्वारा यह रामरथ शोभायात्रा मार्ग पर हाथों से खिचा गया. शोभायात्रा मार्ग पर जगह जगह पर रंगोली, भगवा ध्वज, पताका लगाया गया था. साथ्ज्ञ ही विविध मार्ग पर भजन गायन कार्यक्रम आयोजित किए थे. इस समयप पुरे शहर में श्रीराम के प्रतिमा व फलक लगाए गए. साथ ही शहर के अनेक चौराह पर सामजिक प्रबोधन कार्यक्रम भी लिए गए. जयहिंद चौराह श्रीराममंदिर से शुरू हूई शोभायात्रा अप्सरा टॉकीज चौक, हनुमान आखाडा चौराह, इंदिरा गांधी मार्केट, नेताजी चौक, तहसिल चौक दत्तचौक मार्गे निकाली गई. उसके बाद संत सेना चौक में महाआरती के बाद शेाभा यात्रा का समापन किया गया. रामभक्तीमय वातावरण में निकलनेवाले इस शोभायात्रा से शहर गुंज गया था. पुरा शहर श्रीराम नाम में तल्लिन हुआ दिखाई दिया
प्रभू श्रीराम के प्रस्तावित राममंदिर की प्रतिकृति इस वर्ष से शोभायात्रा का मुख्य अकार्षण था. साथ ही केरल के 23 कलाकारों का पारंपारिक वाद्य संच ने नागरिकों का ध्यान खिचा. प्रभू श्रीराम व हनुमान के दस फीट उंचाई की मूर्ती शोभायात्रा में थी. साथ ही नस्करी पार्डी में 50 लोगो का भजनी मंडली, डेंटल डॉक्टर्स असोसिएशन की व्यसनमुक्ती इस विषयों पर झांकी, धार्मिक, ऐतिहासीक विषय समेत धार्मिक विषयों पर प्रबोधन करनेवाले इस झंकी व चलचित्र दिखावा इस शोभायात्रज्ञ में सहभागीता हूए. इस समय वारकरी संप्रदाय भजन मंडल का दस्ता, जिले का आदिवासी दंडार नृत्य, डफडी, व्यायाम स्कूल व प्राचीन आदिवासी संस्कृती की झलक इस शोभायात्रा में दिखने को मिली.
ब्युरो रिपोर्ट :- सचिन झिटे, यवतमाल